देश पर मरने मिटने वाले शहीदों की ऐसी दुर्दशा,
बुरहानपुर// वरिष्ठ पत्रकार त्रिलोक जैन की कलम से//जिस की शहादत पर देश का बच्चा-बच्चा गुनगुनाता था की खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी,
अंग्रेजों से वीरता पूर्वक लोहा लेने वाली झांसी की रानी की प्रतिमा की ऐसी दुर्दशा जिसे देखकर हर भारतवासी का शीश शर्म से झुक जाए आजादी के दीवानों की प्रतिमाएं उन्हें याद रख कर देश की आजादी हेतु दिए गए उनके बलिदानों और उनकी कुर्बानियों को आने वाली पीढ़ियों याद रखें इसलिए शहर के चौराहों पर लगाई जाती है परंतु अपनी प्रतिमाओं की दुर्दशा पर स्वयं आजादी के मतवाले आंसू बहाते होंगे नेपा फाटे पर लगाई गई झांसी की रानी की प्रतिमा अपने हालात पर आंसू बहा रही है। ज्ञात रहे कि इस मार्ग से जनप्रतिनिधि के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारी की सैकड़ों बार गुजरते हैं परंतु इस प्रतिमा की ओर ध्यान नहीं देना आश्चर्यजनक है। दुखद पहलू यह भी है कि प्रतिभा पर भारत जोड़ो यात्रा के स्लोगन भी लिख दिए गए हैं प्रशासन एवं पुरातन विभाग जहां निगम के माध्यम से शहर में लगी प्रतिमाओं पर रोजाना माल्यार्पण कर अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री कर लेते हैं वही झांसी की रानी की यह प्रतिमा खंडित अवस्था में नेपा फाटे पर आने जाने वाले लोगों का ध्यान आकर्षित कर रही है। क्या इस और जिम्मेदार ध्यान देंगे या सिर्फ कमीशन बाजी के निर्माण में ही लगे रहेंगे यह विचारणीय प्रश्न हर व्यक्ति के जेहन में है।
वरिष्ठ पत्रकार त्रिलोक जैन की कलम से
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