A description of my image rashtriya news चीनी के दियो से भरा बाजार,कुम्हार समुदाय लोग हों रहें बेरोजगार - Rashtriya News Khabre Desh Prdesh Ki

Header Ads

चीनी के दियो से भरा बाजार,कुम्हार समुदाय लोग हों रहें बेरोजगार

 


बुरहानपुर/दीपों का पर्व चौका बहुत जल्दी ही घर घर मैं जाएगी हम वर्ष के सबसे बड़े त्यौहार दीपावली को मनाने की लगभग सभी तैयारियां पूर्ण करने की ओर है दीपावली का त्यौहार हमारे लिए एक बड़ा त्यौहार है लेकिन इस त्यौहार से कई लोगों के परिवार वर्ष भर जलते हैं भारत वर्ष में एक समुदाय जिसके लिए दीपावली का त्यौहार एक महत्वपूर्ण त्योहार ही नहीं बल्कि वर्ष भर जीवन यापन का एक जरिया भी है उस समझदारी को हम कुमार समुदाय के रूप में भी जानते हैं पूरे वर्ष भर दीपावली के त्यौहार का बड़ी बेसब्री से इंतजार करता है क्योंकि इस त्यौहार में उसके द्वारा निर्मित की गई मिट्टी के वस्तुएं की बिक्री से आमदनी उससे वर्षा की अधिकांश समय अपने परिवार का पालन पोषण करना होता है

कुमार सानू के आर्थिक तंगी का हो रहा है शिकार

कुछ ही दिनों के बाद दीपावली का त्यौहार आने वाला है और मार्केट में जियो की मांग बढ़ने मरने।


लेकिन विगत कुछ वर्षों से अपने पारंपरिक कार्य करने वाले कुमार आर्थिक तंगी की मार झेल रहा है मीटिंग के बारे में परिवर्तनों दीपू एवं लक्ष्मी जी की मूर्तियों का स्थान आप चीनी बाजार से आने लगा सामग्रियों ने प्रारंभ कर दिया मिट्टी के दीयों की जगह आर्टिफिशियल झुमरू एवं चाइना से बंद कराने वाले दीवाने ले ली है सुंदर एवं कम बजट की होने के चलते आम लोगों द्वारा सामग्रियों को ज्यादा पसंद किया जाने लगा है आम जनता द्वारा पूजन हेतु परंपरा अनुसार महज कुछ ही बीयर लेकर से सामग्री चाइना बाजार की अपील की जा रही है जिसके चलते पारंपरिक व्यवसाय करने वाले को मारो के सामने एक बड़ी समस्या बनकर आ रही है वर्ष भर एक ही व्यवसाय पर निर्भर रहने वाले को मारो के सामने चाइना से आने वाली सामग्री उनके परिवार के लिए आर्थिक संकट पैदा कर रही है


पूजन में हेमंती दीपू के मूर्ति का महत्व


शास्त्रों के अनुसार दीपावली एसे सनातन पर्व का कई मायने में अलग-अलग अर्थ है ऐसे सुख समृद्धि यश का त्योहार माना जाता है पंडित महेश तिवारी के अनुसार दीपावली का त्योहार पारंपरिक रूप से मनाना चाहिए जिसने पूजा के लिए मिट्टी के दिए तथा मिट्टी से ही निर्मित लक्ष्मी जी की प्रतिमा का पूजन गीत किया जाना चाहिए वही लक्ष्मी जी की प्रतिमा के समक्ष दानपात्र के रूप में रखे जाने वाले छात्र भी मिट्टी के ही होना चाहिए जिससे यह समृद्धि की प्राप्ति होती है


देसी नहीं चीनी दीपू पोकीमॉन बड़ी है


पारंपरिक रूप से भारत में बनाने वाले मिट्टी के दिए दिन-ब-दिन के होते जा रहे हैं हिंदी ओके मांगे होने के कारण अब आम जनता चाइना बाजार के दीपक को की ओर आकर्षित हो रही है साथ ही सात बनावट में भी चाइना के बने हुए दीपक आदर्श होने के कारण अभी आम जनता का रुझान चाइना के दीपों की ओर अधिक बढ़ रहा है जिसके चलते हैं पारंपरिक व्यवसाय करने वाले कुमारों की बिक्री कम हो रही है

कोई टिप्पणी नहीं

Blogger द्वारा संचालित.