A description of my image rashtriya news मदरसों के सर्वे से कोई वैध या अवैध का आंकड़ा नहीं मिल पाएगा मदरसों के सर्वे रिपोर्ट की जानकारी 25 अक्टूबर की बजाए अब 15 नवम्बर तक मिल पाएगी* - Rashtriya News Khabre Desh Prdesh Ki

Header Ads

मदरसों के सर्वे से कोई वैध या अवैध का आंकड़ा नहीं मिल पाएगा मदरसों के सर्वे रिपोर्ट की जानकारी 25 अक्टूबर की बजाए अब 15 नवम्बर तक मिल पाएगी*



मदरसों के सर्वे से कोई वैध या अवैध का आंकड़ा नहीं मिल पाएगा मदरसों के सर्वे रिपोर्ट की जानकारी 25 अक्टूबर की बजाए अब 15 नवम्बर तक मिल पाएगी*


👉 मदरसों के छात्र-छात्राओं को गुणवत्तायुक्त एवं बेहतर शिक्षा देना राज्य सरकार की प्राथमिकता   मदरसों के इतिहास और आज़ादी की लड़ाई में उनके रोल को कोई भुला नहीं सकता


उत्तर प्रदेश में मदरसों के सर्वे का काम अभी भी चल रहा है। सर्वे की रिपोर्ट आने से पूर्व में ही कयासों का दौर भी चलने लगा रहा है जबकि सर्वे के द्वारा केवल एक डाटा हमें प्राप्त होने वाला है। सर्वे के बाद उन गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के बच्चों के तालीम की स्थिति जानने के बाद उन्हें देश व समाज की मुख्यधारा में लाकर उनके विकास की योजनाएं बनाई जाएंगी। यह बातें उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने जारी एक बयान में कहीं। ग़ौरतलब है कि कुछ जिलों में सर्वे का काम लगभग पूरा हो चुका है जबकि कुछ ज़िलों में सर्वे का काम अभी भी जारी है। डॉ. जावेद ने कहा कि गलत कामों पर कार्रवाई करना सरकार का हक़ है लेकिन अभी जो ग़ैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे हो रहा उसमें सही या ग़लत की कोई जानकारी मिलना असंभव है क्योंकि यह सर्वे केवल ग़ैर मान्यता प्राप्त मदरसों के हालात के अध्धयन के दृष्टिगत हो रहा है नाकि सर्वे का मकसद मदरसों को गलत या सही साबित करना। डॉ. जावेद ने बतलाया कि प्रदेश के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे की समयावधि 20 अक्टूबर तक बढ़ाई गई है। जिलाधिकारी द्वारा सर्वे का डाटा 15 नवम्बर तक शासन को उपलब्ध कराया जायेगा। कुछ जिलों में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है़ जिसे जिलाधिकारी के स्तर से डाटा शासन को उपलब्ध कराया जाना है़। कुछ उत्साहित लोग बेवजह हौवा खड़ा करके कार्य को बाधित करना चाहते हैं जो निंदनीय, चिंतनीय व अनैतिक है़। मदरसों के छात्र-छात्राओं को गुणवत्तायुक्त एवं बेहतर शिक्षा देना राज्य सरकार की प्राथमिकता है जिसके लिए समूचे उत्तर प्रदेश में सर्वे का कार्य किया जा रहा है। डॉ. जावेद ने कहा कि मदरसों के इतिहास और आज़ादी की लड़ाई में उनके रोल को कोई भुला नहीं सकता। मदरसे अन्तोदय की तर्ज़ पर ग़रीब, कमज़ोर व पसमांदा समाज के बच्चों को शिक्षित करने का कार्य कर रहे हैं। डॉ. जावेद ने कहा कि मैं समाज के सभी बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों, समाजसेवियों व राजनीतिज्ञों समेत सभी महानुभावों से अपील करता हूं कि बच्चों की शिक्षा से जुड़े विषय पर ऐसी कोई बातें ना करें जिससे एक साधारण से सर्वे को संपन्न कराने में किसी किस्म की बाधा उत्पन्न हो। सरकारें समय समय पर स्कूलों, कॉलेजों व विश्विद्यालयों के सर्वे कराती रहती है़ पहली बार मदरसा बोर्ड द्वारा प्रस्तावित शासन द्वारा अनुमोदित मदरसों का सर्वे हो रहा है। उत्सुकता का होना स्वाभाविक है लेकिन गलत सोच को पैदा करने से बच्चों के भविष्य के साथ मज़ाक हो जाएगा क्योंकि यह सर्वविदित है कि मदरसों में पढ़ने वाले अधिकतर बच्चे देश और समाज के अंतिम स्थान पर खड़े गरीब, कमज़ोर व लाचार घरों के होते हैं। जिन्हें कहीं प्रवेश नहीं मिल पाता है़ वो समाज के चंदे और जकात के पैसों से चलने वाले मदरसों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

कोई टिप्पणी नहीं

Blogger द्वारा संचालित.