rashtriya news शिविर में आपरेशन नहीं होता तो जीवनभर सहता पाइल्स का दर्द- प्रिशियस हास्पिटल में नि:शुल्क आपरेशन शिविर का समापन- सांसद ने कहा- लाखों का पैकेज छोड़ डा. मलिकेंद्र पटेल ने खंडवा-बुरहानपुर को बनाया कर्मभूमि - rashtriya news khabre Desh prdesh ki

Header Ads

शिविर में आपरेशन नहीं होता तो जीवनभर सहता पाइल्स का दर्द- प्रिशियस हास्पिटल में नि:शुल्क आपरेशन शिविर का समापन- सांसद ने कहा- लाखों का पैकेज छोड़ डा. मलिकेंद्र पटेल ने खंडवा-बुरहानपुर को बनाया कर्मभूमि

बुरहानपुर। इंदिरा कालोनी स्थित प्रिशियस लाइफ केयर हास्पिटल में आयोजित दो दिवसीय नि:शुल्क आपरेशन शिविर का समापन रविवार को सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल की अध्यक्षता व डॉ आनंद दीक्षित के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न में हुआ। इस शिविर में इप्सा इंडोस्कोपी एवं लेजर सर्जरी सेंटर खंडवा के ख्यातिलब्ध डा. मलिकेंद्र पटेल ने लेजर और स्टेपलर पद्धति से 28 मरीजों के पाइल्स, फिशर और फिस्चुला के नि:शुल्क आपरेशन किए। शिविर में खंडवा से आए बुजुर्ग राजमल जैन से जब पूछा गया कि उनका अनुभव कैसा रहा, तो उनकी आंखें भर आईं। रुंधे गले से उन्होंने कहा कि इस नि:शुल्क शिविर में यदि उनका आपरेशन नहीं होता तो शायद जीवनभर उन्हें पाइल्स का दर्द सहना पड़ता। इस आपरेशन में 40 से 50 हजार रुपये का खर्च डाक्टरों ने बताया था। इतनी बड़ी रकम उनके पास नहीं थी। जिसके चलते बीते दस साल से इस दर्द के सहन कर रहे थे। बुजुर्ग मरीज ने डा. मलिकेंद्र पटेल और प्रिशियश हास्पिटल के संचालक ऋषि बंड को आशीर्वाद देते हुए कहा कि ईश्वर उन्हें और तरक्की दे। 
समापन समारोह में शामिल हुए सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने कहा कि ऐसे लोग बहुत कम होते हैं जो अपनी जन्मभूमि को कर्मभूमि बनाते हैं। डा. मलिकेंद्र पटेल उनमें से एक हैं। उन्होंने बड़े अस्पतालों का लाखों रुपये का पैकेज छोड़कर खंडवा और बुरहानपुर में समाजसेवा की राह चुनी। इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। वही बुरहानपुर प्रेस क्लब अध्यक्ष डॉ आनंद दीक्षित ने कहा कि पहले डॉक्टर को पृथ्वी पर प्रभु का अवतार माना जाता था। एक समय ऐसा आया कि कुछ हॉस्पिटलों ने इस पेशे को धन उपार्जन का साधन बना लिए। आज के इस दौर में डॉ. मलिकेन्द्र पटेल जिस तरह से केम्प लगा कर निस्वार्थ भाव से रोगियों की सेवा कर रहे हैं वाकई साधुवाद के पात्र हैं। मैं ऋषि बंड एवं प्रिशिएश टीम को साधूवाद देता हूँ। भविष्य में भी इसी तरह केम्प लगा कर मरीजों का इलाज करते रहे यही मेरी शुभकामनाएं हैं। इस पुनीत कार्य मे यदि मैं कोई मदद कर पाया तो इसे मैं अपना सौभाग्य समझुगा।
बहादरपुर सरपंच प्रवीण शहाने ने ने कहा कि आप दोनों भाइयों ने यह स्वास्थ्य शिविर ऐसे ही हंसते खेलते लगा लिया लेकिन इस स्वास्थ्य शिविर का वास्तविक सुख और खुशी इन सामने बैठे मरीजों के मुख पर दिखाई दे रही है । मेरे बचपन के मित्र संतोष सावले ने भी इस शिविर में अपना सफल ऑपरेशन करवाया इस शिविर से पहले उससे मेरी मुलाकात हुई उसने मुझे कहा भाई प्रवीण मुझे बहुत तकलीफ है मुझे उधार या ब्याज के पैसे दिला कर मेरा ऑपरेशन जलगांव या औरंगाबाद करवा देना।  लेकिन संयोग देखो ऋषि का मुझे कॉल आया और उसने मुझे इस स्वास्थ शिविर की जानकारी दी जैसे ही मैंने यह जानकारी संतोष को दि जिससे उसका सफल ऑपरेशन निशुल्क डॉक्टर मलिकेंद्र पटेल ने किया। मैं दोनों भाई मलिकेन्द्र  पटेल और ऋषि बंड़ को इस सफल आयोजन पर बधाई देता हूं।

 इस दौरान मंच पर डा. आनंद दीक्षित डा. मलिकेंद्र पटेल, डा. दर्पण टोके, डॉ रेहाना बोहरा,प्रवीण शहाणे,उपेंद्र गुजराती,अशोक टोके, मोतीलाल तापड़िया,महेश गुजराती,मुकेश देवड़ा, किशोर शाह ,महेंद्र बघेल सहित अन्य गणमान्यजन मौजूद थे। संचालन नीरज कक्कड़ ने किया।
संयोगवश एक मई को डा. मलिकेंद्र पटेल की शादी की सालगिरह भी थी। जिसके चलते अस्पताल की ओर से संचालक ऋषि बंड़ व राजवंती बंड़ ने डा. मलिकेंद्र व उनकी पत्नी डॉ रूपलता पटेल को मालाएं पहना कर बधाई दी गई। 

लगा ही नहीं कि आपरेशन हो रहा
लालबाग क्षेत्र के सचिन व्यास ने बताया कि उनका भी पाइल्स का नि:शुल्क आपरेशन हुआ है। वे करीब चार साल से पीड़ित थे। लोगों की सलाह पर वे डा. मलिकेंद्र के पास खंडवा जाने वाले थे। इसी बीच ऋषि बंड से यहीं नि:शुल्क शिविर की जानकारी मिली। गत 15 अप्रैल को जांच के बाद उन्हें आपरेशन के लिए चयनित कर लिया गया। उन्होंने बताया कि आपरेशन के दौरान डाक्टर व प्रिशियश हास्पिटल के स्टाफ ने इस तरह खुशनुमा माहौल बना दिया था, कि पता ही नहीं चला कब आपरेशन हो गया। आपरेशन के साथ ऋषि बंड ने दवा भी मुफ्त दिलाई है। लेजर और स्टेपलर पद्धति से पाइल्स व फिशर का आपरेशन कराने वाले डा. महेश पटेल झिरन्या ने बताया कि वे इंदौर, भोपाल व भुसावल में इलाज करा कर थक गए थे। उन्होंने कहा कि ऋषि बंड को भगवान कृष्ण की कृपा जरूर मिलेगी। क्योंकि कृष्ण जी ने कहा था कि मैं उससे खुश होता हूं जो दूसरे जीवों की सेवा करता है। उन्होंने बताया कि लेजर तकनीक से बिना टांका, बिना खून बहे दर्द रहित आपरेशन हुआ है। इस सवास्थ्य शिविर में मुख्य सहयोगी डॉ मुफदल बोहरा,डॉ रेहाना बोहरा,के साथ डॉ अंशिका श्रीवास्तव का भरपूर सहयोग रहा है। वही डॉ रेहाना बोहरा की ओर से ओ टी टेबल,बोईल्स,के साथ अपने स्टॉफ को भी शिविर में सहयोग के लिए भेजा गया। वही कार्यक्रम के अंत मे सभी अतिथि का आभार हॉस्पिटल संचालक ऋषि बंड़ ने माना।

कोई टिप्पणी नहीं

Blogger द्वारा संचालित.