जल की बूंद-बूंद का संचय वर्तमान समय की मांग-पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस
बुरहानपुर। पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) बुरहानपुर जिले के भिन्न-भिन्न गांवों का दौरा कर जल संरक्षण एवं संवर्धन के प्रयासों एवं कार्यांे को गति देने के लिए लगातार प्रयासरत और प्रयत्नशील है। बुधवार को श्रीमती चिटनिस ने ग्राम पिपरी एवं ग्राम गोराड़ा सहित शाहपुर क्षेत्र का दौरा कर ‘‘जल शक्ति से जल जीवन‘‘ जल अभिषेक अभियान अंतर्गत अमृत सरोवरों के तहत भूमिगत जलस्तर में वृद्धि एवं जल संरक्षण हेतु निर्माणाधीन जल संग्रहण संरचनाओं एवं प्रगतिरत कार्यांे का अवलोकन किया। इस दौरान श्रीमती चिटनिस के साथ जिला पंचायत सदस्य गुलचंद्रसिंह बर्ने, वीरेन्द्र तिवारी, विनोद चौधरी, प्रदीप पाटिल, वैभव महाजन, नितीन महाजन, सुनिल बंड, रवि जैन एवं अर्जुन चौधरी सहित अन्य जनप्रतिनिधि, संबंधित विभाग के अधिकारियों, जल समिति ‘‘पानी परिवार‘‘ के पदाधिकारी, सदस्य व ग्रामीणजन उपस्थित रहे।
पूर्व मंत्री श्रीमती चिटनिस को बुरहानपुर के शाहपुर अमरावती नदी पर स्थित डेम में अत्याधिक गाद भराव होने तथा डेम क्षतिग्रस्त होने की जानकारी किसानों द्वारा प्राप्त हुई थी। जिस पर श्रीमती चिटनिस ने तुरंत मौका स्थल का निरीक्षण कर शीघ्रता-शीघ्र डेम से गाद निकालने तथा डेम की मरम्मत किए जाने हेतु संबंधित अधिकारियों से चर्चा की।
श्रीमती चिटनिस ने बुरहानपुर जिले में वृहद स्वरूप की गुणवत्तापूर्ण और उपयोगी जल संग्रहण संरचनाओं अमृत सरोवरों के निर्माण कार्यांे को भी देखा। जल संग्रहण संरचनाओं-अमृत सरोवरों का निर्माण मनरेगा के साथ-साथ जनभागीदारी से भी किया जा रहा है। साथ ही जल भंडारण क्षमता सृजित हाूेने पर लाभ प्राप्त करने वाले किसानों-ग्रामीणों का योगदान भी लिया जा रहा है।
पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि बुरहानपुर क्षेत्र में जल स्तर निरंतर घटते हुए लगभग 1100 से 1200 फिट नीचे पहुंच गया है, जो बड़ी चिंता का विषय बनकर सामने आया है। इस गिरते भू-जलस्तर को देखते हम भविष्य की कल्पना कर सकते है कि यह कही त्रासदी न बन जाए? श्रीमती चिटनिस ने कहा कि पानी पृथ्वी का अमृत है। पानी का बचाव करना हम सभी के लिए आवश्यक है। पुराने जल स्त्र्रोतों को सुदृढ़ कर रहे हैं। भूमिगत जलस्त्रोतों का लगातार शोषण किया गया, जिससे जलस्तर घटता जा रहा है। जंगल कटने से पर्यावरण असंतुलन हो गया और पानी का स्तर भी कम होता जा रहा है। ऐसे में पौधरोपण बढ़ाना जरूरी है, नई जल संरचनाएं बनाना जरूरी है। भू-जल स्तर को ऊपर उठाने के लिए हर गांव में तालाब होने चाहिए। श्रीमती चिटनिस ने उपस्थितजनों के साथ जल संग्रहण संरचनाओं के जीर्णाेद्धार, सुदृढ़ीकरण, मरम्मत सहित नवनिर्माण कार्यों की समीक्षा की।
श्रीमती चिटनिस ने कहा कि ‘‘जल शक्ति से जल जीवन‘‘ हमारा ध्येय वाक्य है। बरसात का पानी सेहजेंगे तो भूमि में पानी होगा, भूमि में पानी हुआ तो टंकिया भरेंगी, टंकियां भरी तभी तो घर-घर के नल में जल पहुंचेगा...। खेती-किसानी व उद्योग-धंधों की दृष्टि से भी भूमिगत जल स्तर जिस गति से गिरता जा रहा है, उसे अब सबको मिलकर सम्भालना ही होगा।
पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि बुरहानपुर जिले में एक असाधारण अदभूत आवश्यक अभियान की शुरूआत हुई है, यह अचानक नहीं हुआ। सतत् प्रयास व ग्रामीणों, पंचायत, आरईएस, डब्ल्यूआरडी एंव जिला प्रशासन के बीच परस्पर सामांजस्य व विश्वास से ही संभव हो सका है। गांव में जल समितियों ‘‘पानी परिवार‘‘ का गठन किया गया। जन सहभागिता, जनसहयोग से आत्मविश्वास के साथ अभियान आगे बढ़ाया जा रहा है। अभियान के अंतर्गत जन संवाद से समस्त जल संबंधित कार्य किए जा रहे है। पानी परिवार के माध्यम से गांव की बरसाती नदियों, नाले-नालियों, डेम, बोरी बंधान सहित इत्यादि जहां बारिश के पानी को सहेजा जा सके, ऐसे स्थानों को चिन्हित कर उसका गहरीकरण, सुदृढ़ीकरण, जीर्णाेद्धार और मरम्मत की जा रही है। श्रीमती चिटनिस ने नागरिकों से इस पुनीत काम में योगदान देने का आग्रह किया। सरकार और समाज मिलकर प्रयास करेंगे, तो पानी के मामले में बुरहानपुर अव्वल बन जाएगा। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के साथ-साथ पौधरोपण भी अवश्य कीजिए।
श्रीमती चिटनिस ने कहा कि जल की बूंद-बूंद का संचय वर्तमान समय की मांग है। यह कार्य सामाजिक जुड़ाव और जल संचय के वातावरण निर्माण से संभव है। जल शक्ति से जल जीवन मिशन की अवधारणा जनसहभागिता से ही सुनिश्चित की जा सकती है। इसके लिए ग्रामीणों को अपना उत्तरदायित्व तथा भूमिका का निर्वहन करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जल की शक्ति से ही जीवन है। जल के महत्व को समझने की जरूरत है। यह कार्य केवल शासन-प्रशासन के द्वारा संभव नहीं हो सकता, इसमें जनसहभागिता बहुत आवश्यक है। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वह जल को सहेजने तथा जल संरचनाओं के बेहतर देखभाल सुनिश्चित करें, जिससे जल का अभाव न होने पाए।
श्रीमती चिटनिस ने दिन-प्रतिदिन बढ़ते तापमान के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रकृति जल, पर्यावरण तथा अधिक से अधिक पौधारोपण के लिए हम सबको प्रेरित कर रही है। सभी को अपनी जवाबदारी समझकर पौधों का रोपण व जल का संरक्षण करना चाहिए।
दिनांक:- 27 अप्रैल 2022
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