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‘गो हेरिटेज रन’ में उत्साह से लबरेज रहे धावक, 5 साल से लेकर 76 वर्ष के प्रतिभागी हुए शामिल- मध्यप्रदेश के पेंच नेशनल पार्क में आयोजित हुई रन में देशभर से 225 धावक हुए शामिल

 

   भोपाल/    पार्क की खूबसूरती के कायल हुए फिटनेस लवर 
13.03.2022, भोपाल. एक तरफ दौड़ते कदमों का अद्भूत उत्साह था तो दूसरी तरफ चारों तरफ बिखरी हरियाली छटा को निहारती नजरें। यह दृश्य था मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में स्थित पेंच नेशनल पार्क में आयोजित ‘गो हेरिटेज रन’ का। वेलनेस टूरिज्म के तहत आयोजित यह दौड़ मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने प्रदेश के पर्यटन स्थलों के संरक्षण, संवर्धन के प्रति जागरूकता बढ़ाने और स्वच्छता को लेकर अलख जगाने के उद्देश्य से आयोजित की है। यह दौड़ अन्य दौड़ों से इस लिए भी अलग थी, क्योंकि, यहां धावक एक दूसरे को हराते हुए नहीं बल्कि उत्साह बढ़ाते हुए चल रहे थे। नागपुर, हैदराबाद, बेंगलुरु, झांसी, आगरा, गुरुग्राम, मुंबई सहित देश और प्रदेश के 225 से अधिक प्रतिभागियों ने इसमें हिस्सा लेकर सफल बनाया। दौड़ में उम्र सीमा नहीं होने की वजह से सबसे कम उम्र की धावक 5 साल की बच्ची से लेकर 76 साल के धावक भी शामिल हो सकें। प्रतिभागियों ने 5 किमी, 10 किमी और 21 किमी दौड़ में हिस्सा लिया। यह दौड़ पार्क स्थित किपलिंग कोर्ट से क्रमश: सुबह 7:00 बजे, सुबह 6:45 बजे और सुबह 6:30 बजे शुरू हुई। 21 किमी दौड़ को श्री एस. पी. सिंह, महाप्रबंधक संचालन, एमपीएसटीडीसी, भोपाल और श्री के. एल. पटेल, क्षेत्रीय प्रबंधन, एमपीएसटीडीसी, जबलपुर ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर श्री अशोक मिश्रा, पेंच वन विभाग के क्षेत्रीय निदेशक और श्री लोचन सिंह, पेंच वन समिति सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। सभी प्रतिभागियों को एक प्रमाण पत्र, एक टी-शर्ट और एक मेडल दिया गया। 
पेंच नेशनल पार्क के बारे में-
मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में स्थित पेंच नेशनल पार्क मे बाघ, तेंदुए, भेड़िये, जगली भैसें, हिरन, बारह सिंगा, मोर, काले हिरन सहित कई प्रजाति के पक्षी निवास करते हैं। पेंच टाईगर रिजर्व व इसके आस-पास का क्षेत्र रूडियार्ड किपलिंग के प्रसिद्ध ‘द जंगल बुक’ का वास्तविक कथा क्षेत्र है। इस उद्यान का नाम पेंच नदी के नाम पर रखा गया है जो कि पार्क के बाचों-बीच से बहती है एवं पार्क को दो भागों मे विभाजित करती है। इस पार्क को 1983 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था। पेंच नेशनल पार्क में ग्राम कर्माझिरी और टुरिया, दो प्रवेश द्वारों से प्रवेश किया जा सकता है। इन दोनों जगह पर पर्यटकों के लिए वन, पर्यटन विभाग और निजी होटल के साथ घूमने के लिए वाहन उपलब्ध होते हैं। पार्क हर साल अक्टूबर से जून तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है।
 
 
 

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