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कृषि की विविधीकरण और प्राकृतिक खेती‘‘ विषय पर कार्यशाला 12,13 व 14 मार्च को-पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस

बुरहानपुर। बुरहानपुर जिले में मसाला फसलों की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए कृषकों को नवीनतम उत्पादन तकनीकी, प्रसंस्करण तकनीकी, प्रसंस्करण अधोसंरचना, उन्नत एवं प्रमाणित बीज की उलब्धता सुनिश्चित करने, विपणन व्यवस्था एवं क्रेता-विक्रेता इत्यादि हेतु बुरहानपुर सहित निमाड़ क्षेत्र में मसाले खेती (बीज से बीज) के प्रोत्साहन हेतु ‘‘कृषि की विविधीकरण और प्राकृतिक खेती‘‘ विषय पर 12 से 14 मार्च 2022 तक तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन होगा। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) के लगातार प्रयासों एवं पहल पर उक्त आयोजन की कार्ययोजना तैयार कर समन्वय व सहमति बनी है।
इसी तारतम्य में 23 फरवरी को बैठक आयोजित कर कार्ययोजना तैयार की गई। इसमें पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी), सांसद श्री ज्ञानेश्वर पाटिल, प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड श्री विकास नरवाल, बुरहानपुर कलेक्टर प्रविणसिंह, कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी) जबलपुर निदेशक श्री एसआरके सिंह, नाबार्ड, एल.डी.एम., एवं उपसंचालक उद्यानिकी एवं कृषि विभाग के अधिकारीगण उपस्थित रहे। 
बैठक में सांसद श्री ज्ञानेश्वर पाटिल ने किसानों को गुणवत्तायुक्त उत्पादन हेतु सलाह देने की आवश्यकता पर जोर दिया। देश में मसालों की मांग और इसके निर्यात में हो रही बढ़ोतरी से किसानों का रूझान मसालों की खेती की ओर हो रहा है। मसाला फसलों की खेती कर कई किसान अच्छा मुनाफा कमा रहे है। 
बैठक के आरंभ में कलेक्टर श्री प्रविणसिंह ने कार्यशाला के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कार्यशाला की रूपरेखा से अवगत कराया। उन्होंने आगामी दिनों में संबंधित विभागों को समन्वय स्थापित कर तैयारियां-कार्ययोजना हेतु बैठक किए जाने के निर्देश भी दिए।
पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि बुरहानपुर देशभर में केले की खेती के लिए प्रसिद्ध है। बुरहानपुर जिले में मसाला फसलों का क्षेत्रफल लगभग 4252 हेक्टेयर है। जिले के कृषक खेती की नवीनतम तकनीकों एवं विधियों को अंगीकृत करने में अग्रणी है। बुरहानपुर, खंडवा तथा खरगोन में मसाले वाली फसलों जैसे हल्दी, अदरक, लहसुन व प्याज का रकबा दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। मसाले वाली फसले खरीफ एवं रबी में एक अच्छा विकल्प है, जिससे किसानों की आय में अधिक से अधिक वृद्धी हो सकती है। बुरहानपुर एवं खंडवा जिले में हल्दी, लहसुन एवं प्याज के बीजोत्पादन का कार्य हो रहा है। साथ ही अरबी का उत्पादन भी बढ़ रहा है। हल्दी के प्रमाणित बीज उपलब्ध कराकर हल्दी की उत्पादकता में वृद्धी के साथ प्रसंस्करण की नई तकनीक से किसानों को रूबरू कराने के साथ-साथ उपरोक्त वर्णित फसलों के उत्पादन तकनीक एवं प्रसंस्करण तकनीकों का प्रचार-प्रसार कर मार्केट के लिए एक महती आवश्यकता है।
श्रीमती अर्चना चिटनिस ने आयोजित हुई वर्चुअली बैठक में कहा कि मसालों के प्राथमिक प्रसंस्करण एवं द्वितीयक प्रसंस्करण की कार्ययोजना, देश एवं प्रदेश में संचालित योजनाओं के साथ समन्विक कर मूल्य संवर्धन के लिए र्स्टाटअप का रोड मैप तैयार करना तथा मंडी में मसालों के प्रसंस्करण पर अधोसंरचना का विकास पीपीपी मोड पर तैयार करना एवं मंडी द्वारा एपीडा के माध्यम से क्रेता-विक्रेता सम्मेलन किए जाने हेतु सुझाव रखे। उन्होंने मंडी बोर्ड, संबंधित विभाग एवं उद्यानिकी विभाग को बाजार उन्मुखी एमओयू तैयार कर, क्रियान्वयन करने तथा मसालों के अंतर्राज्यीय व अंतर्राष्ट्रीय विपणन का लिंकेज तैयार करवाके निर्यात को प्रोत्साहन किए जाने की बात कही।
श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि निमाड़ क्षेत्र मसाला (बीज) सीड स्पाईस मसाला (फल) एवं अन्य मसाला फसलों के बीज उन्नयन एवं उत्पादन के साथ-साथ बुआई व रूपाई की तकनीक, कटाई तथा प्रसंस्करण की तकनीक, उन्नत मशीनीकरण व उन्नत विपणन सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इसमें आत्मा, कृषि विज्ञान केन्द्र, उद्यानिकी, उद्योग एवं मंडी बोर्ड, एपीडा, कृषि विज्ञान केन्द्र, प्रमाणिकरण संस्था के साथ-साथ विशेष रूप से विशेषज्ञ संस्था भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अजमेर, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद केरला के साथ समन्वय स्थापित कर एक विस्तृत कार्ययोजना एवं उसके समयबद्ध कार्यक्रम क्रियान्वयन की महती आवश्यकता है। श्रीमती चिटनिस ने कहा कि मसाला खेती के लिए प्रोत्साहन व मसाला खेती करने वाले किसानों की सभी समस्याओं व शंकाओं के समाधान के लिए ‘‘टोटल सालूशन‘‘ हेतु आयोजन किया जाएगा। इस हेतु जन सहयोग परिषद द्वारा संबंधित शासकीय विभाग, विशेषज्ञ संस्थाओं के परामर्श से कार्ययोजना तैयार की गई है। इस आयोजन के तत्वावधान में बायर-सेलर मीट के माध्यम से मार्केटिंग, कांट्रेक्ट फार्मिंग एवं एक्सपोर्ट इत्यादि के लिए मसाला खेती करने वाले कृषकों को प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जा सकेगा।
ज्ञात हो कि पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस गत कुछ माह से प्रकृति को संभालते हुए खेती करने और आमदनी वृद्धि हेतु लगातार किसानों के मध्य प्रयासरत और प्रयत्नशील रही है। बुरहानपुर जिले सहित निमाड़ मंे मसाला खेती को प्रोत्साहित करने तथा कृषकों को नवीनतम उत्पादन तकनीकी, प्रसंस्करण तकनीकी, प्रसंस्करण अधोसंरचना, विपणन व्यवस्था एवं क्रेता-विक्रेता मीट के संबंध में लगातार उच्चाधिकारियों से बैठकों, पत्राचार इत्यादि किया जाता रहा है। 
बैठक में श्रीमती चिटनिस ने मसालों के द्वितीयक प्रसंस्करण की उच्च तकनीकी एवं संसाधन के बारे मंे जानकारी, विभिन्न मसालों के उन्नतशील प्रजातियां तथा ब्रिडर सीड की उपलब्धता की जानकारी, प्रमुख मसालों के बीज से बीज उत्पादन की तकनीकी का संक्षिप्त परिचय, तकनीकी संस्थाओं द्वारा मसाला हब बनाने हेतु रोड मैप तैयार करने की बात कही। उन्होंने कृषकों को प्रमुख तकनीकी संस्थाओं द्वारा तकनीकी मार्गदर्शन (समय-समय), तकनीकी प्रदर्शन की सहायता उपलब्ध कराने जाने हेतु भी सुझाव रखे। 

दिनांक:- 23 फरवरी 2022
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