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देसी गाय पालको को पाँच हजार की प्रोत्साहन राशि का फायदा

इंदौर.

भारत में देशी गाय पालन लगातार कम होता जा रहा है और लोग ज्यादा दूध की चाहत में जर्सी और विदेशी नस्ल की गाय पालने लगे हैं। 



लेकिन अब इंदौर दुग्ध संघ की अनूठी योजना के बाद देसी गाय के पालन को बढ़ावा मिल सकता है। संघ की नई योजना के अनुसार देशी गाय बछिया का पालन करने पर यदि वह पहली बार मां बनती है, तो उस पालन करने वासे परिवार को पांच हजार रुपये दिये जाएंगे।

शुरु हो गये रजिस्ट्रेशन

अब योजना लागू करने के बाद इंदौर दुग्ध संघ ऐसे गोपालकों का रजिस्ट्रेशन करेंगा, जिनके पास देसी गाय है और उनके बछिया हुई है। रजिस्ट्रेशन के बाद पूरा ब्योरा दुग्ध संघ के पास जमा रहेगा। 



इस योजना से 1638 दूध उत्पादक संस्थाओं के 58 हजार सदस्य जुड़ रहे हैं। दुग्ध संघ के अध्यक्ष मोतीसिंह पटेल ने कहा कि इंदौर दुग्ध संघ ने संचालक मंडल की बैठक में इस योजना पर सहमति बन गई है। 

और इसका प्रस्ताव मध्यप्रदेश सहकारी दुग्ध महासंघ भोपाल को भेज दिया था। महासंघ ने भी इस योजना को मंजूरी दे दी थी।

नौ जिलों में लागू

देशी गाय लगभग ढाई साल में पहली बार मां बन जाती है। एसे में गोपालक को अपनी गाय की बछिया का पालन करने पर यह प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। 



प्रदेश में देसी गाय के संरक्षण और संवर्धन के लिए इसकी शुरआत इंदौर सहकारी दुग्ध संघ ने की है। दुग्ध संघ के अधिकारियों की माने तो यह योजना संघ के सभी नौ जिलों में लागू कर दी गई है इसमें केवल शर्त यह है कि गोपालक सांची दूध उत्पादक संस्थाओं का सदस्य होना चाहिये, साथ ही तीन से साढ़े तीन साल में मां बनने वाली गायों को योजना में शामिल नहीं किया जाएगा।



इस योजना का लाभ इंदौर, देवास, धार, खंडवा, खरगोन, झाबुआ, बड़वानी, बुरहानपुर और आलीराजपुर जिलों के गोपालकों को मिलेगा। इंदौर दुग्ध संघ की यह योजना देशी गाय के पालन को बढ़ावा देने में सफल रही तो पूरे प्रदेश के संघ भी इस योजना को लागू कर सकते हैं।

50 लाख का बजट

इंदौर दुग्ध संघ के सीईओ ए एन द्विवेदी ने बताया कि संघ की इस योजना का 50 लाख रुपये का बजट रखा है। योजना में पहली बार एक हजार सदस्यों को लाभ मिलेगा। इसमें पहले आओ और पहले पाओ के आधार पर राशि दी जा रही है।

 साथ ही उन गोपालकों को सम्मानित करने जा रहे हैं जो देशी गायों का पालन पोषक आहार देकर करते हैं। जिससे बछिया भी ढाई साल में गर्भवती होकर मां बन जाए।

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