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सोयाबीन की फसल में पीला मोजाईक वायरस के लक्षणों के साथ तना में मक्खी जैसी इल्ली का प्रकोप

डायग्नोस्टीक टीम की किसानों को समसामयिक सलाह
सोयाबीन की फसल में पीला मोजाईक वायरस के लक्षणों के साथ तना मक्खी की इल्ली का प्रकोप
बुरहानपुर 22 अगस्त, 2020 - किसान कल्याण


तथा कृषि विकास विभाग के उपसंचालक श्री एम.एस.देवके ने जानकारी देते हुए बताया कि, जिले में गठित डायग्नोस्टीक टीम के भ्रमण के दौरान ग्राम ईटारिया, गंभीरपुरा, सुक्ता, बोरी बुजुर्ग, धुलकोट एवं दवाटिया का भ्रमण किया गया


जिसमें सोयाबीन की फसल पर तना मक्खी (स्टेम फ्लाई) का प्रकोप देखने में आया है तथा आगामी दिनों में प्रकोप बढने की संभावना है।
सामान्यतः देखने पर पीला मोजाईक वायरस के समान लक्षण दिखाई देते है। किन्तु पौधे को उखाडकर तने को लंबवत कट करने पर तना मक्खी की इल्ली (लार्वा) दिखाई देता है।

तना मक्खी पौधे के तने पर सुराख बनाकर अंडे रखती है, जो 5-7 दिन में इल्ली में बदल जाती है, जो पौधे के तने को अंदर से खाने लगती है, इससे तने का भीतरी हिस्सा खोखला होने लगता है एवं पौधे को भोजन एवं जल की पूर्ति अवरूद्ध होकर पौधे की वृद्धि रूक जाती है, प्रकोप के शुरूआती दौर में पत्तियां किनारों से पीली पडना शुरू होती है ओर दो-तीन दिन में पूरा पौधा पीला पड़कर सूख जाता है।

किसान भाईयों को सलाह दी जाती है, कि तना मक्खी (स्टेम फ्लाई) की रोकथाम के लिए इमिडाक्लोरोप्रिड$बिटा सायफ्लूथ्रिन 350 एम.एल. प्रति हेक्टर या पूर्व मिश्रित थायोमेथाक्सम 25 डब्ल्यू.जी., $ लेम्ड़ा सायहेलोथ्रिन 125 एम.एल. प्रति हेक्टर का 15 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।

डायग्नोस्टीक टीम मे श्री जे.एस. रावत, सहायक संचालक कृषि, श्री भूपेन्द्रसिंह सोलंकी, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी बुरहानपुर एवं श्री बी.एस. वास्कले ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी उपस्थित रहे।

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