मरीजो के अधिकार
बुरहानपुर (राजुसिह राठौड 9424525101) कोरोना काल में देश में कई हॉस्पिटल अपनी सेवाएं दे रहे हैं और कई हॉस्पिटल बंद हैं, लोगों में कई तरह की नाराजगी है, कभी ईलाज को लेकर तो कभी फीस को लेकर, कहीं डॉक्टरों और स्टॉफ के व्यवहार को लेकर लोग खफ़ा हैं तो कहीं अन्य समस्या है।
आइये आज हम जानते हैं जिले के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री हेमेंद्र गोविंदजीवाला से मरीजों के स्वास्थ्य अधिकार क्या क्या हैं -
वरिष्ठ अधिवक्ता श्री हेमेंद्र गोविंदजीवाला के अनुसार देश के संविधान में प्रत्येक नागरिक को स्वास्थ के मौलिक अधिकार प्राप्त हैं, अस्पताल जाते वक्त बहुत कम लोगों को इस बात का एहसास होता है कि एक उपभोक्ता के नाते उनके भी अधिकार हैं.
मरीजों के स्वास्थ्य अधिकार -
● स्वास्थ्य संबंधी हर सूचना, अपने स्वास्थ्य व इलाज संबंधी रिकॉर्ड्स और रिपोर्ट्स आप अस्पताल/डॉक्टर से पा सकते हैं.
● इमरजेंसी में एडवांस जमा किए बगैर आपको इलाज से मना नहीं किया जा सकता.
● आपकी सेहत के बारे में अस्पताल/डॉक्टर को गोपनीयता/निजता रखना होगी व अच्छा बर्ताव करना होगा.
● मरीज के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जा सकता.
● मानकों के हिसाब से इलाज में क्वालिटी और सुरक्षा आपको मिलना चाहिए.
● आप इलाज के अन्य विकल्प चुनते हुए सेकंड ओपिनियन लेने के लिए आजाद हैं.
● इलाज की दरों और सुविधाओं को लेकर पारदर्शिता अस्पतालों/डॉक्टरों को बरतनी चाहिए.
● आप दवाएं या टेस्ट के लिए अपने हिसाब से स्टोर या संस्था का चयन कर सकते हैं.
● गंभीर रोगों के इलाज हेतु उसके खतरों, प्रक्रियाओं व अंजाम दर्शाने वाली मरीज/रिश्तेदार की लिखित मंजूरी आवश्यक है.
● व्यावसायिक हितों से परे ठीक से रेफर या ट्रांसफर किए जाना चाहिए.
● बायोमेडिकल या स्वास्थ्य शोधों में शामिल लोगों से सुरक्षा आपको मिलना चाहिए.
● क्लीनिकल ट्रायल में शामिल मरीजों से आपको सुरक्षित रखा जाना चाहिए.
● बिलिंग आदि प्रक्रियाओं की वजह से आपका डिस्चार्ज या शव सौंपना अस्पताल टाल नहीं सकता.
● मरीज को आसान भाषा में स्वास्थ्य व इलाज के बारे में बताना चाहिए.
● आपकी शिकायतें सुनकर अस्पताल या फिर डॉक्टर को उसका हल निकालना चाहिए.
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