रथ यात्रा बुरहानपुर जिले के सिलमपुरा स्थिती स्वामिनारायण मंदिर में आज रथ यात्रा का आयोजन किया गया, जिस तरह भारतवर्ष में मनाए जाने वाले
बुरहानपुर (राजूसिंह राठौड 9424525101)रथ यात्रा जिले के सिलमपुरा स्थिती स्वामिनारायण मंदिर में आज रथ यात्रा का आयोजन किया गया, जिस तरह भारतवर्ष में मनाए जाने वाले महोत्सवों में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा महत्वपुर्ण मानी जाती हैं, इसी के चलते भगवान जगन्नाथजी की रथ यात्रा की तर्ज पर ही स्वामिनारायण मंदिर में भी चांदी के रथ में विराजीत
होकर भगवान की रथ यात्रा निकाली गई, यह चांदी का रथ वर्ष में केवल एक बार निकाली जाती हैं, भगवान श्रीकृष्ण को चांदी के रथ में बैठाकर लालपीले कपडे पहनाकर एक विषाल ध्वज जो कि कपिल ध्वज के नाम से जाना जाता हैं, लगाकर चांदी के घोडे और रथ को वर्ष में एक बार निकाला जाता हैं, यह रथ प्रत्येकवर्ष आषाढ मास के द्वितीय के दिन निकाला जाता हैं,
माना जाता है कि इस रथ यात्रा में तन-मन-धन से सहयोग करने वाले को मोक्ष प्राप्त होता हैं, जो लोग जगन्नाथजी नहीं पंहुचते वे स्वामिनारायण मंदिर में पंहुचकर रथ यात्रा के दर्षन करते है, पौराणिक मान्यता है कि द्वारका में एक बार श्री सुभद्रा जी ने नगर देखना चाहा, तब भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें रथ पर बैठाकर नगर का भ्रमण कराया, इसी घटना की याद में हर साल तीनों देवों को रथ पर बैठाकर नगर के दर्शन कराए जाते हैं, तब से लेकर आज तक इसी प्रकार रथ यात्रा का आयोजन होता आ रहा है,
वहीं देष में चल रहे कोरोना वायरस की महामारी के चलते स्वामिनारायण मंदिर में जो रथ यात्रा निकली वह केवल मंदिर परिसर में ही निकाली गई, चूंकि कोरोना के चलते नगर भ्रमण नहीं किया जा सकता था इसलिए मंदिर परिसर में ही भगवान को चांदी के रथ पर सवार किया गया तथा भक्तों को मोबाईल पर फेसबुक लाईव के माध्सम से लाईव दर्षन कराया गया, वहीं भगवान की आरती कर देष और बुरहानपुर को कोरोना मुक्ती के लिए प्रार्थना की गई, वहीं देष और दुनिया में फिर से स्थिती को नियंत्रित करने के लिए भी भगवान से प्रार्थना की गई, वहीं इस अवसर पर मंदिर कोठारी पी पी स्वामी, दिनेष भगत, मंदिर प्रवक्ता गोपाल देवकर।
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