सूर्य ग्रहण का समय , सूतक काल व अन्य विशेष बातें बता रहे है डॉ नारायण एस्ट्रोगुरु व ध्यानगुरु 🙏
हरियाणा सिरसा 🌗26 दिसंबर 2019 सूर्य ग्रहण 🌗
सूर्य ग्रहण का समय , सूतक काल व अन्य विशेष बातें बता रहे है डॉ नारायण एस्ट्रोगुरु व ध्यानगुरु 🙏
26 दिसंबर को आमवस्या के दिन साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा। भारतीय समयानुसार सूर्य ग्रहण सुबह 08 बजकर 17 मिनट पर लगेगा और 10 बजकर 57 मिनट में समाप्त हो जाएगा। खण्डग्रास की अवधि 2 घंटे 40 मिनट तक रहेगी। जबकि सूर्य ग्रहण में लगने वाला सूतक काल ग्रहण से 12 घंटे पूर्व लग जाएगा। यानी 25 दिसंबर की रात 8 17 से ही सूतक काल शुरू हो जाएगा, जो ग्रहण के मोक्ष के बाद समाप्त होगा।
26 दिसंबर को लगने वाला ये सूर्य ग्रहण भारत समेत पूर्वी यूरोप, एशिया, उत्तरी- पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया और पूर्वी अफ्रीका में भी दिखाई देगा।
🌗सूर्य ग्रहण के दौरान बरतें ये सावधानियां व उपाय । बता रहे है डॉ नारायण
सूर्य ग्रहण और चन्द्र ग्रहण का मनुष्य के सांसारिक जीवन मे बहुत प्रभाव पड़ता है । यदि जातक की कुंडली मे ग्रहों के कोई दोष है तो ग्रहण के समय वह प्रबल भी हो सकता है । यदि ग्रहण काल मे उस ग्रह के सम्बंध में कोई उपाय किया जाए तो उसे ग्रहों की पीड़ा से मुक्ति भी मिलती है ।
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए ।
सूर्य ग्रहण को आंखों पर बिना किसी सुरक्षा के नहीं देखना चाहिए ।
आंखों पर ग्रहण के दौरान प्रयोग किये जाने वाले चश्मे लगाने चाहिए।
इस अवधि में चाकू, छुरी या तेज धार वाली वस्तुओं का प्रयोग न करें।
ग्रहण के दौरान भोजन और पानी का सेवन ना करें।
इस समय पूजा करना और स्नान करना भी शुभ नहीं माना जाता।
ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिये महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
जो भी रत्न आपने पहन रखें है शाम को गायत्री जाप करके उनको पवित्र जरूर करें।
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्यः धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्॥
ग्रहण के दिन दान अवश्य करें।
सूर्य ग्रहण के दौरान मंत्र जप और ध्यान करना सर्वोत्तम माना जाता है। ऐसा करने से आपके कुंडली में मौजूद सभी ग्रह शांत रहते हैं आपको बेहतर परिणाम मिलेंगे।
सूर्य ग्रहण के समय राहु-केतु से संबंधित उपाय करना लाभदायक माना जाता है। ऐसा करने से राहु-केतु शांत रहते हैं और अनावश्यक कष्टों से मुक्ति मिलती है। सूर्य ग्रहण के समय राहु ,केतु के मंत्रो का जाप व सूर्य ग्रहण के पश्चात इन ग्रहों से सम्बंधित दान करने से राहु केतु ग्रह पीड़ा से मुक्ति मिलती है सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियां आपसे दूर रहती हैं।
ग्रहण काल के बाद पवित्र नदी में या शीतल जल में गंगाजल या पवित्र नदी का जल डालकर नहाना चाहिए। ऐसा करने से नए साल पर आपका स्वास्थ्य सही रहता है और समाज में आपकी मान-प्रतिष्ठा में निश्चित रूप से वृद्धि होती है।
सूर्य ग्रहण के बाद अन्न, कपड़े और धन का दान-पुण्य का महत्व सबसे अधिक माना गया है। दान केवल असहाय , निर्धन व्यक्ति या दानपात्र संस्था को ही दे । ऐसा करने से जीवन आ रही बाधाओ व परेशानियों से मुक्ति मिलती है ।
सूर्य ग्रहण के समय अपने इष्ट के मंत्रों का जप करना बहुत शुभदायी व लाभदायक माना जाता है। इनकी आराधना करने से व्यक्ति जीवन में उन्नति आती है।
सूर्य ग्रहण के बाद आप ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का 108 बार जाप करे । इस प्रकार किये पूजन से माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है ।
सूर्य ग्रहण के बाद गरीबों और असहाय लोगों की मदद करें। गायों को चारा डाले उन्हें गुड़ खिलाये व कुत्तों को भी गुड़ से बना खाना डाले।
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