बुरहानपुर की पावन धरती पर धन धन श्री गुरुनानक देव जी की तपस्वस्थिली रही है।
बुरहनपुर (राजुसिह राठौड)प्रकाश उत्सव को लेकर शहर में उत्सव का माहौल है यहा गुरुद्वारा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा ,यहा हो रहे कीर्तन,और लंगर में हजारों की संख्या में भक्त पहुचकर लाभ ले रहे।
प्रकाश उत्सव पर राजघाट पर आयोजन किया गया।
हर वर्ष की तरह इस बार भी यहा
साहेब श्री गुरुनानक देव जी महाराज के 550 वा प्रकाश उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा,
ऐतिहासिक राजघाट गुरुद्वारा पातशाही पहली का गवाह बना।
बुरहानपुर की पावन धरती पर धन धन श्री गुरुनानक देव जी की तपस्वस्थिली रही है।
पहले पातशाह श्री गुरु नानकदेव जी के पवित्र चरण बुरहानपुर की धरती पर पड़े हैं ।
जहा श्री गुरुनानक देव जी ने इस पावन जगह पर कुछ दिन तप्पस्या कर संगत को दर्शन देकर निहाल किया था।
धन्य है बुरहानपुर की पावन नगरी जहाँ पहले पातशाह ऒर दसवें पातशाह श्री गुरुगोविंद सिह महाराज की भी यहा अपने पावन चरण कमल से बुरहानपुर की धरती तथा संगतों को निहाल किया।
बुरहानपुर श्री राजघाट गुरुद्वारा साहेब में श्री गुरुनानक देव जी के 550 वे प्रकाश पर्व पर विशेष कीर्तन समागम का आयोजन एवं अटूट लंगर भी किया गया।
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चीफ सेक्रेटरी श्री हरविंदर कीर ने बताया कि
सिख समुदाय के अलावा समस्त धर्म के लोगो ने गुरु कीर्तन का श्रवण कर श्रद्धालुओं तथा संगत ने घन गुरु नानकदेव जी का आशीर्वाद लिया ।
अमृतसर से आये कीर्तन करने जत्थे द्वारा शब्द कीर्तन ने संगत का मन मोह लिया।
संगत ने गुरु का अटूट लंगर पा धन गुरुनानक देव जी का सुक्राना किया।
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