संगीत से फसल ने वृद्दि
पहला प्रयोग
उन्होंरने एक महीने तक कुछ पौधों के सामने प्रतिदिन 25 मिनट तक वीणा - वादन की व्यवस्था की । बाद में देखा कि जिन पौधों के सामने चीणा बजाई गई थी , वे अन्य पौधों की अपेक्षा अधिक तेजी से बढ़े हैं ।
दूसरा प्रयोग
इसके बाद अपने अगले प्रयोग के दौरान प्रो . सिंह ने मद्रास और पांडिचेरी में लाउडस्पीकर लगाकर धान के खेतों में कुछ दिनों तक राग चारूकेशी प्रसारित किया । बाद में यह देखा गया कि उन खेतों की फसल में 15 से लेकर 60 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी हुई ।
तीसरा प्रयोग
यह प्रयोग कुछ अन्य फसलों पर भी किया गया । पाया कि संगीत के जादू का असर तंबाकू और मूंगफली पर भी पड़ा । उनकी उपज 50 फीसदी तक बढ़ गई । उन खेतों से सटी हुई भूमि में पाँवों में विना मुँघरू बाँधे नाट्य नृत्य करने से उत्पन्न तरंगों ने पौधों को तेजी से बढ़ने में मदद की और वे पौधे दूसरे पौधों की अपेक्षा दो सप्ताह पहले ही फूल गए । अमरीका में भी हुआ प्रयोग ।
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