वाल्मीकि संगठन ने संत गाडगे बाबा का 143वां जन्मदिन मनाया*
*वाल्मीकि संगठन ने संत गाडगे बाबा का 143वां जन्मदिन मनाया*
बुरहानपुर। सामाजिक गतिविधियों में अग्रणी वाल्मीकि संगठन द्वारा गुरु संत शिरोमणि गाडगे बाबा का 143वां जन्मदिन 23 फरवरी को मंडी बाजार स्थित कार्यालय पर मनाया गया। सर्वप्रथम संत गाडगे जी के चित्र पर माल्यार्पण कर पूजा-अर्चना की गई। तत्पश्चात संस्थापक उमेश जंगाले ने संत गाडगे के जीवन दर्शन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संत गाडगे पढ़े-लिखे ना होने के बावजूद भी शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए अथक परिश्रम किये थे। गाडगे बाबा ने व्याप्त कुरीतियों, अंधविश्वासों और पाखंडों के खिलाफ आजीवन संघर्ष किये। हमें उनके विचारों पर चलने की जरूरत है। जंगाले ने कहा कि हम सभी को एकजुट संगठित होकर महापुरुषों के विचारों पर चलते हुए समाज विरोधी तत्वों का मुकाबला करना है। आज हमें हमारे महापुरुषों की प्राचीन संस्कृति को बचाने की जरूरत है। हमारी संस्कृति खतरे में है। उस पर योजनाबद्ध हमले किए जा रहे हैं। हमें इसे संरक्षित करने की जरूरत है।
हम अंगूर के गुच्छे के रूप में रहेंगें तो हमारी कीमत दुगना रहेगी। यदि टुकड़े टुकड़े में रहेंगें तो हमारी कीमत आधी या उससे भी कम रहेगी। इस अवसर पर संस्थापक उमेश जंगाले, सुमेर जंगलिया, रूपेश कछवाए, नितिन डूलगुज, अनिल पारोचे, सहदेव बोयत, कमल बोयत चेतन चावरे, रवि जंगाले, मनोज चावरे, अमित चावरे मौजूद थे।
राष्ट्रीय न्यूज़
चीफ एडिटर
राजू राठौड
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