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वाल्मीकि संगठन ने निगम का घेराव कर धरना देते हुए कहा मालिकाना हक, ऑनलाइन वेतन, और अवकाश तत्काल दिया जाए*

*वाल्मीकि संगठन ने निगम का घेराव कर धरना देते हुए कहा मालिकाना हक, ऑनलाइन वेतन, और अवकाश तत्काल दिया जाए*   




बुरहानपुर। आज वाल्मिकी संगठन ने अपनी विभिन्न लंबित मांगे मनवाने एवं समाज के लोगों के साथ हो रहे शोषण, अत्याचार, भ्रष्टाचार के खिलाफ एक माह के दरमियान विवश होकर दूसरी बार निगम का घेराव कर निगम परिसर में धरना दिया। वाल्मीकि संगठन संस्थापक अध्यक्ष उमेश जंगाले के नेतृत्व में सैकड़ों  समाज जन निगम कार्यालय पहुंचे। जंगाले ने कहां कि लंबित प्रमुख मांगे मालिकाना हक, ऑनलाइन वेतन, और शासकीय अवकाश तत्काल दिया जाए। निगम के ठेके पद्धति में 



कार्य कर रहे सफाई कर्मियों का शोषण खुलेआम किया जा रहा है जिसमें ठेकेदार और सेक्टर अधिकारियों द्वारा स्वयं के बनाए गए नियमों के कागजों पर अशिक्षित निगम कर्मियों से जबरन हस्ताक्षर करवाए जा रहे थे। इसी समस्या को लेकर 50 से अधिक सफाई कर्मचारियों ने वाल्मीकि संगठन के पदाधिकारियों को निगम कार्यालय में बुलाकर अपनी पीड़ा बताई और कहा कि सेक्टर 




अधिकारी और ठेकेदार उनके बनाए गए नियमों के कागजों पर जबरन हस्ताक्षर करवाकर हमें आजाद भारत में गुलामी की जंजीरों में कैद करने की साजिश रच रहे थे। कर्मियों से लालबाग सेक्टर अधिकारी विलास मोरे ने गुमराह कर दो माह का वेतन देने का कह कर कागजों पर हस्ताक्षर करवाए। इनमें से कई महिला शिक्षा से वंचित है जिन्होंने कागज को बिना पढ़े ही हस्ताक्षर कर दिए थे। लेकिन इनमें से कुछ शिक्षित महिलाओं ने उक्त बनाए गए नियमों के कागज को ध्यानपूर्वक पढ़ा तो वे सभी 




आश्चर्यचकित हो गई क्योंकि वह नियम कर्मियों को गुलाम बनाने जैसे थे। जिस पर महिलाओं ने तत्परता दिखाते हुए अपनी समस्या संगठन को बताई। इसी बात को गंभीरता से लेते हुए  समाज के लोग निगम परिसर में एकत्रित हुए और नारेबाजी की।  मंगलवार जनसुनवाई का दिन होने के बावजूद भी महापौर अनिल भोसले और निगमायुक्त पवन सिंह दोनों जिम्मेदार निगम से अनुपस्थित रहे। निगम कार्यालय से उमेश जंगाले ने आयुक्त को फोन लगा कर निगम कार्यालय आने को कहा और समस्या का निराकरण करने की बात कही। जंगाले ने कहां की ऑनलाइन वेतन देने के बजाए ठेकेदार द्वारा नगद रुपए हाथ में दिए जा रहे हैं जबकि संगठन ने निगम से पूर्व में मांग की थी कि ठेके पद्धति में कार्य कर रहे सफाई 




कर्मियों का वेतन उनके बैंक अकाउंट में ऑनलाइन डाला जाए। क्योंकि नगद वेतन देने से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है। किंतु अधिकारियों ने इस और कोई ध्यान नहीं दिया। उमेश जंगाले ने कहा कि कर्मचारियों के लिए यह दुर्भाग्य की बात है कि महापौर पतंगबाजी में लगे रहे और सफाई कर्मियों को 2 माह का वेतन नहीं मिलने से वे मकर संक्रांति का त्यौहार नहीं मना पाए। उन्होंने बताया कि 6 माह पूर्व भूमि मालिकाना हक मिलने के संबंध में निगमायुक्त और महापौर को ज्ञापन दिया था और एक माह पूर्व निगम के घेराव एवं विरोध प्रदर्शन के दौरान निगमायुक्त और महापौर ने कहा था कि निगम द्वारा आवंटन किए गए क्वार्टरो का सर्वे करवाकर एक सप्ताह में मालिकाना हक देंगे। किंतु क्वार्टरों का सर्वे पूर्ण होने को एक माह बीत गया लेकिन आज दिन तक भी जिम्मेदारों ने कोई सुध नहीं ली। संगठन के पदाधिकारियों द्वारा क्वार्टरों के मालिकाना हक संबंधी शासन के वर्ष 2002 के आदेश की कॉपी भी दी थी। किंतु समाज जन की 70 वर्ष से अधिक पुरानी समस्या जस की तस बनी है। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पूर्व निगम कर्मियों के शासकीय अवकाश मिलने संबधी ज्ञापन दिया था जिसमें प्रतिवर्ष पर्व/त्यौहार, राष्ट्रीय पर्व एवं महापुरुषों की जन्म तिथियों पर सार्वजनिक पूरे दिन के अवकाश दिए जाने की मांग की थी। जिसमें 15 अगस्त, 26 जनवरी, महर्षि वाल्मीकि जयंती, गोगा नवमी, मध्य प्रदेश स्थापना दिवस, एवं साप्ताहिक अवकाश शामिल है। यह सभी अवकाश शासन के कैलेंडर में देने का उल्लेख है।  आने वाली 26 जनवरी 2019 गणतंत्र दिवस से सफाई कर्मचारियों को पूरे दिन अवकाश दिया जाए। वाल्मीकि (स्वीपर) समाज के लोगों ने लगभग 2 घंटे निगम परिसर में अपने हक 



और अधिकार के लिए जमकर नारेबाजी की इस दौरान आयुक्त ने ठेकेदार पंकज मुंहासे को निगम कार्यालय बुलाकर ठेका पद्धति में कार्य कर रहे सभी सफाई कर्मियों का ऑनलाइन पेमेंट देने के निर्देश दिए जिस पर ठेकेदार द्वारा कहा गया कि कल से सभी कर्मियों के बैंक खातों में वेतन डाला जाएगा। लाल बाग में सेक्टर अधिकारी की पद पर पदस्थ विलास मोरे का भी लोगों ने खुलकर विरोध किया और आयुक्त को समस्या से अवगत कराया कर्मियों ने कहा कि विलास मोरे खुलेआम समाज के लोगों का शोषण कर रहा है और  रिश्वत मांगता है। जिस पर निगमायुक्त ने तत्काल प्रभाव से लालबाग सेक्टर अधिकारी विलास मोरे को काम से सस्पेंड कर दिया। आयुक्त पवन सिंह ने लोगों को आक्रोशित होता हुआ देख इलाहाबाद बैंक कर्मचारियों को निगम परिसर में बुलाकर कैंप लगवाया और निगम कर्मियों के बैंक खाते खोलने की प्रक्रिया शुरू कराई। मालिकाना हक संबंधी मामले में आयुक्त ने समाज जन को आश्वस्त किया कि 2 दिन के भीतर एमआईसी लेकर मालिकाना हक समस्या का भी निराकरण किया जाएगा। संगठन के पदाधिकारियों ने सेक्टर अधिकारियों पर शोषण करने का आरोप लगाया जिस पर निगम परिसर में 2 सेक्टर अधिकारी संगठन के पदाधिकारियों से जबरन बहस करने लगे जिन्हें संगठन के लोगों ने निगम कार्यालय से बाहर का रास्ता दिखाया। समाज जनों ने कहा कि जल्द समस्याओं का निराकरण नहीं होता है तो उग्र आंदोलन करेंगे। इस दौरान नितिन डूलगुज, कन्हैया संगेले, रवि सिंगोतिया, अजय 




उज्जैनवाल, अनिल पारोचे, रूपेश सिंह कछवाये, मिथुन सिंगोतिया, दिनेश बग्गन, श्याम सारवान, सहदेव बोयत, रोहन बोयत, अनिल घोगले, शिवा जंगाले, गोविंदा करोसिया, रोहित उज्जैनवाल, कृष्णा करोसिया, प्रभारी दीपक भगत, कमल बोयत, राकेश उज्जैनवाल, चेतन चावरे, धरम सौदे, मलखान बोयत, श्याम सारवान, जीतू इंदौरे, राकेश कछवाए, आदि साथी उपस्थित थे।


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चीफ इन एडिटर

राजू राठौड़

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