विभिन्न विभागों के अधिकारियों एवं कृषि वैज्ञानिकों की उपस्थिति में कृषक संगोष्ठी का आयोजन
विभिन्न विभागों के अधिकारियों एवं कृषि वैज्ञानिकों की उपस्थिति में कृषक संगोष्ठी का आयोजन
(नैनपुर ) - नैनपुर विकास खंड के अंतर्गत ग्राम डिठोरी में किसानों की विशेष मांग पर विभिन्न विभागों के अधिकारियों एवं कृषि वैज्ञानिकों की उपस्थिति में कृषक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिक श्री राणा ने किसानों को संबोधित करते हुए बताया कि वर्तमान समय में प्राकृतिक एवं जैविक खेती का महत्व अत्यंत आवश्यक हो गया है। आज रासायनिक खेती जिस प्रकार से की जा रही है, वह मानव स्वास्थ्य एवं पर्यावरण दोनों के लिए हानिकारक सिद्ध हो रही है। इसलिए धीरे-धीरे किसानों को जैविक खेती की ओर अग्रसर होना चाहिए। इसके पश्चात कृषि विभाग के मंडला जिला उपसंचालक श्री अश्विनी झारिया ने क्षेत्र में खाद की कालाबाजारी और उसे रोकने के उपायों पर किसानों से चर्चा की। वहीं सहायक संचालक श्री आर.डी. जाटव ने कहा कि प्रत्येक फसल के अनुसार ही खाद का उपयोग किया जाना चाहिए क्योंकि हर फसल की खाद की आवश्यकता भिन्न होती है। विभाग के सहायक संचालक श्री अरविंद वर्मा ने कोदो-कुटकी बोने वाले किसानों से आग्रह किया कि वे समय पर पंजीयन कराएं ताकि उन्हें उचित विक्रय मूल्य प्राप्त हो सके। वही कृषि अभियांत्रिकी विभाग से सुश्री प्रियंका मेश्राम ने नरवाई प्रबंधन हेतु उपलब्ध यंत्रों एवं उनकी सुविधाओं की जानकारी दी। साथ ही उन्होंने किसानों को चेताया कि नरवाही में आग लगाने पर आर्थिक दंड एवं दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान है। इसी प्रकार उद्यानिकी विभाग से वरकड़े जी, पशुपालन विभाग से नवानी जी, मत्स्य विभाग से वैध जी तथा राजस्व विभाग से कुशराम जी ने अपने-अपने विभाग की योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। संगोष्ठी में नैनपुर कृषि विभाग से वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी पंचशील वरकड़े, कृषि विस्तार अधिकारी रूखी टेकाम, सरोज बर्बे, संजय गरेवाल, एन.पी. धुर्वे, सौरभ बघेल, पूजा डडोरे, क्लस्टर कोऑर्डिनेटर प्रदीप, एवं ब्लॉक टेक्नोलॉजी मैनेजर कल्याणी मरावी उपस्थित रहे।
कृषि विस्तार अधिकारी पूजा डडोरे ने किसानों से वार्तालाप के दौरान कहा कि किसानों को पारंपरिक खेती के साथ-साथ आधुनिक तकनीकों का भी उपयोग करना चाहिए, जिससे उत्पादन बढ़े और लागत में कमी आए। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ उठाएँ और नियमित रूप से विभाग से संपर्क बनाए रखें, ताकि समय-समय पर मिलने वाली नई जानकारी और सुविधाओं का उपयोग किया जा सके। कार्यक्रम के अंत में किसानों ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन समय-समय पर होते रहना चाहिए, ताकि खेती से संबंधित नई जानकारी और तकनीकी सलाह समय पर प्राप्त हो सके।
कार्यक्रम के समापन पर कृषि विभाग द्वारा सभी कृषकों एवं विभिन्न विभागों से आए अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त किया गया।
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