कान्हा नेशनल पार्क खुला,
कान्हा नेशनल पार्क खुला,कैबिनेट मंत्री संपतिया ऊईके और सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ने दिखी हरि झंडी।
कान्हा नेशनल पार्क खुला,कैबिनेट मंत्री संपतिया ऊईके और सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ने दिखी हरि झंडी।
मंडला- कान्हा नेशनल पार्क में जंगल सफारी हर साल 1 जुलाई से 30 सितंबर तक बंद रहती है, क्योंकि इस दौरान मानसून की वजह से पार्क के रास्ते और लकड़ी के पुल क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। 1 अक्टूबर से पार्क फिर से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। कान्हा टाइगर रिजर्व में वन्यजीव सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें ध्वजारोहण समारोह और कान्हा के लिए मैराथन दौड़ शामिल है। इस कार्यक्रम का उद्घाटन 1 अक्टूबर 2025 को माननीय कैबिनेट मंत्री श्रीमती सम्पतिया उइके और स्थानीय सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते जी के हाथों से किया गया । कान्हा टाइगर रिजर्व को देश में बाघों का सर्वश्रेष्ठ आवास क्षेत्र घोषित किया गया है।
-कान्हा डायरेक्टर रविन्द्र मणि त्रिपाठी ने बताया कि सीजन की शुरुआत हुई हैं जैसे सभी को पता है कि तीन महीने पार्क बंद रहता है जुलाई,अगस्त,सितंबर और इस समय पार्क को आराम दिया जाता है ये नया टूरिज्म सीजन स्टार्ड है पिछले वर्ष सबसे जड़ा टूरिस्ट मध्यप्रदेश में कान्हा टाइगर में ढाई लाख से ज्यादा आए थे और आज हमारे स्थानीय जनप्रतिनिधि और स्थानीय लोगों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया हैं आज हमने मिनी मैराथन का भी आयोजन किया है ।
- सांसद ने कहा कि जैसे ही पार्क का गेट खुला टूरिस्टों का आना चालू हो गया इससे लगता है कि कान्हा का नाम है देश में और टूरिस्ट भी आते है बाहर के जैसे पिछले वर्ष दो लाख सत्तर हजार के आस पास तो इस बार अनुमान है कि संख्या बढ़ेगी। आने वाले समय में कान्हा नेशनल पार्क में टूरिस्टों के लिए सुविधाएं और बढ़ाने का विचार है जिससे टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा
-वही कैबिनेट मंत्री संपतिया ऊईके ने कहा कि विश्व स्तर का ये कान्हा नेशनल पार्क है जहां आज एक अक्टूबर को जिसकी शुरुआत किया गया है।पिछले कुछ सालों से हर वर्ष बढ़ कर टूरिस्ट पहुंचे में उनका धन्यवाद करती हूं। कान्हा एक अलग है जहां खुली वादियों का लुप्त उठाते पर्यटक यहां से जाने का नाम नहीं करते । यहां टाइगर बहुत है और भी वन्य प्राणी हैं उसी के साथ साथ यहां के जनजाति आदिवासियों का रहन सहन पहनावा खान पान देख कर पर्यटकों का मन प्रफुल्लित हो जाता हैं। यहां के जो ऑर्गेनिक खाना है कोदो ,कुटकी ,मक्के की रोटी,ज्वार की रोटी हैं इन सभी चीजों के बारे में बताया जाता है।
पर्यटन शुरू होने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ गए है। लगभग 250 जिप्सी चालक और 168 गाइड सीधे तौर पर रोजगार से जुड़े हैं। इसके अलावा ढाबा,होटल,चाय नाश्ता और सब्जी विक्रेताओं को भी लाभ मिलेगा। तीन महीने तक पार्क बंद रहने के कारण खटिया,मुक्की और सरही गेट क्षेत्र सुने पड़े थे, लेकिन अब यहां फिर से रौनक लौट आई है।
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