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नैनपुर जंक्शन में कोचिंग डिपो से खुलेगा विकास का रास्ता

 


नैनपुर जंक्शन में कोचिंग डिपो से खुलेगा विकास का रास्ता 

  • यात्रियों की सुविधा के लिए नैनपुर में जरूर है कोचिंग डिपो
  • कोचिंग डिपो के लिए खाली है 900 एकड़ जमीन उपलब्ध

नैनपुर. मध्य प्रदेश के रेलवे इतिहास में एशिया के सबसे बड़े जंक्शन नेरोगेज के समय के रूप में विख्यात नैनपुर जंक्शन को वर्तमान में यात्री सुविधाओं और ट्रेन संचालन के विस्तार के लिए एक कोचिंग डिपो की आवश्यकता है। रेलवे के मध्य क्षेत्र का केंद्र बिंदु होने के कारण यहां कोचिंग डिपो स्थापित करने की मांग जोर पकड़ रही है, जिससे यात्रियों को स्वच्छ और सुरक्षित सफर मिल सके।

बताया गया कि ट्रेनों के सुचारु संचालन के लिए कोचिंग डिपो एक अनिवार्य केंद्र होता है। यह डिपो यात्री ट्रेनों के डिब्बों के रखरखाव, मरम्मत और गहन निरीक्षण के लिए जिम्मेदार होता है। डिपो में पिट लाइन, कोच वाटरिंग, वाशिंग लाइन, स्टेबलिंग लाइन और सिक लाइन जैसी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होती हैं, जो प्रत्येक यात्रा के बाद कोचों को अगली यात्रा के लिए तैयार करने, उनकी तकनीकी खराबी दूर करने और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। यदि नैनपुर में यह डिपो बनता है, तो यह जबलपुर रेल मंडल के लिए एक आवश्यक रखरखाव केंद्र के रूप में उभरेगा।

नैनपुर में डिपो के लिए है पर्याप्त भूमि 

बताया गया कि कोचिंग डिपो के लिए पर्याप्त भूमि और जल संसाधन की आवश्यकता होती है, और नैनपुर जंक्शन इस मामले में पूरी तरह से उपयुक्त है। रेलवे के पास यहां लगभग 900 एकड़ जमीन अभी भी खाली है। इसके साथ ही नैनपुर में एक विशाल तालाब, चारों ओर नदियाँ और अन्य जल स्रोत भी पर्याप्त है, जिससे डिपो के संचालन में पानी की कोई कमी नहीं आएगी। बताया गया कि रेलवे बोर्ड द्वारा छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, मंडला और नैनपुर क्षेत्र के लिए एक कोचिंग डिपो बनाने की योजना पहले से है। पहले इस डिपो को कल्मना स्टेशन में खोलने की संभावना थी, जिसके लिए सर्वे भी हुआ था, लेकिन जमीन की कमी के कारण यह मामला लटक गया। अब नैनपुर में इसकी स्वीकृति के लिए फाइल आगे बढ़ चुकी है।

क्षेत्र के विकास का खुलेगा रास्ता 

नैनपुर में कोचिंग डिपो बनने से रेलवे को न केवल डिब्बों के रखरखाव में आसानी होगी, बल्कि यह नैनपुर से मंडला, बालाघाट, गोंदिया, सिवनी और छिंदवाड़ा सहित अन्य लंबी दूरी की ट्रेनों का संचालन भी अधिक सुगमता से कर सकेगा। यह केंद्र बनने के बाद लंबी दूरी की एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों को नैनपुर से संचालित करने में रेलवे को कोई परेशानी नहीं आएगी, जिससे पूरे क्षेत्र के रेल विकास का रास्ता खुलेगा। स्थानीय निवासियों का मानना है कि जनप्रतिनिधियों के सहयोग और सक्रिय मांग से यह परियोजना जल्द ही साकार हो सकती है। अनुमान है कि यदि स्वीकृति मिलती है, तो कोचिंग डिपो का निर्माण कार्य 1 से 2 साल के भीतर पूरा हो जाएगा, जिससे नैनपुर जंक्शन का महत्व और विकास कई गुना बढ़ जाएगा। क्षेत्र के विकास के लिए सभी नागरिकों और प्रतिनिधियों से इस परियोजना को गति देने की अपील की गई है।



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