“सेवा में फिर से परीक्षा क्यों?” — पुराने शिक्षकों पर TET थोपे जाने के खिलाफ फूटा देशभर में आक्रोश!
इस निर्णय के कारण देशभर के लाखों शिक्षकों की सेवा सुरक्षा एवं आजीविका संकट में है शैक्षिक महासंघ ने मान्य प्रधानमंत्री जी से इस विषय में त्वरित हस्तक्षेप की मांग की है।
उपरोक्त जानकारी देते हुए अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के संजय रावत ने बताया कि 1 सितंबर 2025 को माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा सभी सेवारत शिक्षकों के लिए उनकी नियुक्ति तिथि चाहे जो भी रही हो शिक्षक पात्रता परीक्षा को अनिवार्य कर दिया है।
इस निर्णय से देश भर के लाखों शिक्षकों की सेवा सुरक्षा और आजीविका को संकट में डाल दिया है शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 तथा राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की अधिसूचना दिनांक 23 अगस्त 2010 के अंतर्गत स्पष्ट रूप से दो श्रेणियां मान्य की गई थी ।
जिसमें वर्ष 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षक जिन्हें शिक्षक पात्रता परीक्षा से छूट दी गई थी तथा वर्ष 2010 के बाद नियुक्त शिक्षक जिनके लिए एक निश्चित अवधि में शिक्षक पात्रता परिचय उत्पन्न करना अनिवार्य किया गया था ।
माननीय उच्चतम न्यायालय ने इस तथ्य को अनदेखा कर दिया गया है की 2010 से पूर्व वेद रूप से नियुक्त शिक्षकों की सेवा भी असुरक्षित हो गई है इस निर्णय से देश भर में लगभग 20 लाख से अधिक शिक्षक गण चिंता और समाज की स्थिति में हैं हमारा नंबर निवेदन है कि न्यायालय का निर्णय केवल भविष्य लक्ष्मी रूप से लागू किया जाए 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों पर नहीं वह नियमों के अंतर्गत नियुक्त अनुभवी शिक्षकों की सेवा सुरक्षा एवं गरिमा सुनिश्चित की जाए तथा लाखों शिक्षकों को सेवा समाप्ति अथवा आजीवी का संकट से बचने हेतु आवश्यक नीतिगत अथवा विधायि कदम शीघ्र उठाया जाए इस अवसर पर शिक्षक संघ के श्री अमर पाटील धनराज पाटील संयुक्त मोर्चा के संयोजक ठाकुर संतोष सिंह दीक्षित संयुक्त मोर्चा की जिला अध्यक्ष डॉक्टर अशफाक खान नेशनल मूवमेंट का जो पेंशन स्कीम के जिला अध्यक्ष अनिल भास्कर विनोद पवार राजू साहूखड़े दीपक डॉल भागवत महाजन शौकत उल्ला अनिल दिक्षित प्रमोद सत्व प्रहलाद गोल आदि उपस्थित थे ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर श्रीमती पल्लवी पुरानीक को प्रधानमंत्री जी के नाम दिया गया।
धमाकेदार फाड़ू दमदार जबरजस्त हैडलाइन बनाकर दीजिए।
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