"उम्मीद मत छोड़ो, हर अंधेरे में है उजाले की किरण — आत्महत्या रोकथाम दिवस पर बुरहानपुर से उठी चेतना की आवाज!"
साथ चले ,बात करें ,आत्महत्या रोके, उम्मीद मत छोड़ो, हर समस्या का समाधान संभव है*
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम
बुरहानपुर,
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य मिशन के निर्देशानुसार जिला चिकित्सालय बुरहानपुर की मनकक्ष टीम द्वारा विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर जागरूकता रैली एवं विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
यह रैली उमंग टीम, एड्स विभाग, खेल एवं युवा कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, आशा कार्यकर्ता बहनों, समाजसेवी संस्था जन जागृति प्रमुख श्री महेंद्र जैन, बृजमोहन मिश्रा कॉलेज ऑफ नर्सिंग, सेवा सदन महाविद्यालय एवं छत्रपति शिवाजी महाराज शासकीय महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में निकाली गई।
*रैली का उद्देश्य आत्महत्या के बढ़ते आंकड़ों को कम करना तथा विशेषकर युवाओं में आत्महत्या रोकथाम के लिए समर्थन एवं जागरूकता का संदेश देना है।*
जिला चिकित्सालय परिसर में बृजमोहन मिश्रा कॉलेज ऑफ नर्सिंग के छात्र-छात्राओं द्वारा नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया जिसमें परीक्षा के तनाव के कारण छात्र आत्महत्या की ओर बढ़ते हैं तथा ऐसे समय में परिवार एवं मनकक्ष की भूमिका को दर्शाया गया।
आदिवासी उत्कृष्ट सीनियर छात्रावास शिकारपुरा के विद्यार्थियों ने आत्महत्या रोकथाम विषय पर चित्रकला प्रस्तुत की।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. भूपेंद्र गौर (RMO) ने युवाओं को मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने का संदेश दिया।
साइकोलॉजिस्ट सुश्री मालविका डांगीवाला ने मन और तन को स्वस्थ एवं सशक्त रखने के उपाय बताते हुए “आत्महत्या से बचाव” पर मार्गदर्शन किया।
नवोदय विद्यालय के शिक्षक श्री बल्लभ दुबे, श्री आर. पी. पांडे, छत्रपति शिवाजी महाविद्यालय के श्री कमलेश एवं छात्रावास के श्री सुरेश सर ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में जिला चिकित्सालय बुरहानपुर के ब्लड बैंक प्रभारी डॉक्टर आर्यन गढ़वाल एवं मनकक्ष प्रभारी डॉक्टर नबी अहमद फारुकी उपस्थित रहे!
कार्यक्रम का संचालन हितेश सर एवं आभार प्रदर्शन सीमा डेविड द्वारा किया गया।
इस अवसर पर सभी विशेषज्ञों ने यह संदेश दिया कि —
👉 “आत्महत्या नहीं, समाधान – जीना ही सच्चा सम्मान है।”
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आत्महत्या से जुड़े अंधविश्वास एवं भ्रांतियों को दूर करना तथा समाज की युवा पीढ़ी, सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं को एकजुट कर आत्महत्या रोकथाम की दिशा में ठोस कदम उठाना है।
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