जर्जर स्कूल से परेशान बच्चों ने गणेश जी को लिखा भावुक पत्र
जर्जर स्कूल से परेशान बच्चों ने गणेश जी को लिखा भावुक पत्र
- मंडला के ग्राम तलैया टोला में स्कूल भवन न होने से बच्चे रंगमंच में पढऩे को मजबूर
- प्रशासन पर उठे सवाल

मंडला . जिले भर में भक्त श्री गणेश की भक्ति में लीन है। इस वर्ष गणेशोत्सव के अवसर पर मंडला जिले के ग्राम तलैया टोला के बच्चों ने अपनी अनोखी और दिल छू लेने वाली प्रार्थना से सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। इन बच्चों ने एक भावुक पत्र भगवान गणेश को लिखा है, जिसमें उन्होंने अपने टूटे हुए स्कूल भवन की व्यथा सुनाई है और जल्द से जल्द नया भवन बनवाने की गुहार लगाई है। यह पत्र शिक्षा विभाग की अनदेखी और प्रशासनिक उदासीनता को उजागर कर रहा है।

- बताया गया कि स्कूली बच्चों की यह मार्मिक अपील गणेशोत्सव के दौरान सामने आई है, वहीं ग्रामीणों और बच्चों को उम्मीद है कि भगवान गणेश की कृपा से प्रशासन की नींद टूटेगी और जल्द ही उनके विद्यालय भवन के निर्माण की दिशा में आवश्यक कदम उठाए जाएँगे, जिससे वे भी बाकी बच्चों की तरह अच्छे माहौल में पढ़ाई कर सकें। बच्चों ने अपने पत्र में लिखा है गणेश भगवान हमारी परेशानी कोई नहीं समझ रहा। हम सभी बच्चे आपसे प्रार्थना करते हैं कि हमारा स्कूल भवन फिर से बनवा दीजिए, जिससे हम मन लगाकर पढ़ाई कर सकें। यह मासूम बच्चों की अपील सीधे तौर पर यह सवाल उठाती है कि क्या सब पढ़ें, सब बढ़ें जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ हर बच्चे तक पहुँच रहा है, या नहीं।


शाला भवन टूटा, नए भवन का कर रहे इंतजार
विकासखंड मंडला के संकुल केंद्र शासकीय हवेली उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बम्हनी के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत देवगांव के पोषक ग्राम तलैया टोला में लगभग 26 बच्चे प्राथमिक विद्यालय में पढ़ते हैं। यह स्कूल भवन काफी समय से जर्जर हालत में था। तकनीकी अधिकारियों की रिपोर्ट के बाद इसे गिरा दिया गया था। ग्रामीणों और शिक्षकों को उम्मीद थी कि जल्द ही नया भवन बन जाएगा, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है।

रंगमंच में लग रही कक्षाएं, श्रीगणेश प्रतिमा भी स्थापित
स्कूल भवन न होने के कारण मजबूरन बच्चों को गांव के सांस्कृतिक रंगमंच में पढ़ाया जा रहा है। वर्तमान में इसी रंगमंच पर गणेश प्रतिमा स्थापित है और उसी पंडाल में कक्षा पहली से पाँचवीं तक के बच्चे एक साथ बैठकर पढ़ रहे हैं। इस अव्यवस्थित माहौल से न केवल उनकी पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हो रही है, बल्कि शिक्षकों को भी एक साथ कई कक्षाओं को संचालित करने में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।

कई बार कर चुके शिकायत
स्थानीय लोगों और अभिभावकों में इस स्थिति को लेकर गहरी नाराजगी है। ग्रामीणों का कहना है कि वे कई बार संबंधित अधिकारियों से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अभिभावकों का आरोप है कि बच्चों का भविष्य दांव पर लगा है और शिक्षा विभाग इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। ग्रामीणों का मानना है कि सरकारी योजनाओं और नारों का कोई मतलब नहीं रह जाता, जब बच्चों को एक सुरक्षित और स्थाई स्कूल भवन जैसी मूलभूत सुविधा भी उपलब्ध न हो।
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