बुरहानपुर में उगेंगे अब बौने नारियल के पेड़ – सांडसकला प्रक्षेत्र में नई संकर प्रजातियों का रोपण
बुरहानपुर,कृषि नवाचार की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कृषि विज्ञान केंद्र सांडसकला, बुरहानपुर के प्रक्षेत्र पर नारियल की येलो मलेशियन डवार्फ और सुनाकी ग्रीन प्रजातियों के पौधों का सफलतापूर्वक रोपण किया गया। यह दोनों संकर (हाइब्रिड) प्रजातियाँ अपने कम ऊंचाई और त्वरित फलन के लिए जानी जाती हैं, जो महज 3 से 4 वर्षों में फल देना शुरू कर देती हैं।
इस अवसर पर प्रक्षेत्र पर 35 पौधों का रोपण किया गया, जिनमें नारियल के साथ-साथ आम की गुलाबखास एवं मालदाह प्रजातियों के पौधे भी शामिल हैं। इन प्रजातियों का चयन खासतौर पर उनकी उत्कृष्ट गुणवत्ता, स्वाद और अनुकूल जलवायु के आधार पर किया गया है।
कार्यक्रम में केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. संदीप कुमार सिंह, वैज्ञानिक मेघा विभूते, भूपेंद्र सिंह, कार्तिकेय सिंह एवं प्रक्षेत्र प्रबंधक संदीप राठौड़ की उपस्थिति रही। इन सभी विशेषज्ञों ने पौधों के रख-रखाव, जल प्रबंधन और पोषण संबंधी जानकारी भी साझा की।
डॉ. संदीप कुमार सिंह ने बताया कि यह पहल किसानों को नई, लाभदायक एवं कम समय में फल देने वाली फसलों की ओर प्रेरित करेगी। इससे जिले में कृषि विविधीकरण को भी बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय किसानों की आय में इजाफा होने की संभावना है।
इस नवाचार ने किसानों और कृषि प्रेमियों में उत्साह भर दिया है और उम्मीद की जा रही है कि आने वाले वर्षों में बुरहानपुर का नाम नारियल और आम की उन्नत खेती में भी अग्रणी स्थान पर होगा।
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