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मंडला, नैनपुर और निवास में शुरू हुआ आदर्श केन्द्र

 


जिले की 400 से अधिक पंचायतों में मिलेगी नि:शुल्क कोचिंग और कौशल प्रशिक्षण 

  • मंडला, नैनपुर और निवास में शुरू हुआ आदर्श केन्द्र
  • लघु उद्योग विकास परिषद की पहल नि:शुल्क कोचिंग के साथ सिलाई, कढ़ाई, बुनाई का मिलेगा प्रशिक्षण

मंडला  ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर को सुधारने और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से एक नई पहल की शुरुआत की है। उज्ज्वला शिक्षा मिशन के तहत बच्चों को नि:शुल्क ट्यूशन मिलेगी, वहीं औद्योगिक प्रशिक्षण महिला विकास योजना के अंतर्गत महिलाओं को विभिन्न हुनर सिखाए जाएंगे। बताया गया कि मंडला जिले में अब युवाओं को रोजगार के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। लघु उद्योग विकास परिषद ने पहल करते हुए जिले की 400 से अधिक पंचायतों में नि:शुल्क कोचिंग के साथ सिलाई, कढ़ाई, बुनाई और पेंटिग का कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस पहल से पंचायत स्तर से ही युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे और वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे।

जानकारी अनुसार लघु उद्योग विकास परिषद ने आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के तीन विकासखंड से इसकी शुरूआत की है। जिसमें नैनपुर, मंडला और निवास ब्लाक में आदर्श केन्द्र का शुभारंभ किया है। जहां नैनपुर की ग्राम पंचायत रेवाड़ा के ग्राम अंडिया के खैरमाई मंदिर, मंडला की ग्राम पंचायत मलारा के ग्राम सांगवा के स्कूल टोला और निवास विकासखंड की ग्राम पंचायत बम्हनी के स्कूल टोला में कक्षा पहली से पांचवीं तक के बच्चों को नि:शुल्क कोचिंग के साथ क्षेत्र की युवतियों, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने प्रशिक्षण दिया जाएगा। लघु उद्योग विकास परिषद इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत प्रत्येक पंचायत में एक शिक्षक की नियुक्ति भी करेंगा, जो ग्राम में पढऩे वाले कक्षा पहली से पांचवीं तक बच्चों को नि:शुल्क कोचिंग प्रदान करेगा। इसके साथ ही युवतियों और महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई और बुनाई जैसे कौशल भी सिखाएगा।

ग्रामीण बच्चों के लिए उज्ज्वला शिक्षा मिशन 

अब गांव के बच्चों को बेहतर शिक्षा के अवसर मिलेंगे। उज्ज्वला शिक्षा मिशन के अंतर्गत प्रत्येक गांव में पंचायत स्तर पर बच्चों को प्रतिदिन दो घंटे की नि:शुल्क कोचिंग सेवा प्रदान की जाएगी। इस पहल का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण बच्चों की पढ़ाई में गुणवत्ता लाना और उन्हें भविष्य की प्रतिस्पर्धाओं के लिए तैयार करना है। बताया गया कि शिक्षा के अभाव में गांव के छात्र कई अवसरों से वंचित रह जाते हैं। अब उन्हें गांव में ही बेहतर मार्गदर्शन मिलेगा, जिससे उनकी शैक्षिक नींव मजबूत हो सकेगी।

महिलाओं को मिलेगा हुनर का प्रशिक्षण 

महिलाओं को स्वरोजगार से जोडऩे और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए औद्योगिक प्रशिक्षण महिला विकास योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई, बुनाई और पेंटिंग जैसे पारंपरिक और आधुनिक कौशलों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद सभी महिलाओं को उनके चुने हुए कार्य से संबंधित आवश्यक उपकरण और कच्चा माल भी उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे वे तुरंत अपना स्वरोजगार शुरू कर सकें। यह पहल ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।



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