नैनपुर बीईओ कार्यालय में मनमानी, शिक्षक परेशान
नैनपुर बीईओ कार्यालय में मनमानी, शिक्षक परेशान
नैनपुर बीईओ कार्यालय में मनमानी, शिक्षक परेशान, आंदोलन की चेतावनी
- वेतन और क्रमोन्नति अनुमोदन में हो रही देरी
- कर्मठ शिक्षकों को नोटिस
- निलंबित बाबू को महत्वपूर्ण प्रभार
नैनपुर . नैनपुर के बीईओ कार्यालय में व्याप्त अव्यवस्था और मनमानी से शिक्षक समुदाय अत्यधिक परेशान है। वेतन भुगतान में देरी, क्रमोन्नति अनुमोदन में पक्षपात और कर्मचारियों के अनुचित व्यवहार ने शिक्षकों में भारी रोष उत्पन्न कर दिया है। शिक्षकों ने बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। बताया गया कि जब से सुभाष चंद्र चतुर्वेदी ने नैनपुर बीईओ का कार्यभार संभाला है, तब से शिक्षकों की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। होली जैसे बड़े त्योहार पर भी समय पर वेतन नहीं मिला और पिछले दो-तीन महीनों से वेतन महीने के पहले सप्ताह के बाद ही जमा हो रहा है। इसके चलते कई शिक्षकों को बैंक लोन की किस्तों में देरी के कारण पेनाल्टी लगी और उनका सिविल स्कोर भी खराब हुआ। उच्च अधिकारियों से शिकायत और समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित होने के बाद ही वेतन भुगतान में सुधार हुआ, लेकिन अन्य समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं।
शिक्षक संगठनों का आरोप है कि क्रमोन्नति प्राप्त शिक्षकों का वेतनमान अनुमोदन जानबूझकर रोका जा रहा है। पहले लाओ – पहले पाओ की तर्ज पर चुनिंदा शिक्षकों की सर्विस बुक मंगाकर अनुमोदन कराया जा रहा है, और बिना लेन-देन के कोई काम नहीं हो रहा है। इस भेदभावपूर्ण रवैये को लेकर एसडीएम नैनपुर, सहायक आयुक्त मंडला और कलेक्टर मंडला को भी पत्र भेजे गए हैं, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। बताया गया कि नैनपुर बीईओ के पास मंडला ब्लॉक के हाई स्कूल घाघा का भी प्रभार है और वे प्रतिदिन मंडला से अप-डाउन करते हैं। इस कारण वे 11-12 बजे तक कार्यालय पहुंचते हैं और 4 बजे के आसपास वापस मंडला के लिए निकल जाते हैं। इसी तरह कार्यालय में पदस्थ अन्वेषक भाऊलाल पारधी लगभग 150 किमी दूर बालाघाट से अप-डाउन करते हैं और कभी भी कार्यालयीन समय में कार्यालय में नहीं रहते। इससे कार्यालय के कामकाज पर बुरा असर पड़ रहा है।

कर्मठ शिक्षकों को स्पष्टीकरण नोटिस
माध्यमिक शाला सर्रा पिपरिया जो अपने उत्कृष्ट कार्य के लिए पूरे जिले में प्रसिद्ध है और माध्यमिक शाला सगोनिया, जिसके प्रभारी को शैक्षिक अनुसंधान के लिए सिंगापुर भेजा गया था, उनके प्रभारियों को बीईओ सुभाष चंद्र चतुर्वेदी ने स्पष्टीकरण नोटिस जारी कर दिया है। इन शिक्षकों ने संगठन के पदाधिकारी होने के नाते शिक्षकों की समस्याओं से बीईओ को अवगत कराने का प्रयास किया था, जिसके बाद उन पर स्कूल में लापरवाही करने और कार्यालय में धमकी देने का झूठा आरोप लगाया गया। संकुल प्राचार्य ने अपने जवाब में बीईओ के आरोपों को निराधार बताया है।
निलंबित बाबू को महत्वपूर्ण प्रभार
बीईओ कार्यालय में पदस्थ बाबू अशोक यादव जो अपनी खराब कार्यप्रणाली के कारण पहले तीन-चार बार निलंबित हो चुके हैं, उन्हें बीईओ सुभाष चंद्र चतुर्वेदी ने स्थापना जैसा महत्वपूर्ण प्रभार सौंप दिया है। पिछले तीन बीईओ ने उनके खराब रिकॉर्ड को देखते हुए उन्हें कोई महत्वपूर्ण कार्य नहीं सौंपा था। अशोक यादव को कम्प्यूटर का कोई अनुभव नहीं है और उनका व्यवहार भी शिक्षकों के प्रति ठीक नहीं रहता। उनके सहयोग के लिए दो शिक्षकों को स्कूलों से बुलाकर कार्यालय में कम्प्यूटर का काम कराया जा रहा है, जिससे उन शालाओं के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
चार महीने से रुके वेतन और एरियर भुगतान में लापरवाही
प्राथमिक शिक्षक राजेश सिरसाम पिछले चार महीने से अपनी रुकी हुई वेतन के लिए बीईओ कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। उन्होंने एसडीएम नैनपुर, एसी कार्यालय और नैनपुर एवं मंडला जनसुनवाई में भी कई बार आवेदन दिए हैं, लेकिन अभी तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है। एसडीएम नैनपुर और सहायक आयुक्त मंडला द्वारा फोन पर शीघ्र वेतन जमा कराने के निर्देश दिए जाने के बावजूद बीईओ ने उनकी अनदेखी की है। बताया गया कि जिन शिक्षकों की सर्विस बुक का अनुमोदन हो चुका है, उनके एरियर का भुगतान भी जानबूझकर रोका जा रहा है। कोष एवं लेखा विभाग द्वारा एरियर भुगतान का विकल्प कुछ दिनों के लिए खोला गया है, लेकिन कार्यालय की धीमी कार्यप्रणाली के कारण सभी क्रमोन्नति प्राप्त शिक्षकों के एरियर का समय पर भुगतान असंभव लग रहा है।
नए बीईओ की पदस्थापना आदेश निरस्त
बीईओ की कार्यप्रणाली से परेशान होकर नैनपुर ब्लॉक के शिक्षकों ने मंडला सांसद फग्गनसिंह कुलस्ते और जल संसाधन विभाग मंत्री संपतिया उइके से मिलकर सुभाष चंद्र चतुर्वेदी को हटाने की मांग की थी। इसके परिणामस्वरूप प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से सहायक आयुक्त मंडला ने पूर्व डीपीसी, एपीसी रह चुके उच्च माध्यमिक शिक्षक हीरेन्द्र वर्मा को नैनपुर बीईओ का आदेश जारी किया था। इस आदेश से शिक्षकों में खुशी की लहर दौड़ गई थी, लेकिन सीनियर शिक्षक संघ द्वारा कलेक्टर से मिलकर उस आदेश को निरस्त करा दिया गया, जिससे विकासखंड के शिक्षक एक बार फिर खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। शिक्षक समुदाय में नैनपुर बीईओ कार्यालय की इस अव्यवस्थित कार्यप्रणाली को लेकर गहरा रोष है। यदि बीईओ और बाबू अपनी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं करते, तो भविष्य में नैनपुर ब्लॉक के शिक्षकों का एक बड़ा आंदोलन देखने को मिल सकता है।
इनका कहना है
वित्तीय अनियमित्ता के कारण लिपिक को वहां से हटा दिया गया था, कल ही लिपिक का आदेश नैनपुर के लिए किया गया है, जिससे समस्याओं का निदान जल्दी हो जाएगा।
वंदना गुप्ता, सहायक आयुक्त, मंडला
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