कच्चे नाले में डूबती उम्मीदें: संजय नगर बिंझिया के नागरिक बेहाल
कच्चे नाले में डूबती उम्मीदें: संजय नगर बिंझिया के नागरिक बेहाल
- नतीजा – गलियों में बहता गंदा पानी, घरों तक पहुंचती बदबू, और बीमार होते बच्चे
- क्या संजय नगर के लोगों को साफ-सुथरा और सुरक्षित जीवन जीने का अधिकार नहीं?
मंडला - संजय नगर, ग्राम पंचायत बिंझिया के नागरिक आज खुद को उपेक्षित और अनसुना महसूस कर रहे हैं। वजह साफ है आजादी के इतने वर्षों बाद भी यहां एक पक्का नाला तक नहीं बन सका। जो कच्चा नाला मौजूद है, वह खुद गंदगी से जूझ रहा है और आसपास के लोगों को भी उसी दलदल में धकेल रहा है।
इस नाले में लगातार पानी बहता रहता है, लेकिन ना तो उसकी सफाई की जा रही है, और ना ही भविष्य में किसी निर्माण की योजना नजर आती है। नतीजा – गलियों में बहता गंदा पानी, घरों तक पहुंचती बदबू, और बीमार होते बच्चे।
स्थानीय निवासी कहते हैं,
"हर साल बारिश से पहले यही डर सताता है कहीं घर में पानी न घुस जाए। हम मदद की गुहार लगाते रहे, लेकिन जिम्मेदार चुप हैं।
इस बार मौसम विभाग ने अच्छी बारिश की भविष्यवाणी की है। लेकिन संजय नगर के नागरिकों के लिए यह "अच्छी खबर" नहीं, बल्कि एक चेतावनी है। अगर प्रशासन ने समय रहते कच्चे नाले की सफाई नहीं करवाई और स्थायी समाधान की दिशा में कदम नहीं उठाया, तो यह क्षेत्र जलभराव, बीमारियों और बर्बादी की ओर बढ़ जाएगा।
यह केवल गंदगी की बात नहीं है, यह गरिमा की बात है। यह सवाल है उस नागरिक का जो टैक्स भी देता है और उम्मीद भी। क्या संजय नगर के लोगों को साफ-सुथरा और सुरक्षित जीवन जीने का अधिकार नहीं?
अब प्रशासन को नींद से जगना होगा। यह सिर्फ एक कच्चे नाले की समस्या नहीं, बल्कि एक पूरे मोहल्ले की आवाज़ है — जो अब चुप नहीं बैठेगा।
"नाले की सफाई आज नहीं तो कल नहीं – अभी चाहिए।"
– संजय नगर, बिंझिया के नागरिक
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