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कार्रवाई के आदेश की जलाई होली

 


कार्रवाई के आदेश की जलाई होली 

कार्रवाई के आदेश की जलाई होली, शत-प्रतिशत टीकाकारण, सेशन चालू नहीं

  • संविदा स्वास्थ्य कर्मियो की चौथे दिन हड़ताल जारी

मंडला संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल शुक्रवार को चौथे दिन जारी रही। धरना स्थल पर संविदा कर्मियों ने एमडी एनएचएम द्वारा जारी किये गये कार्रवाई के आदेश की होली जलाकर विरोध दर्ज कराया। इसमे बड़ी संख्या में संविदा कर्मियों ने विरोध में नारेबाजी की और शासन से मांग पूर्ण किये जाने की अपेक्षा की। शुक्रवार को टीकाकरण दिवस पर हड़ताल के चलते जिले में महिला व बच्चों का टीकाकरण प्रभावित हुआ है। टीकाकरण के राष्ट्रीय पोर्टल यूविन पर 100 प्रतिशत सेशन चालू नहीं हो सके। जिले में 137 संविदा एएनएम कार्यरत है। जिससे टीकाकरण प्रभावित हुआ है।

जानकारी के मुताबिक जिले के विभिन्न केडर के 700 से अधिक संविदा कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। जिससे स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हो गई है। शुक्रवार को संविदा कर्मियों ने कार्रवाई के आदेश की होली जलाकर विरोध दर्ज कराया। जिलाध्यक्ष डॉ. मुकेश झारिया ने बताया कि पूरे प्रदेश के साथ मंडला के संविदाकर्मी मांग पूरी होने तक हडताल जारी रखेंगे। शासन द्वारा बनाये जा रहे दबाव के आगे झुकेंगे नहीं।

समय पर नहीं मिल रही लैब रिपोर्ट, बच्चों की स्क्रीनिंग ठप्प 

संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से लेकर जिला अस्पताल तक लैब में होने वाली जांच प्रभावित होरहीं है। मरीजों को समय पर रिपोर्ट उपलब्ध नहीं हो पारही है। सबसे अधिक गंभीर स्थिति सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की बनी है। संविदा लैब टेक्नीशियन हड़ताल पर चले गये है। जिससे नियमित कर्मचारियों पर काम का बोझ बढ़ गया है और समय पर रिपोर्ट नहीं मिलने से मरीज परेशान हो रहे हैं। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के चिकित्सक सेवाएं नहीं दे रहे है। जिससे जिले के ग्रामीण अंचलों में बच्चों को मिलने वाली सेवाएं थम गई है। ग्रामीण अंचलों में स्क्रीनिंग नहीं हो पा रही है।

स्वास्थ्य कर्मचारी संघ का मिला समर्थन 

हड़ताल के चौथे दिन मध्यप्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष सीएम सिंह धरना स्थल पर पहुंचे और संविदा कर्मियों की मांग को जायज ठहराते हुए उन्होंने संविदा व्यवस्था को अभिशाप बताया। उन्होंने कहा कि उनके संगठन के माध्यम से मुख्यमंत्री से मांग की जाएगी कि सभी संविदा कर्मियों को नियमित करते हुए उनका हक दिया जाये।

311 आरोग्य केन्द्र पर ताला, भटक रहे मरीज, नहीं मिल रही प्रसूति सहायता राशि

  • संविदा स्वास्थ्य कर्मियो की हडताल का व्यापक असर

संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की लगातार तीसरे दिन की हड़ताल से जिले में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हो गई है। जिले के सीएचओ के हडताल पर चले जाने से 311 आरोग्य केन्द्र पर ताला लटक गया है। 137 संविदा एएनएम के हड़ताल पर होने से टीकाकरण ठप्प हो गया है। स्टाफ नर्स हड़ताल में शामिल हैं जिससे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से लेकर जिला अस्पताल तक सेवाएं प्रभावित हो गई है।

जानकारी के मुताबिक जिले के 700 से अधिक संविदा स्वास्थ्य कर्मी अपनी मांगो को लेकर 22 अप्रैल से हडताल पर चले गये है। गुरूवार को हड़ताल तीसरे दिन जारी रही। जिसमें सभी केडर के संविदा कर्मी पूरी एकजुटता के साथ शामिल होकर कलेक्टेऊट मार्ग पर धरना दे रहे है। हड़ताल की वजह से जिले के ग्रामीण क्षेत्र में सबसे अधिक सेवाएं प्रभावित हो गई है। ग्रामीण महिलाओं, गर्भवती महिलाओं को मुख्य रूप से सेवाएं देने वाले 311 आरोग्य केन्द्र में ताला पड़ गया है। जिससे महिलाओं को सेवाएं नहीं मिल पा रही है। 137 एएनएम शामिल है जिससे इन उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर टीकाकरण प्रभावित हो गया है।

हितग्राहियों को नहीं मिल रहा भुगतान 

कार्यालयीन स्टाफ जिले में अधिकांशत: संविदा कर्मी है। इनके हड़ताल पर चले जाने से महिलाओं को जननी सुरक्षा योजना और प्रसूति सहायता योजना समेत एलटीटी आपरेशन व अन्य भुगतान नहीं हो पा रहे है। जननी सुरक्षा योजना की 1400 की राशि और प्रसूति सहायता योजना की राशि के लिए हितग्राहियों को भटकना पड़ रहा है लेकिन उन्हें भुगतान नहीं मिल रहा है।

अस्पताल में सेवाएं प्रभावित

संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के हड़ताल पर जाने से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से लेकर जिला अस्पताल तक स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो गई है। हड़ताल के असर से नियमित कर्मचारियों पर काम का दबाव बढ गया है उनसे अधिक कार्य लिया जा रहा है। सूत्रो के मुताबिक नियमित कर्मचारियों के अवकाश भी रद्द कर दिये गये है। बेमियादी हडताल में आरबीएसके मेडिकल आफिसर, बीपीएम, बीसीएम, लेखापाल, नर्सिंग आफिसर, एएनएम, सीएचओ, लैब टेक्नीशियन, फार्मासिष्ट, डाटा एंट्री आपरेटर, पोषक प्रशिक्षक, एसटीएस, एसटीएलएस समेत अन्य संविदा केडर शामिल हैं।



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