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बाल विवाह रोकने जागरूकता कार्यशाला संपन्‍न



 बाल विवाह रोकने जागरूकता कार्यशाला संपन्‍न 


  • बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के अनुसार 21 वर्ष कम आयु का लड़का और 18 वर्ष से कम आयु 

  • बालक एवं बालिकाओं दोनों को गुड टच- बेड टच के बारे में बताया


  मंडला - पी.एम.श्री शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय महाराजपुर मण्डला में वन स्टॉप सेंटर द्वारा बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ योजना अंतर्गत कार्यशाला का आयोजन किया गया। अक्षय तृतीया त्यौहार में ज्यादातर विवाहों की शुरुआत होती है इस दौरान बाल विवाह न हो इसीलिये इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशासक मधुलिका उपाध्याय द्वारा छात्र/छात्राओं एवं उपस्थित शिक्षकों को बाल विवाह रोकने एवं रुकवाने हेतु समझाइश दी गई जिसमें बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराया गया। साथ ही बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के अनुसार 21 वर्ष कम आयु का लड़का और 18 वर्ष से कम आयु की लड़की का विवाह बाल विवाह माना जाता है जिसमें जेल एवं आर्थिक दण्ड का प्रावधान है। इस प्रकार अधिनियम के तहत दोषी पाये जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति जो विवाह समारोह में शामिल होते हैं या सहयोग करते हैं। सभी के लिये उचित दण्ड का प्रावधान है, जिसमें माता-पिता के अलावा रिश्तेदार, बिचौलिये, पुजारी, मौलवी, केटरिंग, टेंट, नाई, ब्यूटी पार्लर, विवाह आयोजक, प्रिंटिंग प्रेस और बैंड वाले भी शामिल हो सकते हैं। बाल विवाह में पकड़े गये दोषियों को 2 वर्ष का कारावास एवं एक लाख तक का जुर्माना या सजा दोनो का प्रावधान है। साथ ही वन स्टॉप सेंटर एवं हब में दी जाने वाली सहायताओं से सभी को अवगत कराया और महिला हेल्पलाईन नं. 181 के बारे में बताया गया। वित्तीय साक्षरता के बारे में भी बालिकाओं को अवगत कराया गया। बालक एवं बालिकाओं दोनों को गुड टच- बेड टच के बारे में बताया गया। कार्यक्रम के दौरान पुलिस विभाग से उप निरीक्षक शिव नारायण उपाध्याय द्वारा साइबर सुरक्षा से संबंधित जानकारी दी गई। विश्वसनीय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करें, ऑनलाइन डेटिंग साइट्स से दूर रहे। इलेक्ट्रॉनिक गेजेट्स में खराबी आने पर, विश्वसनीय व्यक्ति से अपने सामने रिपेयर कराएं।



 वैवाहिक धोखाधड़ी से सावधान रहें। मेट्रीमोनियल साइट्स पर प्रोफाइल में दी गई जानकारियों को विश्वसनीय सूत्रों से सत्यापित कर लें। ईमेल आईडी, सोशल मीडिया प्रोफाइल्स, ई वॉलेट्स/नेटबैंकिग आदि के पासवर्ड मजबूत रखें एवं नियमित अंतराल पर बदलते रहे। इसके अलावा साइबर क्राइम से निपटने के तरीके बताये गये। साइबर सिक्योरिटी से जुड़े आर्थिक अपराधों के लिये हेल्पलाईन नंबर 1930 के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। साथ ही थाने में रिपोर्ट भी दर्ज कराई जा सकती है, थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने के दौरान गोपनीयता भंग न हो उसका भी ध्यान रखा जाता है। सोशल मीडिया का सही उपयोग एवं अनजान लोगों से मित्रता न करने की समझाईश दी गई और डायल 100 के बारे में बताया गया जिसमें अनजान सड़को या सूनसान रास्तों पर या रात के वक्त कोई सुरक्षात्मक साधन न होने पर महिला डायल 100 का उपयोग करके सुरक्षित अपने गन्तव्य पर पहुंच सकती है। उक्त जानकारी दे कर सभी उपस्थित छात्र/छात्राओं से अपने अपने प्रश्नों के समाधान हेतु पूछा गया।

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