अध्यक्ष जनपद पंचायत बीजादांडी बनी रहेंगी पद में उच्च न्यायालय से राहत
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अध्यक्ष जनपद पंचायत बीजादांडी बनी रहेंगी पद में उच्च न्यायालय से राहत
मण्डला। बीते माह जनपद पंचायत अध्यक्ष बीजादांडी श्रीमति करिश्मा राजेन्द्र पट्टा के खिलाफ सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था जिसके बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था जिसको लेकर श्रीमति करिश्मा राजेन्द्र पट्टा ने उच्च न्यायालय जबलपुर की शरण ली थी उन्होंने इस पूरी प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए थे जबावदारों पर आरोप थे कि उन्होंने आविश्वास प्रस्ताव लाने की प्रक्रिया में घोर लापरवाही बरती है। जनपद पंचायत बीजादांडी में सदन कक्ष होने के बाद भी 65 किमी दूर जिला मुख्यालय जनपद सदस्यों को बुलाया गया। जिनके बिना प्रस्ताव के हाथ उठवाकर अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। इसी के साथ अविश्वास प्रक्रिया में लापरवाही बरती गई। जिसको लेकर जनपद अध्यक्ष ने सवाल खड़े किए थे लेकिन जिला स्तर एवं कमिश्रर कार्यालय से राहत न मिलने पर उच्च न्यायालय की शरण ली गई। जहां से जनपद पंचायत बीजादांडी की जनपद अध्यक्ष श्रीमति करिश्मा राजेन्द्र पट्टा को उच्च न्यायालय जबलपुर से स्थागन आदेश मिल गया है। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर में डब्लूपी संख्या 13574/2025 श्रीमती करिश्म राजेंद्र पुट्टा को दिनांक 21 अप्रैल 2025 संजय कुमार अग्रवाल वरिष्ठ अधिवक्ता तथा मोहित नायक याचिकाकर्ता के अधिवक्ता। मुकुंद अग्रवाल राज्य के शासकीय अधिवक्ता याचिकाकर्ता ने संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत अविश्वास प्रस्ताव दिनांक 06.03.2025 को चुनौती देते हुए यह याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता ने प्रस्तुत किया कि 1994 के नियमों का पालन नहीं किया गया है। कोई गुप्त मतदान नहीं हुआ। कार्यवाही को बंद कमरे में रिकॉर्ड किया गया तथा हाथ उठाकर मतदान किया गया। प्रतिवादियों को सात कार्य दिवसों के भीतर प्रक्रिया शुल्क का भुगतान करने के लिए नोटिस जारी करें। नोटिस चार सप्ताह के भीतर वापस किए जाने योग्य बनाए जाएं। दिनांक 06.03.2025 का संकल्प अगली सुनवाई की तारीख तक स्थगित रहेगा। राज्य की ओर से उपस्थित सरकारी अधिवक्ता को कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग मंगाने का निर्देश दिया जाता है। इस मामले को चार सप्ताह बाद सूचीबद्ध किया जाएगा। इस संबंध में जनपद सदस्य राजेन्द्र पट्टा ने बताया कि जनपद पंचायत बीजादांडी में 12 जनपद सदस्य हैं जिसमें से 9 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कहीं थी इसकी पूरी प्रक्रिया जिला योजना भवन मंडला में सम्पन्न हुई जिसमें अनेक तरह की त्रुटि की गई थी। जिसकी शिकायत कमिश्रर कार्यालय जबलपुर की गई थी जहां से राहत न मिलने के बाद उच्च न्यायालय की शरण ली गई उन्होंने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है पराजित नही उन्होंने कहा कि किसी भी कार्यस्थल पर किसी टीम की सफलता केवल एक व्यक्ति के कार्यों पर निर्भर नहीं होती, बल्कि पूरी टीम के सामूहिक प्रयास पर निर्भर करती है। प्रत्येक टीम के सदस्य द्वारा की गई कड़ी मेहनत और समर्पण को स्वीकार करना और उसकी सराहना करना महत्वपूर्ण है।
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