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आदिवासी संस्कृति और ग्रामीण परिवेश को होम स्टे के माध्यम से बढ़ावा मिलेगा - मंत्री संपतिया उइके

 


  • आदिवासी संस्कृति और ग्रामीण परिवेश को होम स्टे के माध्यम से बढ़ावा मिलेगा - मंत्री संपतिया उइके

  • मंत्री  संपतिया उइके ने चौगान में रानी महल व्यू, फारेस्ट व्यू और फार्म व्यू होम स्टे का लोकार्पण किया




मंडला - प्रदेश शासन की लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्रीमती संपतिया उइके ने कहा कि होम स्टे चौगान बहुत शानदार और ऐतिहासिक प्रयास है, जो कि जिले में पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करेगा। पहले मंडला जिले में आने वाले पर्यटक कान्हा राष्ट्रीय पार्क में जंगल घूमकर चले जाते थे। अब चौगान में स्थित होम स्टे पर्यटकों को आदिवासी संस्कृति और ग्रामीण परिवेश से रूबरू कराएगी। जिससे आदिवासी संस्कृति और ग्रामीण परिवेश की पहचान देश-विदेश में फैलेगी। मंत्री श्रीमती संपतिया उइके शनिवार को चौगान होम स्टे के शुभारंभ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रही थी। मंत्री श्रीमती संपतिया उइके के आगमन पर उनका आदिवासी परंपरागत लोकनृत्य, लोकगीत, ढोल-मंजीरे और कलश यात्रा निकालकर उनका स्वागत किया गया। 



  • आयोजित कार्यक्रम में मंत्री  संपतिया उइके, नगरपालिका अध्यक्ष  विनोद कछवाहा, भाजपा नगर अध्यक्ष  शिवा रानू राजपूत, सांसद प्रतिनिधि  जयदत्त झा, कलेक्टर  सोमेश मिश्रा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्श्रेयांश कूमट, एसडीएम घुघरी आकिप खान सहित समस्त मंचासीन प्रतिनिधियों को माटीशिल्प और गमछा भेंट कर स्वागत किया गया।   मंत्री  संपतिया उइके ने कहा कि होम स्टे पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए एक अभिनव पहल है। चौगान स्थित होम स्टे में उनके द्वारा पीएचई विभाग की एक मीटिंग का भी आयोजन किया जाएगा। उन्होंने सभी अधिकारी एवं नागरिकों से आग्रह किया कि अपने परिवार सहित आकर होम स्टे में एक-एक दिन जरूर रूकें और आदिवासी संस्कृति तथा ग्रामीण परिवेश के बारे में जानकारी प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि होम स्टे के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों को रोजगार मिलेगा, जो कि एक अच्छी पहल है। उन्होंने बताया कि होम स्टे में आने वाले नागरिक यहां के प्राचीन इतिहास, संस्कृति, किले देख सकेंगे। जिसमें राजा हृदयशाह का महल, दलबादल महल, चिमनी बेगम का महल, रायभगत की कोठी सहित नर्मदा नदी, काला पहाड़ सहित अन्य स्थान प्रमुख हैं। उन्होंने होम स्टे का व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार करने को कहा है जिससे पर्यटक होम स्टे की ओर आकर्षित हो सकें। मंत्री श्रीमती संपतिया उइके ने कहा कि होम स्टे में आने वाले पर्यटक आदिवासी संस्कृति के तहत लोकनृत्य, लोकगीत, पूजा-पाठ, बोली-भाषा, रीति-रिवाज, परंपराएं से अवगत होंगे। ग्रामीण परिवेश के तहत खेती करना, फसल काटना, बुआई करना इत्यादि के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। उन्होंने होम स्टे के माध्यम से ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने के इस प्रयास के लिए आजीविका मिशन के कार्यों की प्रशंसा की। 


 कलेक्टर  सोमेश मिश्रा ने आयोजित कार्यक्रम में बताया कि होम स्टे के माध्यम से मंडला जिले में आदिवासी संस्कृति और ग्रामीण परिवेश को बढ़ावा दिया जाएगा। ग्रामीणों को होम स्टे के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराए जाएंगे। होम स्टे में आने वाले पर्यटक प्राकृतिक वातावरण, वन, ग्रामीण परिवेश में शांतिपूर्वक समय बिता सकेंगे। पर्यटकों को स्थानीय संस्कृति, भाषा, परंपरा और रीति-रिवाज के बारे में जानकारी हो सकेगी। होम स्टे महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक अभिनव पहल है, जिससे रोजगार के अवसर उपलब्ध रहेंगे

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