श्रम अधिकारी की लापरवाही से बढ़ रहा बाल श्रम, प्रशासन मौन
श्रम अधिकारी की लापरवाही से बढ़ रहा बाल श्रम, प्रशासन मौन
मंडला - जिले में श्रम अधिकारी डी.के. जैन की कार्यशैली को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। शहर के होटलों, टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर एजेंसियों, निर्माण ठेकेदारों और अन्य कार्यस्थलों पर कम उम्र के बच्चों और किशोरों से काम कराने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। हालांकि, डी.के. जैन के पदभार संभालने के बाद से अब तक इस गंभीर मुद्दे पर एक भी कार्रवाई नहीं की गई है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि बाल श्रम रोकने और श्रमिक अधिकारों की रक्षा करने में अधिकारियों की निष्क्रियता चिंताजनक है।
श्रम कानूनों की अनदेखी
बाल श्रम रोकने के लिए बनाए गए सख्त कानून भी यहां मजाक बन गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि श्रम अधिकारी की निष्क्रियता के कारण शहर में बाल श्रम की घटनाएं बढ़ रही हैं।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
यह आश्चर्यजनक है कि जिस विभाग का मुख्य उद्देश्य श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करना है, वही अपने कर्तव्यों का पालन करने में असफल नजर आ रहा है। डी.के. जैन की इस चुप्पी ने प्रशासनिक तंत्र पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या प्रशासन जागेगा?
अब देखने वाली बात होगी कि इस मुद्दे को लेकर श्रम विभाग और संबंधित अधिकारी कब जागरूक होंगे और बाल श्रम तथा श्रमिकों के शोषण पर कब सख्त कदम उठाएंगे।
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