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मंडला जिले में नियमों की उड़ रही धज्जियां: चल रहा है नेताओं और उनके प्रतिनिधियों के हूटर बजाने का खेल



मंडला जिले में नियमों की उड़ रही धज्जियां: चल रहा है नेताओं और उनके प्रतिनिधियों के हूटर बजाने का खेल


मंडला -जिले में नेताओं, मंत्रियों और उनके प्रतिनिधियों द्वारा नियमों का उल्लंघन करते हुए अपनी गाड़ियों में हूटर और सायरन का उपयोग किया जा रहा है। यह न केवल सरकारी नियमों की अवहेलना है, बल्कि आम जनता के लिए असुविधा और असुरक्षा का कारण भी बन रहा है।  

समस्या का विवरण नियमों का उल्लंघन

 भारत सरकार के मोटर वाहन अधिनियम के तहत केवल आपातकालीन सेवाओं जैसे एम्बुलेंस, दमकल और पुलिस वाहनों को हूटर या सायरन के उपयोग की अनुमति है। लेकिन मंडला जिले में नेता और उनके प्रतिनिधि बिना किसी वैधानिक अधिकार के इनका उपयोग कर रहे हैं।  

 आम जनता पर प्रभाव

  •  हूटर और सायरन का बेवजह उपयोग सड़क पर चलने वाले अन्य वाहनों के लिए असुविधाजनक है। कई बार इसका दुरुपयोग कर रास्ता खाली करवाया जाता है, जिससे जनता में असंतोष बढ़ रहा है।  प्रशासन की उदासीनता प्रशासन की ओर से इस मामले में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। यह प्रशासन की उदासीनता और नेताओं के प्रभाव का प्रतीक है।  

हूटर से जुड़ी कुछ खास बातें

   केंद्रीय मोटर यान नियम 1989 के मुताबिक, किसी भी वाहन में हूटर लगाना अवैध है।सिर्फ़ कुछ वाहनों को ही हूटर लगाने की अनुमति है. जैसे कि, एंबुलेंस, फ़ायर ब्रिगेड, आरटीओ, और डायल 100 वाहन. अगर किसी वाहन में हूटर लगाया जाता है, तो उस पर पांच हज़ार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।हूटर लगाने और पटाखा साइलेंसर का इस्तेमाल करने पर वाहन से हूटर और साइलेंसर को निकलवाया जा सकता है।हूटर और सायरन का इस्तेमाल करने से स्लीपिंग डिसऑर्डर और चिड़चिड़ापन की समस्या हो सकती है।पढ़ाई या ऑफिस का काम कर रहे लोगों को भी हूटर और सायरन से परेशानी हो सकती है।

1)आम नागरिकों ने नेताओं और उनके प्रतिनिधियों के गाड़ियों से हूटर और सायरन को तुरंत हटाने की मांग की है।  

2)इस मुद्दे पर सख्त कार्रवाई करते हुए दोषियों के खिलाफ जुर्माना और वाहन जब्त करने की प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए।  

 अगर मंडला जिले में इस तरह के नियमों का उल्लंघन जारी रहा, तो यह न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करेगा, बल्कि आम जनता के लिए बड़ा संकट भी बन सकता है। प्रशासन को त्वरित और सख्त कदम उठाने की जरूरत है, ताकि कानून का सम्मान बना रहे और जनता राहत महसूस करे।  

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