नवरात्रि के अवसर पर टिकरवारा में शिव महापुराण कथा: आचार्य पं. रूचित द्विवेदी ने शुम्भ-निशुम्भ वध का किया भावपूर्ण वर्णन
नवरात्रि के अवसर पर टिकरवारा में शिव महापुराण कथा: आचार्य पं. रूचित द्विवेदी ने शुम्भ-निशुम्भ वध का किया भावपूर्ण वर्णन
मंडला - नवरात्रि के पावन पर्व पर ग्राम टिकरवारा में श्री शिव महापुराण कथा का आयोजन भव्य रूप से किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य कथा वाचक आचार्य पं. रूचित द्विवेदी शास्त्री जी ने अपनी मधुर वाणी और विद्वतापूर्ण ज्ञान से श्रद्धालुओं को मोहित कर दिया। कथा में उन्होंने न केवल शिव महापुराण की महत्वपूर्ण कथाओं का वर्णन किया, बल्कि नरकों के विभिन्न स्वरूपों का भी विस्तार से उल्लेख किया। आचार्य जी ने देवी माहात्म्य के अंतर्गत शुम्भ-निशुम्भ वध की कथा को भी बड़े भावुक और रोचक ढंग से प्रस्तुत किया, जिससे उपस्थित सभी श्रद्धालु माता के अद्भुत स्वरूप और उनकी महिमा से अभिभूत हो गए। कथा के दौरान उन्होंने बताया कि कैसे शुम्भ और निशुम्भ जैसे असुरों का अंत हुआ और देवी ने संसार को दुष्ट शक्तियों से मुक्त किया।
इस आयोजन में ग्राम टिकरवारा के सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे और नवरात्रि के इस विशेष पर्व पर देवी की आराधना और शिव महापुराण के ज्ञान का लाभ उठाया। विशेष रूप से, आचार्य पं. रूचित द्विवेदी जी की कथा शैली ने सभी को गहराई से प्रभावित किया। उनके द्वारा व्यक्त आध्यात्मिक और धार्मिक संदेश ने लोगों को धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी।कार्यक्रम के अंत में भक्तों के लिए महाप्रसाद का आयोजन भी किया गया, जिससे गांव में समृद्धि, शांति और आपसी भाईचारे की भावना प्रबल हुई
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