तीन दिनों तक जबलपुर से नैनपुर पैसेंजर ट्रेन बंद आखिर क्यों
तीन दिनों तक जबलपुर से नैनपुर पैसेंजर ट्रेन बंद
- पश्चिम मध्य रेल से प्रारम्भ टर्मिनेट होने वाली कुछ रेलगाडिय़ों को निरस्त एवं मार्ग किया गया परिवर्तित
- तीन दिनों तक जबलपुर से नैनपुर पैसेंजर ट्रेन बंद
- माध्यम वर्गीय परिवार पर पड़ेगा असर
नैनपुर . जबलपुर रेलवे प्रशासन द्वारा अधोसंरचना विकास के कार्यों को शीघ्र पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी संदर्भ में पमरे के जबलपुर मंडल के जबलपुर- इटारसी रेल खण्ड में कछपुरा रेलवे स्टेशन पर प्री-नॉन इंटरलॉकिंग नॉन इंटरलॉकिंग का कार्य करने का निर्णय लिया गया है। इस दौरान पश्चिम मध्य रेल से प्रारम्भ टर्मिनेट होने वाली कुछ रेलगाडिय़ों को निरस्त एवं मार्ग परिवर्तित किया गया है।
जानकारी अनुसार 05 से 08 अक्टूबर तक जबलपुर से रवाना होने वाली गाड़ी संख्या 05703 जबलपुर-नैनपुर पैसेंजर ट्रेन रद्द रहेगी। 06 से 9 अक्टूबर तक नैनपुर से रवाना होने वाली गाड़ी संख्या 05704 नैनपुर-जबलपुर पैसेन्जर ट्रेन रद्द रहेगी। 6 से 9 अक्टूबर तक जबलपुर से रवाना होने वाली गाड़ी संख्या 05705 जबलपुर-नैनपुर पैसेंजर ट्रेन रद्द रहेगी। 6 से 09 अक्टूबर तक नैनपुर से रवाना होने वाली गाड़ी संख्या 05706 नैनपुर जबलपुर पैसेंजर ट्रेन रद्द रहेगी।
बताया गया कि तीन दिनों तक पैसेंजर ट्रेन बंद होने से मध्यम वर्गीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। लंबी दूरी और अपडाउन करने वालों की जेब में इस फेरबदल का असर दिखाई देगा। कम खर्च में लंबी दूरी तय कर मध्यम वर्गीय परिवार अपनी कुछ बचत कर लेते है, लेकिन ये तीन दिन इन परिवारों के लिए मुसीबत से कम नहीं होगा। इन लोगों को अब यात्री वाहनों का सहारा लेना पड़ेगा।
मंडला जिले की जनता को थमा रहे लालीपॉप
क्षेत्रीयजनों का मानना है कि बिलासपुर जोन और नागपुर डिवीजन के आला अधिकारियों ने हमेशा मंडला जिले के उदासीन और भोलेभाले जनप्रतिनिधियों का फायदा उठाकर अपने हित साधे हैं। सालों से जोनों और मंडल की हर बैठकों में ट्रेन की मांग और नैनपुर स्टेशन में यात्रियों की सुविधा की मांग की जाती रही है लेकिन ये एसी कमरों और एसी कोचो और एसी कारों में बैठकर सिर्फ कान्हा नेशनल पार्क घूमना जानते है। ये क्षेत्र की जनता को निरामूर्ख समझ कर हर बार दिल्ली दरबार की दुहाई देते फिरते हैं। दूसरी से तीसरी लाइन और नित नई नवेली ट्रेन इजात करने के अलावा इनके पास पर्याप्त धन उपलब्ध है लेकिन इस गरीब आदिवासी पिछड़े क्षेत्र के विकास के लिए इनके पास पर्याप्त धन उपलब्ध नहीं है।
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