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सत्य का असत्य पर विजय का पर्व दशहरा आज

 


  • सत्य का असत्य पर विजय का पर्व दशहरा आज
  • सत्य का असत्य पर विजय का पर्व दशहरा आज
  • सभी तैयारियां पूर्ण, दशहरा को नीलकंठ के दर्शन करना होता है शुभ

नैनपुर - सत्य का असत्य और अच्छाइयों का बुराइयों पर विजय प्राप्त करने का पर्व दशहरा आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने सत्य के मार्ग पर चलते हुए मानव कल्याण के कई आदर्श स्थापित किये थे, उनका अनुपालन खुद करने के साथ ही हम लोगों को भी उसका अनुसरण करने के लिए प्रेरित किया था। शारदेय नवरात्र के दशवें दिन यानि आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी को देशभर में दशहरे का पर्व मनाया जाता है।



देवी पंडालों व सिद्धपीठों में भक्त पूजा अर्चना करने पहुंच रहे है। सुबह से देवी भक्तों का मंदिरों में जल चढ़ाने का क्रम नवमीं के दिन भी चलता रहा। जैसे जैसे दिन बढ़ता गया। भक्तों की कतारें मंदिरों में बढऩे लगी। सुबह से देर देर शाम तक देवी मंदिरों में पूजा अर्चना के लिये भक्तों की कतार लगी रही। नवमी के दिन भी अधिकत्तर दुर्गा पंडालों, घरों कन्या भोजन कराया गया। दुर्गा पंडालों में दर्शन को भक्त उमड़ रहे हैं। शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र के लोग पंडालों में देवीदर्शन के साथ माता के जस, आरती कर रहे हैं। आकर्षक विद्युत साज सज्जा के साथ सजे पंडालों व मॉ दुर्गा के दर्शन कर रहे हैं। चल समारोह के लिए एहतियातन शहर के प्रमुख स्थलों में, घाटों में, सड़कों में पुलिस जवान तैनात रहेंगें. जिससे कोई अप्रिय घटना ना हो सके। वहीं मूर्ति विसर्जन के लिये आने वाले भक्तों पर भी नजर रखेंगे।

दशहरा को नीलकंठ के दर्शन करना होता है शुभ :

दशहरा के दिन यदि किसी को नीलकंठ पक्षी दिख जाए तो काफी शुभ होता है। कहा जाता है कि नीलकंठ भगवान शिव का प्रतीक है, जिनके दर्शन से सौभाग्य और पुण्य की प्राप्ति होती है। दशहरे के दिन गंगा स्नान करने को भी बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है। कहा जाता है कि दशहरे के दिन गंगा स्नान करने का फल कई गुना बढ़ जाता है। इसलिए दशहरे के दिन लोग गंगा या अपने पास किसी की नदी में स्नान करने जाते हैं।


विसर्जन कुण्ड में होगी प्रतिमाओं का विसर्जन :

अनेक वर्षों से मूर्तियों का विसर्जन थावर के घाट में समारोह के बाद होता रहा है, नगरपालिका के द्वारा बनाए गए विसर्जन कुण्ड में किया जाता आ रहा है और कुछ दुर्गोत्सव समितियों द्वारा मूर्तियों का विसर्जन कुण्ड में ना करके मुख्यालय से दूर नर्मदा नदी में करते है। प्रशासन ने सभी दुर्गोत्सव समितियों को निर्देश दिये है कि मूर्ति विसर्जन के लिये बनाए गए कुण्ड में ही विसर्जन करें। मूर्ति विसर्जन के लिये विगत दो वर्षो से चल समारोह नहीं हो रहा है, लेकिन इस वर्ष चल समारोह में दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। विसर्जन के लिए प्रशासन ने सभी तैयारियां पूर्ण कर ली है।

प्रतिमा विसर्जन की तैयारियां पूर्ण

आज दशहरा पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। इसके लिए प्रशासन ने सभी तैयारियां पूर्ण कर ली है। सुरक्षा की दृष्टि से नगरपालिका ने पूरे इंतजाम कर लिये है। नगरपालिका के द्वारा पानी की व्यवस्था की गई है। दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन कुण्ड के लिए तैयार किये गए पोखरों एवं व्यवस्थाओं का निरीक्षण संबंधित अधिकारियों द्वारा कर लिया है। नगरपालिका के कर्मचारियों द्वारा शासन द्वारा निर्धारित व्यवस्थायें बना ली गई है। साथ ही दुर्गा उत्सव समिति के समस्त श्रृद्धलुओं से अपील की गई कि शासन द्वारा निर्धारित दिशा, निर्देशों का पालन करते हुय विसर्जन कुण्ड पर ही प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाए

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