श्रावण माह की पूर्णिमा के अवसर पर ताप्ती सेवा समिति बुरहानपुर ने आति प्राचीन परमाराओं के संवाहको को सम्मानित कर पवित्र धर्म ध्वजाओ के दर्शन लाभ लिये
बुरहानपुर - श्रावण माह की पूर्णिमा के अवसर पर ताप्ती सेवा समिति बुरहानपुर ने आति प्राचीन परमाराओं के संवाहको को सम्मानित कर पवित्र धर्म ध्वजाओ के दर्शन लाभ लिये। पवित्र श्रावण माह में अनेक धार्मिक स्थलों/पूजा, अनुष्ठान आदी होते है परन्तु वाल्मिक समाज द्वारा करीब दो शलको में भगवान जाहरवीर गोगा देव की धर्म ध्वजा (निशान) की पूजा- अर्चना इस माह में विशेष रूप से की जाती है। यह गोगा देव मंदीर महाजना पेठ स्थित शिकारपुरा गेट मार्ग पर है। यह मंदीर बहुत प्राचीन है जिसे तत्कालीन राजा बलवंतराय भुस्कुटे सरकार द्वारा दान के रूप में दी गयी जमीन पर बनाया यह गया था, उस समय "धर्म ध्वजा" की पूजा- अर्चना स्वर्गीय छोट्या जी भगत ने प्रारंभ की जिसे आज राजकमल भगत जी निर्वहन कर रहे है। ताप्ती सेवा समिति बुरहानपुर ने मंदीर जाकर इस इतिहासिक परम्परा के संवाहक कमल भगत , सुरेश मैलुदे को प्रशस्तिपत्र, शाल श्रीफल पुष्प माला से सम्मानित किया। अध्यक्ष श्रीमती सरीता राजेश भगत एवम् संरक्षक राजीव खेडकर "सौरम" ने धर्म ध्वजा की पूजा अर्चना कर भगवान गोगा देव की प्रज्वलित धूनीरज को शिराधार्य किया। कोषाध्यक्ष धर्मेन्द्र सोनी समिति के कार्यकलापों की जानकारी देकर प्रशास्त प्रदान किया, सचिव राजेश भगत ने शाल श्रीफल देकर सम्मानित किया। सदस्य अजय राठौर , विजय राठौर ने पुष्पमाला से सम्मानित किया। इसी प्रकार वाल्मिक समाज को परंपराओं के पोषक एवम् सर्वेधक दौलतपुर के लखन राजपूत भगत,नितीन डुलगुज, दिलीप चावरे, शनवारा के धर्म ध्वजा के भगत किशोर भगत, सुखलाल उस्ताद, रूपेश कछवाये, पंचमुखी हनुमान मंदोर के पास धर्म ध्वजा के बापू भगत ,कन्हैया उस्ताद, , शंकर डांगोर शिकारपुरा के दीपक भगत, संजय उस्ताद बोपत, धरम सौदे कमल बोयत, अनिल पारोचे, ललीत आदीवाल को सम्मानित कर प्रशस्तिपत्र दिये गये। इस अवसर पर कवि वैभव, जैकी चड्ढा, अताउल्लाखान जय गंगराडे उपस्थित थे। संचालन राजीन खेडकर ने किया तथा आभार राजेश भगत पूर्वपार्षद ने माना।
इति
अध्यक्ष
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