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जिले के नदी नाले उफान परजिले के कई मार्ग अवरूद्ध

जिले के नदी नाले उफान पर
जिले के कई मार्ग अवरूद्ध

थांवर बांध के पांच गेट खुले
मटियारी के चार,


लोगों को दी जा रही समझाईश

मंडला - पिछले दो दिनों से मानसून जमकर मेहरबान है। जिले सहित वन आंचलों में बारिश का दौर जारी है। शहरी व नगरीय क्षेत्रों में जहां रूक-रूककर हल्की मध्यम बारिश हो रही है वहीं वनों से आच्छादित क्षेत्रों में सावन की झड़ी लगी है। जिले सहित डिंडौरी में हो रही बारिश के चलते नर्मदा के जल स्तर में बढ़ोत्तरी हुई है। विगत दिनों से लगातार बारिश हो रही है। रुक रूक कर रिमझिम बारिश से नदी, नालों का जल स्तर बढ़ गया है। विगत 24 घंटों के दौरान जिले में औसतन करीब 30.6 मिमी बारिश दर्ज की गई है। 1 जून से अभी तक बारिश का आंकड़ा 35.5 इंच के पार पहुंच चुका हैं। वहीं पिछले वर्ष 1 जून से 3 अगस्त तक करीब 30.44 इंच बारिश दर्ज की गई थी।

 लगातार बारिश से मंडला में नर्मदा नदी का जल स्तर बढ़ गया है। शनिवार दोपहर को मंडला में नर्मदा नदी का स्तर 435.68 मीटर दर्ज किया गया है। वहीं जिले भर में नदी, नाले उफान पर हैं। सुरपन नदी का जल स्तर बढऩे से कटंगा टोला मार्ग में यातायात बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही बुढनेर, फेन नदी के जलस्तर में बढ़ा है, जिसके कारण कई मार्ग प्रभावित हुए हैं। मौसम विभाग ने मंडला सहित मध्यप्रदेश के अनेक जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। जिसके अनुसार जिले में करीब 115.6 मिमी से 204.4 मिमी तक बारिश हो सकती है।



मुख्य बांध सुरक्षित, स्लूस गेट पूर्णत: खुला 

विकासखण्ड घुघरी अंतर्गत ग्राम सुरेहली में जलाशय स्थित है। जलाशय का कैचमेंट एरिया 3.11 वर्ग किमी है एवं जलभराव क्षमता 0.611 मिली घनमीटर है। बांध की लंबाई 210 मीटर एवं ऊंचाई 14 मीटर है। जलाशय का निर्माण वर्ष 2010-11 में पूर्ण कर लिया गया था। जलाशय के कैचमेंट एरिया में अत्याधिक बारिश होने के कारण बांध पूर्ण क्षमता में भरने के बाद वेस्ट वियर से लगभग 1 मीटर ऊंचाई से पानी की निकासी हुई है, जिससे वेस्ट वियर की डाऊन स्ट्रीम में कटाव हो गया है। जलाशय का मुख्य बांध सुरक्षित है एवं नहर का स्लूस गेट पूर्णत: खुला रखा गया है। फिर भी सर्तकता को दृष्टिगत रखते हुए वेस्ट वियर से लगभग 1.50 किमी निचले एरिया में स्थित दो परिवारों को अन्यत्र सुरक्षित स्थल पर जाने के लिए अवगत करा दिया गया है। वर्तमान में वेस्ट वियर से लगभग 1 फीट ऊंचाई का पानी निकासी हो रहा है। स्थल पर विभागीय अमला उपस्थित है। स्थिति पर नियंत्रण के लिए सतत् निगरानी की जा रही है। वर्तमान में किसी भी प्रकार का रिसाव बांध से नही हो रहा है एवं बांध सुरक्षित है।



उफान पर नदी, नाले, लापरवाही बरत रहे लोग 

 अंजनिया से बम्हनी मार्ग के बीच कछुटिया नाला, ककैया का टाका तालाब, अंजनिया से रामनगर के बीच छोटे-छोटे नालो के अलावा माँद कासखेड़ा, बटवार औऱ नरेनी मार्ग से लोगों के संपर्क टूट गए हैं। रिमझिम बारिश का दौर जारी होने के कारण नदी, नाले उफान पर है। नदी नालों का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। वहीं नरैनी और सरई टोला मार्ग के बीच बने मार्ग में बाढ़ का पानी तेज गति से बह रहा है। बताया गया कि इस मार्ग में जलस्तर कम होने के पहले ही लोग लापरवाही बरत रहे थे। बारिश के पानी में बहकर आ रही लकड़ी को लोग पकड़ रहे। जिसकी जानकारी स्थानीय प्रशासन और पुलिस को लगी। जिसके बाद प्रशासन सचेत हुआ और ग्राम पंचायत और पुलिस का अमला गांव गांव पहुंच कर लोगों को नदी, नालों से दूर रहने की समझाईश दे रहा है।



मटियारी और थांवर बांध के गेट खोले गये 
लगातार हो रही बारिश के चलते जिले के जलाशयों का जल स्तर बढ़ गया है। जिसके कारण इन जलाशयों के गेट खोलेगए है। शनिवार की शाम 6 बजे थांवर बांध के 5 गेट 0.4 मीटर तक खोले गये हैं, जिससे निचले क्षेत्र में जल स्तर बढ़ेगा। प्रभावित ग्रामों में मुनादी कराते हुये लोगों को सतर्क रहने और नदी के किनारे नहीं जाने की अपील की गई है। वहीं बिछिया ब्लॉक के अंजनिया से अहमदपुर, बघरौडी पर बने मटियारी डेम के 04 गेट शनिवार की शाम 4 बजे 60.60 मीटर खोल दिए गए है, जिससे आसपास के गांव के नदी नाले उफान पर हैं। ऐसे में लगातार अंजनिया प्रशासन गांव गांव पहुंचकर नदी नाले पर जमी भीड़ को अलग कर समझाइस दे रहा है।



मटियारी और थांवर के यह क्षेत्र होते है प्रभावित 
जिले में पिछले कुछ दिनो से लगातार बारिश हो रही है। नर्मदा समेत अन्य सहायक नदियां उफान पर है। यहां के जलाशय और बांध भी लबालब हो गए है। थांवर और मटियारी बांध का भी जल स्तर बढ़ गया है। जिसके चलते मटियारी और थांवर डेम के गेट खोले गए हैं। इसको लेकर प्रशासन ने बांधों के निचले हिस्सो में रहने वाले लोगों को पहले ही अलर्ट जारी कर दिया था। थांवर जलाशय के ऊपरी हिस्से पर निवासरत ग्रामवासी मंडला जिले के 15 ग्राम बीजेगांव, चरी, टिकरिया, केवलारी, सुक्कम, चरगांव, बरबसपुर, कुरला छींदा, झुलपुर, खमरिया, कछारी, देवरी, पड़रिया, डोभी, कन्हरगांव जलभराव से प्रभावित होते हैं। इसके अलावा निचले हिस्से पर निवासरत ग्रामवासी मंडला जिले के 6 ग्राम पोटिया, बिनौरी, खिरसारू, भरवेली, धर्राची, पिंडरई, नगर पालिका नैनपुर तथा सिवनी जिले के 5 ग्राम किमाची, ग्वारी, छींदा सर्रई, तिंदुआ में थांवर नदी के समीप के क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित होते हैं। वहीं मटियारी जलाशय के निचले सतह पर रहने वाले मंडला जिले के ग्राम बघरौडी, रामपुर, डुटका, अहमदपुर, बैलटोला, नरैनी, सरईटोला, जगनाथर, मटियारीटोला माधोपुर, डगनीटोला, जैताटोला, करियागांव, गंगोरा, दिवारा, मटियारी बांध के क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित होते हैं।

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