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75वां गणतंत्र दिवस के अवसर पर शहर कांग्रेस कार्यालय पर अध्यक्ष मोहम्मद नजम शमीम ने झंडारोहण किया वा राष्ट्रगान गाया गया

आज़मगढ़, 75वां गणतंत्र दिवस के अवसर पर शहर कांग्रेस कार्यालय पर अध्यक्ष मोहम्मद नजम शमीम ने झंडारोहण किया वा राष्ट्रगान गाया गया इस दिन की महत्ता इस बात से है कि संविधान को 26 नवंबर 1949 को ग्रहण किया गया तथा 26 जनवरी 1950 को प्रवृत्त हुआ संविधान का मूल मंत्र है कि कानून का शासन हो जिसके आधार पर राष्ट्र का प्रत्येक व्यक्ति अश्वस्त रहता है कि उसके सपने पूरे होंगे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि वह किस परिवार में पैदा हुआ है हम सबको इस बात के लिए गौरवांवित होना चाहिए कि कानून व्यवस्था में हम सब का महत्वपूर्ण योगदान है नजम ने पदाधिकारियों कार्यकर्ताओं एवं देशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए देश के स्वतंत्रता संग्राम में शहीदों एवं संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि देते हुए कहा गणतंत्र दिवस पर सभी को गर्व है देश का यह सर्वोत्तम पर्व है संविधान हमें समान अधिकार देता है मौलिक अधिकार नागरिकों को खुली हवा में निर्भीक जीने के लिए गारंटी देता है हमें अपने सार्वजनिक जीवन में संविधान में दी गई व्यवस्थाओं के अनुरूप कार्य करना चाहिए| आइए इस गणतंत्र दिवस पर लोकतंत्र के प्रहरी बन संविधान बचाने का प्रण लेते हैं।मिर्ज़ा शान आलम बेग ने कहा कि आज सरकार जिस तरह से संविधान को कमजोर करने की दिशा में कार्य कर रही है देश की जनता को सतर्क रहना चाहिए अगर यह अपने मकसद में सफल हो गए तो देश को नरक बना देंगे| मिर्ज़ा बरकत उल्लाह बेग ने कहा की देश की सरकार जिस मानसिकता से कार्य कर रही है अब समय आ गया है कि इनकी आंख में आंख डाल कर बात की जाए।हर व्यक्ति जो सेकुलर डेमोक्रेसी में यकीन रखता है उसे अपने आसपास ऐसे लोग ढूंढ कर संगठित होना है और इन जाहिलों को बताना है कि देश में न तो इनकी संख्या हमसे अधिक है और न ही हम इनसे डरते हैं इनको सबक सिखाने का समय भी बस आने ही वाला है। ये सब अंतहीन नहीं है, बस एक बार संगठित होना शुरू कीजिए |डॉ.आदित्य सिंह ने कहा की हमारे देश के लिए संविधान बहुत ही महत्वपूर्ण धन है जिसके बिना देश के भविष्य को नहीं गढ़ा जा सकता गण का तंत्र पर ऐसा प्रभाव होना चाहिए की तंत्र कभी गण पर हावी ना हो सके। रेयाज़ुल हसन ने कहा की आज हमें सबसे ज़्यादा ज़रूरत संविधान के बुनियादी सिद्धांतों, न्याय, समानता, आज़ादी, परस्पर भाईचारा, धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद को बचाने की है। जावेद खान ने कहा कीभारत का संविधान, प्राचीन भारतीय सभ्यता में निहित सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक मूल्यों पर आधारित है। न्याय, मर्यादा, समता और समभाव के हमारे मूल्य इसके मज़बूत स्तंभ हैं, और यही आज़ादी के बाद हमारे सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन के मानक भी बने।कार्यक्रम को अधिवक्ता नजीब अहमद और बालचंद राम ने भी संबोधित किया!
इस अवसर पर मोहम्मद नजम शमीम, मिर्ज़ा बरकत उल्लाह बेग, मिर्ज़ा शान आलम बेग, शाहिद खान,डॉ. आदित्य सिंह, रेयाज़ुल हसन, गोविंद शर्मा, फ़हीम खान प्रमोद यादव,नजीब अहमद,राजेश सिंह तोमर, बब्लू इराकी, मिर्ज़ा अहमर बेग, मोहम्मद असलम, नसीम अहमद, नदीम ख़ान, बालचंद राम, जावेद अहमद, अबसार, शेख तैयब,आफ़ताब, जावेद खान,अजय शर्मा, मो.अफ़ज़ल, जलालुद्दीन, सैफ़ुल्ला, आदि लोग उपस्थित रहे!



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रिपोर्ट न्यूज ब्यूरों ए के सिंह आजमगढ यूपी

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