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घोड़ी पर निकाली दुल्हन की बारात, परिजनों ने कहा बेटा-बेटी में कोई फर्क नहीं, अनोखी शादी की चर्चा हर शख्स की जुबान पर।


बुरहानपुर। आपने कई बार लड़कों को घोड़ी पर बरात निकलते हुए देखा होगा लेकिन बुरहानपुर में एक बौद्ध समाज की बेटी की बारात घोड़ी पर झांसी की रानी के वेश में निकली जोकि आकर्षण का केंद्र बनी रहीं। जिसको देखने के लिए कई राह चलते लोग थम से गए। हम बात कर रहे बस स्टैंड निवासी मीना निकम की जिनका विवाह बुरहानपुर निवासी कपिल सपकाडे के साथ हुआ। मीना की ख्वाहिश के लिए परिवार ने दूल्हा दुल्हन की घोड़ी पर बरात निकालकर ख्वाहिश पूरी करने की एक मिसाल पेश की है। मीना ने बताया कि उसकी शुरू से ही इच्छा थी कि वह बरात में दूल्हे के साथ स्वयं भी घोड़ी पर बारातियों के साथ निकले और उनकी इच्छा उनके परिजनों ने पूरी की। उन्होंने बताया कि इस कारण परिवार में खुशी का माहौल है। इस दौरान दूल्हा और दुल्हन सहित उनके परिजन व मित्रों ने जमकर डीजे पर डांस किया। यह अनोखी शादी की चर्चा हर शख्स की जुबान पर है। यह दुल्हन घोड़े पर सवार, हाथों में तलवार, सिर पर साफा बांधे जब निकली तब लोग देखते ही रह गये। दुल्हन मीना के बड़े भाई कांतिलाल निकम ने कहा कि परिवार में बेटा-बेटी में कोई फर्क नहीं समझते बेटी भी किसी से कम नहीं इस लिए दूल्हे की तरह बेटी को भी घोड़ी पर बैठाया और गाजे-बाजे के साथ दुल्हा व दुल्हन की बारात निकाली। वहीं दुल्हन की बरात निकलने पर लोगों का कहना है कि समाज में समानता का संदेश देने का यह बेहतरीन तरीका है। इसमें सभी को उत्साह के साथ शामिल होना चाहिए. इस मामले पर लड़की के परिजनों ने कहा कि उन्हें खुशी है कि वो अपनी बेटी की शादी इस तरह से करने में कामयाब हुए। उनके विवाह पर उनके उनकी माता सकुंतला पति शांतिलाल निकम उनकी बड़ी बहन राधा गुर्जर, व जीजा जगदीश गुर्जर, भाई नरेंद्र निकम भांजी खुशी गुर्जर, भांजा हैप्पी गुर्जर, मामा जगन तायडे व समाज जनों ने उन्हें बधाई दी।

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