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घरेलू सिलेंडरो का इस्तेमाल अनियंत्रित वाहनो और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर रोक लगाए;सरकार को करोडो का नुकसान और धमाका होने कि संभावना


घरेलू सिलेंडरो का इस्तेमाल अनियंत्रित वाहनो और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर रोक लगाए;सरकार को करोडो का नुकसान और धमाका होने कि संभावना

बुरहानपुर / ग्राहक दक्षता कल्यान फॉउडेषन यह हमारी संयमसेवी संस्था है। जो की ग्राहको के हीत, मान-समान और सुरक्षा के लिए जनजागृती करती है। महाराष्ट्र राज्य में घरेलू सिलेंडरो का अवैध इस्तेमाल पर बडे पैमाने पर रोख लगाने हेतू हमारी संस्था को सफलता मिल रही है। इसी के चलते यहा खण्डवा मध्यप्रदेष में ऐसे ही ज्वंलत और रोजाना अपने जीवन में उपयोगी आने वाले घरेलू सिलेंडरो का इस्तेमाल अनियंत्रित वाहनो और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर रोक लगाए;सरकार को करोडो का नुकसान और धमाका होने कि संभावना इस विषय पर में ग्राहक दक्षता कल्यान फॉउडेशन का राष्ट्रीय अध्यक्ष नितीन सोळंके विस्तार से वार्ता करते है। 

व्यावसायिक सिलेंडरो के अनाप - शनाप दाम बढने के कारण व्यायसायिक प्रतिष्ठानों ने 14.2 किलो के घरेलू सिलेंडर का उपयोग शुरू कर दिया है। कई जगह पर तो सीधे 19 किलो के व्यावसायिक सिलेंडर में 14.2 किलो के घरेलू सिलेंडरों की गॅस पलटी की जा रही है। इतना ही नही तों वाहनों में भी अब घरेलू सिलेंडरों की भी उपयोग हो रहा है, जो कि एक गंभीर समस्या हैै। सिलेंडरों के अवैध उपयोग से किसी दिन बडा धमाका होने की संभावना से इनकार नही किया जा सकता। इसका सबसे बडा कारण यह है कि बाजार में थोडे से अधिक पैसे देने पर घरेलू सिलेंडर आसानी से ब्लैक में मिल जाता है। कुछ गॅस एजन्सीयां तो डमी ग्राहकों के नाम पर तेल कंपनियों से ज्यादा सिलेंडर खरीदकर कालाबाजारी कर रहे हैैं। थोडे से अधिक पैसे देकर सिलेंडरो कोे अपनें पास जमा कर उसे अधिक पैसे में बाजार में बचनें के लिए एकत्र किया जाता है, इसके उपर भी किसी नियंत्रको का ध्यान नही जा रहा है। फलस्वरूप एक ओर सिलेंडरों के दाम तेजी से इजाफा हो रही है और जिससे गैस के दाम मे बढने के कारण सामान्य और गरीब लोग संभल कर गॅस सिलेंडर का उपयोग कर रहे है। फिलहाल एक परिवार दो से तीन माह तक एक सिलेंडर का उपयोग कर रहे है। तेल कंपनियों ने मार्केटिंग का नया पैंतरा अपनाकर ग्राहको के नाम पर ऑटो बुकींग करके डिलरो के माध्यम से उनके घर तक पहुॅुचाना शुरू कर दिया है। सिलेंडर बुक न करने के कारण ग्राहक वह सिलेंडर नहीं लेते, और ऐसे ही सिलेंडरों को ब्लैक में बेचा जाता है। इस तरीके से गॅस एजेन्सियॉं सिलेंडर की कालाबाजारी कर रहे हैं। थोडे से पैसे के लिए एलपीजी गॅस वाहनों में भर कर कुछ लोग अपनी और दुसरों की जान को धोखे में डाल रहे हैं। एक टिल्लू पंप और सामान्य पाइप की मदत से एलपीजी गॅस वाहनों में डाली जाती है। सबसे गंभीर बात यह है की, कितनी गॅस भरी गई है यह देखने के लिए इलेक्ट्रॉनिक काटे का इस्तेमाल भी किया जाता है। व्यावसायिक सिलेण्डरोेें की तुलना में घरेलू सिलेंडरो के दाम कम होते है। लेकिन भविश्य में वाहनों में घरेलू सिलेंडर की एलपीजी भरना महंगा हो सकता है। घरेलू सिलेंडर घर पर खाना बनाने के उद्देश्य से तैयार किए जाते हैं। फीर भी घरेलू सिलेंडरो का इस्तेमाल अनियंत्रित वाहनो और व्यावसायिक प्रतिश्ठानों पर उपयोग हो रहा है। खण्डवा शहर में तो कुच्छ ऑटो चालक सीधे-सीधे घरेलू सिलेंडर को ही आटो के पीछे लगाकर चला रहे है। घरेलू सिलेंडर घर पर खाना बनाने के उद्देश से तैयार किए जाते हैं। फीर भी घरेलू सिलेंडरो का इस्तेमाल अनियंत्रित वाहनो और व्यावसायिक प्रतिशष्ठानों पर उपयोग हो रहा है।


*अवैध तरीके से बंडी मात्रा में घरेलू सिलण्डर जमीन पर बुरहानपुर शहर में घरेलू सिलेण्डरों को 25-50 के सख्खा में जमीन पर अवैध तरीके से रखकर वही से उस की बिक्री की जा रही है, जो की पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन (PESO) के मार्गदशक का उलघन है। घरेलू सिलेंडरों को इतनी बडी मात्रा में जमीन पर रख ना मतलब आसपास के नागरीको के जीवन से खिलवाड़ यहा के गैस वितरक कर रहे है। ऐसे गैस वितरको पर तत्काल नियमानूसार कार्यवाही कर के गैस वितरण व्यावस्था को सुधार की माग करते है।*

LPG वाहन धारक और व्यावसायिक प्रतिश्ठानों से बिनंती:- पेट्रोल, डिजल और अन्य इंधन से कीफायती और प्रदूक्षण विरहीत इंधन है। जिस वजह से ज्यादातर पब्लीक यातायात के वाहान LPG इंधन पर है। परतु हमरी LPG वाहन धारको से बिनंती है की वे अधिकृत । Auto LPGपंप से ही अपने वाहनो में LPG भराऐ। और जिन व्यावसायिक प्रतिशष्ठानों पर LPG सिलेंडर की उपयोग है वहा पर 19 kg व्यावसायिक 18 प्रतिशत LPG के पक्के बिलवाले LPGसिलेंडर का ही इस्तेमाल करे।

सिलेंडर को तौल कर नही दीया जाताः-

कई गैस एजन्सीया ग्राहक को LPG से भरे सिलेंडर का वजन और खली सिलेंडर का वजन भी तोलकर नही देते। ग्राहको ने वजन कर के लिया भी तो उनको गैस कम मिल रहा है। ऐसे में ग्राहक अगर शिकायत करे तो उन्हे डराया जाता। इस वजह से ग्राहाक भी शिकायत नही करता। जिस का फायदा गैस डीलेवरी करने वाले हॉकर और गैस वितरक करके कालाबाजारी कर रहे है। इस मुदो पर विधिक मापविज्ञान नियंत्रक ने ध्यान देकर उचित कार्यवाही करनी चाहीए।

गॅस सिलेंडर लेते वक्त की सावधानियॉः-

ऽ घरेलू सिलेंडर लेते वक्त उसकी सील साबूत है, यह सुनिश्चित कर लें। 

#खाली और भरे हुए सिलेंडर का वजन जांच लें। 

# सिलेंडर लीक तो नहीं है को चेक कर लें । 

#सिलेंडर उठाने के लिए दी गई जगह पर तीन पट्टीयॉ होती है। जिनमे से एक पट्टी पर सुरक्षा जांच का वर्ष लिखा होता है। उदा. A-30, B-30, C-30, D-30( A -Jan to March,B-April to June ,C-July to sep, D -Oct to Dec. ) 

सरकार को करोडों रूपयों का चुनाः-

ग्राहकों के हक का सिलेंडर व्यावसायियों और असामाजिक तत्वों के पास जा रहा है। ग्राहकों कें अधिकार वाले 14.2 किलो के एलपीजी सिलेंडर पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगती है, जब कि व्यावसायिक सिलेंडर पर 18 प्रतिषत । घरेलू सिलेंडर व्यावसायिक उपयोग के लिए लेने पर सीधे 13 प्रतिशत जीएसटी की चोरी होती है। इस प्रकार से जीएसटी की चोरी करके सरकार को करोडों रूपयें का चुना लगाया जा रहा है। जिसे तुरंत रोकने की जरूरत हैै।

उज्ज्वला योजना कें सिलेंडरो का दुरूपयोग:-प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना बहुत अच्छी योजना है और इसका स्वागत होना चाहिए। ग्रामीण और गरीब जनता को शुरूवात में इसका कुछ फायदा भी हुआ। लेकिन अब सिलेंडर के दाम 960 रूपये के करीब पहुंचने से लाभार्थी एक सिलेेंडर को तीन महिने तक इस्तेमाल कर रहे हैैं। ऐसे में एजन्सीयॉ खुद ही बुकींग करके कालाबाजारी करती हैं। अब यह योजना गरीबों की है या कालाबाजारी करने वालों की, यह सवाल खडा हो गया है। सरकार से निवेदन है कि उज्ज्वला योजना के लिए पात्र लाभार्थियों को ही इसका लाभ होना चाहिए। इण्डोनेशिया में गरीबों को 2,3,5 या 10 किलो का सिलेंडर दिया जाता है। हम उज्ज्वला योजना के माध्यम से भिन्न रंगो के वॉल समेत 2,3,5 या 10 किलो कें सिलेंडर लाभार्थियों को देते है तो वह उनके लिए किफायती होगा और कालाबाजारी भी कम होगी।

म्हाराश्ट्र में तीन महीनों में तीन बडे ब्लास्ट:-महाराष्ट्र में बीते तीन महिनों मे तीन बडे जिलों में तीन सिलेेंडर ब्लास्ट की घटनाएं हुई है। 21 मार्च 2022 को पुणे के कात्रज क्षेत्र में सुंधामाता दुग्ध मंदिर के पास सिलसिलेवार 25 छोटे सिलेंडर में ब्लास्ट हुए। छोटे सिलेंडर से बडे सिलेंडर में गॅस पलटी करते वक्त बडा ब्लास्ट हुआ। इसमें प्राण हानि तो हुई ही अनेक लोग गंभीर रूप से जख्मी भी हुए। इस विस्फोट से तबाही हुई सामानों का अब तक मुल्यांकन नही किया गया है। दुसरी घटना 25 अप्रैल 2022 को अमरावती जिले के परतवाडा के 28 हजार की जनसंख्या वाले कांडली, दत्तनगर क्षेत्र में श्रीराम गॅस गोदाम के पास अवैध रूप से रखे जाने वाले गॅस सिलेंडर में विस्फोट होने से कई झोपडीयो में आग लग गई। इस कांण्ड मे 8 सिलेंडरों में विस्फोट हुआ। श्रीराम गॅस गोदाम के मालिक ने अपनी ही खाली जमीन पर टिन के शेड की झोपडी बना कर वहां अवैध रूप से गॅस रिफिलिंग का काम शुरू किया था। तीसरी घटना तो बिल्कुल नजदीक की हैं। 9 मई 2022 नागपूर के बेलतारोडी के महाकाली नगर की झोपडपट्टी में 56 सिलेेंडरों में ब्लास्ट हुआ और 77 झोपडीयां जल कर खाक हो गई। अनेकों के संसार उजड गए, कपडे, पैसे, बच्चों के खिलोनें और अन्य वस्तुओं को जलता देख अग्नीशमन दल के भी रोंगटे खडे हो गए। इन्ही झोपडपट्टी में बेलतारोडी पुलिस ने कुछ दिनों पुर्व अवैध रूप से जारी गॅस रिफिलिंग कर रहे लोगों को रंगे हाथों पकड कर मामला दर्ज किया गया था। लेकिन इसके बाद भी बस्ती में इतना बडा विस्फोट कैसे हुआ? बीते तीन महिनो में महाराष्ट्र में अवैध सिलेंडर के उपयोग के कारण बडे विस्फोट हुए और जन सामान्य को भारी नुकसान भी उठाना पडा। 

प्रषासन ने समय पर जागरुक रहेकर कार्यवायी करणी चाहीए:-ऐसी घटनाओं सें नागरिकों मेेें भय का वातावरण है। अवैध रूप से गॅस रिफिलिंग होने के पुर्व ही प्रशासन ने समय पर जागरुक रहेकर कार्यवायी करणी चाहीए । अवैध एलपीजी का उपयोग करने वालों को अब रोकना ही होगा। साथ ही राज्य के विविध क्षेत्र में एलपीजी सिलेंडर धमाकों की उच्च स्तरीय जांच करके दोशियों को कडी से कडी सजा होनी चाहिए। साथ ही राज्य के सभी IOCL, HPCL, BPCLकंपनियों की एजेंसियों का थर्ड पार्टी ऑडिट किया जाना चाहिए। IOCL, HPCL, BPCL कंपनियों के ग्राहकों का हर साल केवायसी की प्रक्रिया किया जाना चाहिए । जिन ग्राहकों ने केवायसी किया है, उनके पंजिकृत मोबाईल नंबर पर बुकींग करने के बाद ओटीपी आने चाहिए। सिलेंडर डिलिवरी करते वक्त ओटीपी डालने पर ही बिल जनरेट हो, ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए। डिलिवरी ऑथेंटिकेशन कोड (डीएसी) लागू करके इसका सख्ती से पालन होना जरूरी है। या फीर जिस तरह से आपूर्ती विभाग व्दारा बायोमैटीक प्रणाली से अनाज का वितरण हो रहा है,ठिक उसी तरह घरेलू सिलेंडर का वितरण करणे की प्रणली तयार की जाये। सरकार ने इस ओर ध्यान दिया गया तो निर्दोष लोगों की बली नही चढेगी।

कठोर सजा का प्रावधान हो:-घरेलू सिलेंडर का दुरूपयोग करने पर जीवनावश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3 और 7 के अनुसार मामला दर्ज करके 6 माह की जेल या 20 हजार रूपयें जुर्माने का प्रावधान है। अवैध रूप से सिलेंडर का उपयोग रोकने के लिए प्रमुख पुलिस अधिकारी,आपूर्ती अधिकारी ,सरकारी तेल कपंनी के बिक्री अधिकारी, उपप्रादेषीक परीवहन अधिकारी, उपनियंत्रक/ साय्यक नियंत्रक अधिकारी के पास अधिकार है। इसके बावजुद घरेलू सिलेंडरो के दुरूपयोग के मामले को रोकने में सफलता नही मिल रही है, बल्कि इसके विपरीत ये मामले बढ ही रहे है। सरकारी राजस्व की, जन सामान्य की संपत्ती का नुकसान हो रहा है। इसका ध्यान रखना चाहिए। अतः हमारी मॉंग है कि अवैध सिलेंडरो के उपयोग पर 5 वर्ष की जेल और 1 लाख रूपये जुर्माने का कठोर प्रावधान हो। जिससे घरेलू सिलेंडरों का दुरूपयोग करने वालों मे डर पैदा हो। 

 नागरिकों से अपील:-हमारी नागरिकों से यहीं अपील है की हमें तुरंत जागरूक होना होगा। नागरिकों को ऑटोरिक्षा, कार या अन्य वाहनों में अवैध रूप से घरेलू गॅस सिलेंडर का उपयोग करने वालों को इसका नुकसान बताने होंगे। कोई भी अनियमितता होती देखें तो पुलिस व अन्न आपूर्ती विभाग को सुचित करें। तभी हम किसी बडी हानि को टाल सकते है। जागरूक नागरिक इसमें बडी संख्या में सहभागी हो सकते हैं। इस पत्रपरिशद में नितीन सोळंके,प्रशांत जामगळे यह उपस्थित थे ।  

प्रसिध्दी प्रमूख-प्रशांत जामगडे: मो. न.8956927915

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