शरीर शुद्धि प्राकृतिक चिकित्सा शिविर के तीसरे दिन अग्निहोत्र में 24 प्रकार की जड़ी बूटियों से विश्व शांति व कल्याण हेतु गायत्री मंत्र व महामृत्युंजय मंत्र की आहुतियां प्रदान की गई
बुरहानपुर//राजू सिंह राठौड़//श्री कृष्ण मंगल परिसर में अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वाधान में चल रहे हैं शरीर शुद्धि प्राकृतिक चिकित्सा शिविर के तीसरे दिन अग्निहोत्र में 24 प्रकार की जड़ी बूटियों से विश्व शांति व कल्याण हेतु गायत्री मंत्र व महामृत्युंजय मंत्र की आहुतियां प्रदान की गई। प्राकृतिक चिकित्सक श्री दीपांकर अत्रे के सानिध्य में साधकों को योग अभ्यास के दौरान ताड़ासन, तिर्यक ताड़ासन, कटिचक्रासन पवनमुक्तासन, भुजंगासन, संधि संचालन के सुक्ष्म आसनों को करवाया सभी साधकों को जलनेती करवाई गई। आचार्य दीपांकर ने बताया कि जल नेती श्वास, दमा, अस्थमा, एलर्जी, साइनस की समस्या, आंखों का चश्मा आखों की अनेक समस्यों के लिए ऋषियों द्वारा प्रणीत निशुल्क उपचार पद्धति है ।माइग्रेन व मस्तिष्क संबंधी रोगों में भी यह क्रिया आराम पहुंचाती है । जलनेति के उपरांत गोमूत्र स्नान, सूर्य स्नान करवाया गया। गायत्री परिवार के योगाचार्य अमर ठाकुर ने बताया कि शरीर से विजातीय तत्व अलग-अलग माध्यमों से निकाले जाते है जिसमें सूर्य वाष्प स्नान द्वारा पसीने के रूप में शरीर के विजातीय तत्व बाहर आते हैं जिससे त्वचा के सभी रूमकूप खुल त्वचा चमकदार हो जाती है। सूर्य की किरणें हमारे नाड़ी तंत्र या स्नायुमंडल का संचालन करके आवश्यक ऊर्जा प्रदान करती।
सूर्य स्नान के उपरांत सभी साधको ने 15 जड़ी बूटियों से युक्त सुगंधित आनंद अंगराज मिट्टी का लेप किया सभी श्री कृष्ण और शिव भक्ति के आध्यात्मिक गीतों पर साधकों ने खूब नृत्य कर नृत्य चिकित्सा का आनंद उठाया।।
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