प्रदेश के अधिकारियों, कर्मचारियों की न्यायोचित मांगों के संबंध में निर्णय लिये जाने
भोपाल//म.प्र. अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के जिला संयोजक मंडी कर्मचारी महासंघ प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संकेत प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मध्य प्रदेश कर्मचारी कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री ठाकुर संतोष सिंह दीक्षित ने बताया कि प्रदेश के अधिकारियों कर्मचारियों की न्यायोचित मांगो के सम्बन्ध में म.प्र शासन / प्रशासन को ज्ञापन /पत्र के माध्यम से मांगो की पूर्ति हेतु समय समय पर ध्यानाकर्षण करवायाजाता रहा है है | संपूर्ण भारतवर्ष में मध्य प्रदेश ऐसा इकलौता राज्य बन गया है | जहां पिछले 6 वर्षों से प्रदेश के अधिकारियों /कर्मचारियों की पदोन्नति रुकी हुई है जिससे प्रदेश के अधिकारियों /कर्मचारियों में दिन प्रतिदिन निराशा बढ़ने सेशासकीय. कार्यो पर भी बिपरीत प्रभाव पड़ रहा है साथ ही सरकार के प्रति कर्मचारियों का आक्रोश भी बढ़ता जा रहा है |
संयुक्त मोर्चा के जिला अध्यक्ष ठाकुर संजय सिंह गहलोत अपाक्स के जिला अध्यक्ष राजेश सावकारे अजाक्स के जिला अध्यक्ष राजेश साल्वे टीडब्ल्यूए के जिला अध्यक्ष जितेंद्र शर्मा शिक्षक कांग्रेस जिला अध्यक्ष शांताराम निंबोरकर धर्मेंद्र चौक से लिपिक वर्गीय संघ के संभागीय अध्यक्ष ठाकुर अरविंद सिंह उर्दू शिक्षक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशफाक खान स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष ठाकुर हेमंत सिंह वन कर्मचारी संघ के सचिन हम्बर अधिकारी संविदा कर्मी संघ के जिलाध्यक्ष रविंद्र सिंह राजपूत पेंशनर संघ के अत्ताउल्लाह खान संयुक्त मोर्चा द्वारा लंबित मांगो को लेकर चरणवद्द आन्दोलन के तहत द्वितीय चरण का ज्ञापन पुन: प्रस्तुत है |
आर्थिक मांगे :-
1 - मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन योजना पुन: लागू कि जावे |
2- प्रदेश के अधिकारियों कर्मचारियों एवं पेंशनरों को केंद्र के समान महंगाई भत्ता देते हुए
एरियर्स की राशि का भुगतान किया जाए
3- प्रदेश के अधिकारियों कर्मचारियों सहित निगम मंडल इत्यादि में का भत्ता व अन्य भत्ते सातवें वेतनमान अनुसार केंद्रीय कर्मचारियों के समान दिया जावे |
4- प्रदेश के अधिकारियों कर्मचारियों सहित पेंशनरों निगम मंडल इत्यादि में कार्यरत अधिकारियों कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ मंत्री परिषद के आदेश दिनांक 4 अप्रैल 2020 के संदर्भ में किया जावे |
5- लिपिक संवर्ग को मंत्रालय के समान समयमान वेतनमान दिया जावे |
6- पंचायत सचिव एवं स्थाई कर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ दिया जावे |
7- प्रदेश में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी, संविदा कर्मचारी, स्थाई कर्मी कर्मचारियों को विभाग
में रिक्त पदों के विरुद्ध नियमितीकरण करने के उपरांत शेष पदों पर सीधी भर्ती की जावे एवं विभागाध्यक्ष को अपने विभाग में उपरोक्त कर्मियों को नियमितीकरण के अधिकार दिए जावे तथा तृतीय श्रेणी /चतुर्थ श्रेणी के पदों पर आउट सोर्स से भर्ती पर रोक लगाए जाने के साथ , कार्यभारित कर्मचारियों को अवकाश नकदीकरण का लाभ दिया जावे |
8-भारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ सरकार की भांति म.प्र. के वे कर्मचारी जो पांचवे वेतनमान में 1 जनवरी से 30 जून के मध्य वेतनवृद्धि प्राप्त करते थे उन्हे एक अतिरिक्त वेतनवृद्धि का लाभ दिया जावे
9- प्रदेश के पटवारीयो का ग्रेड पे 2800 रु किया जावे
10 - सभी विभागों के कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ पदोन्नत वेतनमान के अनुसार दिया जावे
11 -आँगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं एवं कोटवारो को मान. उच्चतम न्यायालय के निर्णय अनुसार नियमित वेतनमान , Gratuty and pensionary benefit का लाभ दिया जाए |
12- आशा कार्यकर्ताओ को 10 हजार रूपये प्रतिमाह मानदेय दिया जावे |
13 - अतिथि शिक्षक एवं अतिथि विद्वानों को नियमित किया जावे एवं आउट सोर्से कर्मचारियों को भी नियमित किया जावे
अनार्थिक मांगे :-
1 - प्रदेश के अधिकारियों कर्मचारियों की पदोन्नतियां अति शीघ्र प्रारंभ की जावे |
2 - सहायक शिक्षक/ शिक्षक एवं हेड मास्टर को समय मान वेतनमान के आदेश के उपरांत वरिष्ठता और योग्यता के आधार पर पदोन्नति/ पदनाम दिया जावे एवं ग्रेड पे में सुधार किया जाकर अर्जित अवकाश नकदीकरण की सीमा को 300 दिवस का आदेश किया जाय |
3 - नए शिक्षा संवर्ग (राज्य शिक्षा सेवा) में नियुक्त अध्यापक संवर्ग को नियुक्ति के स्थान पर संविलियन के आदेश जारी कर सेवा अवधि की गणना प्रथम नियुक्ति दिनांक(शिक्षा कर्मी, संविदा शिक्षक , गुरुजीओ) के पद पर नियुक्ति के दिनांक से करते हुए वरिष्ठता के आदेश जारी करते हुए क्रमोन्नति का लाभ दिया जावे |
4 - वन विभाग के कर्मचारियों को बिना जांच केअपराध प्रकरण में कोई भी गिरफ्तारी नहीं की जावे
5 - स्वास्थ विभाग के कर्मचारियों की लंबित मांगो का शीघ्र निराकरण किया जावे |
6 - वाहन चालकों की नियमित भर्ती की जावे एवं पद नाम परिवर्तित कर टैक्सी प्रथा पर पूर्णता प्रतिबंध लगाया जाए |
7 -निर्माण विभागों में तृतीय समयमान वेतनमान प्राप्त करने के लिए विभागीय परीक्षा की वाध्यता समाप्त कर अन्य विभागों की भांति तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ दिया जावे |
8 -भृत्य का पदनाम परिवर्तित किया जाकर कार्यालय सहायक किया जावे |
9 -आयुष विभाग के कर्मचारियों की नैतिक मांगो का निराकरण शीघ्र किया जावे|
10 -प्रदेश के सभी विभागों में अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों का तत्काल निराकरण किया जाए एवं नियमोका सरलीकरण करते हुए 3 वर्ष में सी.पी.सी.टी. परीक्षा उतीर्ण करने की अनिवार्यता में संसोधन कर पूर्व नियमो के अनुसार सी.पी.सी.टी. परीक्षा उतीर्ण करने केउपरांत वेतन वृद्धि का लाभ दिया जावे एवं सेवा समाप्ति के आदेश को निरस्त किया जावे |
11 - परामर्श दात्री समिति की विभिन्न स्तरों पर होने वाली बैठके शीघ्र प्रारम्भ की जावे |
अतः मोर्चे का आपसे विशेष आग्रह है, कि उपरोक्त मांगों के संबंध में तत्काल निर्णय लेकर आदेश जारी करने की कृपा करें
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