ताप्ती मेगा रिचार्ज परियोजना के क्रियान्वयन को लेकर उप-मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस से पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने की चर्चा
बुरहानपुर। ताप्ती मेगा रिचार्ज योजना के क्रियान्वयन हेतु महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फड़णवीस से भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) ने इंदौर प्रवास के दौरान चर्चा की।
भेंट के दौरान श्रीमती चिटनिस ने श्री फड़णवीस को बुरहानपुर सहित महाराष्ट्र के 5 जिलों की जीवन रेखा ताप्ती मेगा रिचार्ज योजना की विस्तृत जानकारी देते हुए योजना के जमीन पर क्रियान्वयन किए जाने हेतु आवश्यक निर्देश संबंधित अधिकारियों को देने की बात कही। श्रीमती चिटनिस ने कहा कि यह वृहद जल पुनर्भरण योजना मध्यप्रदेश तथा महाराष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण योजना है एवं इससे क्षेत्र के समग्र विकास हेतु जल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। श्री फड़णवीस ने कहा कि ताप्ती मेगा रिचार्ज योजना उनकी प्राथमिकता में है। उन्होंने कहा कि निश्चित ही मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के सामुहिक प्रयास से इस महती परियोजना को जल्द ही जमीनी स्तर पर उतारने के लिए हम मध्य प्रदेश सरकार के साथ मिलकर कटिबद्ध है।
श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि मध्यप्रदेश में 15 माह की कांग्रेस की सरकार व महाराष्ट्र में भाजपा सरकार न होने के कारण सभी विकास कार्य ठप्प पड़ गए थे। इसमें ताप्ती मेगा रिचार्ज परियोजना में विलंब हुआ। श्रीमती चिटनिस ने श्री देवेन्द्र फड़णवीस जी को याद दिलाया कि आपने मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान उक्त परियोजना का प्रजेंटेशन जलंगाव में देखा था और हवाई सर्वेक्षण भी किया था। अब पुनः मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार बन गई है सो इसको शीघ्र स्वीकृत कराने की मांग है। श्रीमती चिटनिस ने कहा कि महाराष्ट्र में उप मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फड़णवीस जी एवं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह जी चौहान के प्रयासों से यह परियोजना निश्चित की मूर्तरूप लेंगी।
पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने उप मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फड़णवीस से चर्चा के दौरान कहा कि गत कार्यकाल में ताप्ती मेगा रीचार्ज परियोजना के क्रियान्वयन की दृष्टि से गति पकड़ी थी। केंद्र के साथ-साथ मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र में पुनः भा.ज.पा.की सरकारें बन गई है। श्रीमती चिटनिस ने इस प्रस्ताव को शीघ्रता-शीघ्र अंतर्राज्यीय नियंत्रण बोर्ड, केंद्रीय जल आयोग व मध्यप्रदेश सरकार को भेजने हेतु निर्देशित करने का अनुरोध किया।
श्रीमती चिटनिस ने कहा कि यह परियोजना अपने देश की एक अभिनव एवं अजुबी परियोजना है। इसमे भूगर्भ की संरचना का आधार लेकर लगबग 90 हजार करोड़ लीटर (31 टी. एम. सी.) पानी का हर वर्ष पुनर्भरण होना है। भारत सरकार के निर्देश एवं दोनो राज्य सरकारों के निरंतर प्रयास से वेपकोस नई दिल्ली कार्यालय डी.पी.आर. कर दिया है। जिसके तहत मध्यप्रदेश का 1.23 लाख हेक्टेयर एवं महाराष्ट्र का 2.34 लाख हेक्टेयर पुनर्भरण से लाभान्वित होने वाला है तथा 48 हजार हेक्टेयर सीधी सिंचाई से लाभ होगा। जिससे मध्यप्रदेश के बुरहानपुर एवं खंडवा तथा महाराष्ट्र के जलगांव, बुलढाणा, अकोला और अमरावती जिले के क्षेत्र सम्मिलित है।
श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि इस परियोजना अंतर्गत पुनर्भरण से जलस्तर बढ़ना, भूजल गुणवत्ता सुधार, महाराष्ट्र के विदर्भ के खारपण पट्टा में क्षारों की तीव्रता (डेल्यूशन) कम होकर भूजल उपयुक्तता बढ़ाना, तालाब से सीधी सिंचाई होना एवं पर्यावरण का संरक्षण व संवर्धन होने का ध्येय निश्चित है। इस पर योजना की अनुमानात लागत रु. 19 हजार करोड़ के आसपास है तथा समुचित लाभांश क्षेत्र 3.57 लाख हेक्टेयर है। इस योजना का लाभव्यय रेशों 2.05 है जो कि बहुत अच्छा समझा जाता है।
rashtriya news

कोई टिप्पणी नहीं