बाबा साहब का महापरिनिर्वाण दिवस मनाया
बूरहानपुर । 6 दिसंबर को जिले में अनेक स्थानों पर विभिन्न संगठनों व समाजजन ने बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर महापरिनिर्वाण दिवस मनाया। प्रातः से ही बाबा साहब की प्रतिमा स्थलों पर लोगों का जाना प्रारंभ हो गया था जो देर शाम तक चलते रहा।
हिंदू जागरण मंच जिला अध्यक्ष ठा प्रियांक सिंह ने कहा डॉ भीमराव रामजी अम्बेडकर जिन्हें आमजन बाबा साहब के नाम से भी जानते हैं डॉ अम्बेडकर को संविधान का जनक कहा जाता है। 06 दिसंबर 1956 को उनकी मृत्यु हुई थी हर वर्ष 06 दिसंबर को बाबा साहेब की पुण्यतिथि को महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है। गरीब और दलित वर्ग की स्थिति में सुधार लाने में बाबा साहब की अग्रणी भूमिका रही है उन्होंने समाज से छूआछूत समेत कई प्रथाओं को खत्म करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। बौद्ध धर्म के अनुयायियों का मानना है कि उनके बुद्ध गुरु भी डॉ अम्बेडकर की तरह ही सदाचारी थे. बौद्ध अनुयायियों के अनुसार
क्या है महापरिनिर्वाण और इसे मनाने का महत्व
परिनिर्वाण का अर्थ है ‘मृत्यु पश्चात निर्वाण’ यानी मौत के बाद निर्वाण। परिनिर्वाण बौद्ध धर्म के कई प्रमुख सिद्धांतों और लक्ष्यों में से एक है इसके अनुसार, जो व्यक्ति निर्वाण करता है वह सांसारिक मोह माया, इच्छा और जीवन की पीड़ा से मुक्त रहता है साथ ही वह जीवन चक्र से भी मुक्त रहता है लेकिन निर्वाण को हासिल करना आसान नहीं होता है इसके लिए सदाचारी और धर्मसम्मत जीवन व्यतीत करना पड़ता है। बौद्ध धर्म में 80 वर्ष में भगवान बुद्ध के निधन को महापरिनिर्वान कहा जाता है। बाबा साहब भी अपने कार्यों से निर्वाण प्राप्त कर चुके हैं इसलिए उनके पुण्यतिथि को भी महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है।
बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते समय ठा प्रियांक सिंह, विनोद लौंढे, कार्तिक महाजन, भूषण सूर्यवंशी, अशोक पाटिल, पवन चौहान, एकनाथ प्रजापति, सचिन चौधरी, महेश इंगले, शुभम कोगे वह अन्य समाजजन उपस्थित रहे।
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