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नारी का सम्मान जहां है संस्कृति का उत्थान वहां है

 


बुरहानपुर/नारी का सम्मान जहां है संस्कृति का उत्थान वहां है

 4000 कन्याओं ने गायत्री मंत्र जप व माता पिता, गुरु के दिए संस्कारों से जीवन को श्रेष्ठ ओर चरित्रवान बनाने का लिया संकल्प

4000 कन्या कौशल संस्कार शिविर गोलोक धाम खड़कोद में अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वाधान में नारी जागरण आंदोलन के अंतर्गत  4000 कन्या कौशल संस्कार शिविर का आयोजन गोलोक धाम खडकोद में सम्पन्न हुआ शांतिकुंज हरिद्वार से पधारे मधुसूदन गीते ने कन्याओं को संबोधित करते हुए कहा कि  गुण कर्म स्वभाव चिंतन ,चरित्र व्यवहार में संस्कारो का जागरण गायत्री महामंत्र से किया जा सकता है देश की महान वीरांगनाओं ने अपनी उर्जा शक्ति विशिष्ठ संस्कारों  से महान कार्य कर अपना नाम रोशन किया। गायत्री परिवार के बृजेश पटेल ने बताया कन्या कौशल संस्कार शिविर का उद्देश्य कन्याओं को अपने श्रेष्ठ संस्कार व चरित्र से परिवार तथा समाज का निर्माण करना,शारीरिक मानसिक बौद्धिक रूप से परिपक्व तथा आर्थिक रूप से स्वावलंबी जीवन जीना, योग प्राणायाम द्वारा स्वस्थ की रक्षा आदि बताया ।शास्त्रों में कन्या को नारायणी व  निर्मात्री कहा गया है अगर नारी अपनी शक्ति को पहचान ले तो न केवल हूं अपना बल्कि परिवार समाज व राष्ट्र का निर्माण में भी अग्रणी भूमिका निभा सकती है कहा गया है यत्र पूज्यंते नारी रमंते तत्र देवता प्राचीन काल में जब देश जगद्गुरु था तब हमने नारी शक्ति की उपासना की थी हमें समाज में नारी के उसे स्वरूप को पुनः प्रतिष्ठित करना होगा और इस हेतु नारी को समाज में उसे रूप में अपना आदर्श प्रस्तुत करना होगा। यदि नारी ने अपने चरित्र की रक्षा नहीं की तो 32 टुकड़ों की कहानी हमारे आस पड़ोस में भी दिखाई दे सकती है। गायत्री परिवार नारी के इसी स्वरूप को समाज में स्थापित करने हेतु कन्याओं के जागरण द्वारा राष्ट्र के निर्माण के सूत्र पर प्रत्येक जिले में ग्राम तहसील व जिला स्तर तक ऐसे शिविरो को लगाने का कार्य कर रहा है।  गायत्री परिवार की पौर्णिमा पवार ने बताया संस्कार से ही संस्कृति बनती है और संस्कृति से ही देश बनता है बेटियों आज के व्यसन ओर फैशन के चकाचौंध वातावरण से हमें बचकर अपने माता-पिता गुरु ने दिए संस्कार पर चलना है हमें अपने जीवन में माता सीता के गुणों को धारण करना है हमारे देश में कहीं महान नारियों ने अपनी प्रतिभा से अपने संस्कार से अपने व्यवहार से कही महान कार्य किये हमें भी अपने जीवन में शालीनता,सहिष्णुता, सभ्यता मधुरता ममता करुणा दयालु जैसे गुणों को अपनाना है जीवन का असली श्रृंगार सादा जीवन उच्च विचार हैं तभी नारियों का सम्मान होगा और जब नारियों का सम्मान होगा तभी संस्कृति का उत्थान होगा ।कन्या कौशल संस्कार शिबिर में कन्याओं ने स्वस्थ रहने के ओर आज के असुर शक्तिओ से बचने के लिए हम अपने आपको शक्तिशाली बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण टिप्स दिए गए ।योग,लाठी,तलवार,कराटे,देश भक्ति गीत,व्यसनमुक्ति नाटक,दहेज प्रथा बंदी ,बेटी बचाव बेटी पढाव ,शौचालय स्वच्छता ,कम आयु में विवाह बंदी ,व्यसन ओर फैशन,मोबाइल के दुरुपयोग के दुष्परिणाम,आदर्श बेटी इन सभी विषयों पर कन्याओं ने प्रेरणाप्रद नाटक की सुंदर प्रस्तुति दी इन प्रस्तुति से कन्याओं को उज्ज्वल भविष्य के संदेश दिया गया । शांतिकुंज हरिद्वार से पधारे पन्नालाल बिरला ने कन्या को संबोधित करते हुए बताया कि यदि हम गायत्री मंत्र का नियमित जाप करें तो हमारे जीवन में आसुरी शक्तियों का चकाचौंध दूषित वातावरण का किसी भी प्रकार का कोई भी प्रभाव नहीं पड़ेगा साथ ही जीवन श्रेष्ठ ओर आदर्श बनता जाएगा ।गुरुदेव ने कहा है नारी का सम्मान जहां है संस्कृति का उत्थान वहां है वही सम्मान आपका होगा सचिन पाटिल ने बताया कार्यक्रम के समापन में सभी कन्याओं को शांतिकुंज पंचांग,सद्साहित्य भेट किया गया।

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