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ना झुनझुना , ना ही लॉलीपॉप। मामा अबकी बार नियमित करो आप।


बुरहानपुर/संविदा स्वास्थ कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल का आज का  नौवां दिवस हैं। जिलाध्यक्ष रविन्द्र सिंह राजपूत द्वारा बताया गया की हड़ताल के नौवे दिन दिनांक 23 दिसम्बर 2022 को संविदा स्वास्थ कर्मचारी अपनी लंबित दो सूत्रीय मांगों को लेकर  विरोध प्रदर्शन  स्वरूप आज झुनझुना और लॉलीपॉप दिखाकर प्रदर्शन किया गया ।



जिला सचिव अनिल महाजन ने जानकारी दी की संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी जायज मांगों को लागू करने हेतु विगत वर्ष 2013 से हड़ताल कर रहे। हड़ताल के प्रथम वर्ष तेरह दिवस की हड़ताल के उपरांत माननीय मुख्यमंत्री जी निज सचिव द्वारा मांगो को पूर्ण करने का आश्वासन दिया गया था, किंतु कुछ भी लाभ नही मिला। उसके पश्चात वर्ष 2016 अठारह दिवस की हड़ताल की उस समय के स्वास्थ मंत्री द्वारा विधानसभा भवन में प्रदेश कार्यकारिणी को बुलाकर मांगे मानी गई, किंतु इस भी संविदा स्वास्थ कर्मचारियों के साथ छलावा किया गया। वर्ष 2017 में भी 9 दिन की हड़ताल की गई, किंतु कुछ नही मिला।

वर्ष 2018 की में संविदा स्वास्थ कर्मचारियों द्वारा एतिहासिक 42 दिवस अनिश्चितकालीन हड़ताल की गई।  माननीय मुख्यमंत्री महोदय श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा CM हाऊस बुलाकर हड़ताल स्थगित कराई गई। फलस्वरूप मुख्यमंत्री महोदय द्वारा नियमित कर्मचारियों के समान 90 प्रतिशत की पॉलिसी बनाई गई। और उनके स्वयं के द्वारा कहा गया की संविदा व्यवस्था एक अभिशाप है और इसे मैं समाप्त करूंगा, किंतु खेद का विषय है की यह पॉलिसी भी संविदा स्वास्थ कर्मचारियों के लिए एक जुमला ही साबित हुई, उन्हे इसका भी लाभ नही दिया गया।

तात्पर्य यह है कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा हर बार संविदा कर्मचारियों को झुनझुना व लोलीपॉप थमाया गया। 



*संविदा स्वास्थ कर्मचारी के निधन पश्चात, उनकी पत्नी की दुखभरी व्यथा*


आपको बता दे की चार माह पूर्व सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में पदस्थ संविदा स्वास्थ कर्मचारी स्वर्गीय नरेंद्र भास्कले की आकस्मिक निधन हो गया। निधन होने के पश्चात उनकी पत्नी दुर्गा भास्कले द्वारा आज पंडाल में आकर कहा गया की मेरे पति आज नियमित होते तो मुझे आज किसी के आगे दर दर भटकने की नौबत नहीं आती। मुझ पर आज जीवन यापन का संकट है, संविदा में ना ही कोई अनुकम्पा और ना ही किसी भी प्रकार की क्षतिपूर्ति राशि आज दिनांक तक प्राप्त नहीं हुई है। मेरी मामाजी से विनम्र विनंती है कि सभी संविदा स्वास्थ कर्मचारियों को नियमित करें।


इस बार संविदा कर्मचारी अपनी मांगो को पूरा करने के लिए अडिग हैं और नारे लगा रहे हैं की

ना झुनझुना , ना ही लॉलीपॉप।

मामा अबकी बार नियमित करो आप।


आश्वासन नही आदेश चाहिए

नियमितीकरण का संदेश चाहिए

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