कसम खिलाकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं 11000/- रू. के अर्थदण्ड से दंडित किया।
अतिरिक्त जिला अभियोजन श्री रामलाल रन्धावे द्वारा अभियोजित प्रकरण में मा. विशेष सत्र न्यायाधीश श्री आर.के. पाटीदार ने, दरगाह, मंदिर पर ले जाकर कसम खिलाकर दुष्कर्म करने वाले आरेापी सचिन मिश्रा को धारा 376, 376(2)(आई), 376(2)(एन), 376(3), 506, 508 भादवि तथा धारा 5/6, 17 पॉस्को, के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं 11000/- रू के अर्थदण्ड. से दंडित किया ।
अतिरिक्त. जिला अभियोजन अधिकारी श्री रामलाल रन्धावे ने बताया कि, घटना दिनांक 26-12-2018 को आरोपी सचिन मिश्रा ने अभियोक्त्री को फोन करके बुलाया की आज क्रिसमस की पार्टी है है मेरे घर आजा वहॉ घर पर बोला कि मैं तुझे चाहता हु तेरे से शादी करना चाहता हु कहते हुये सचिन मिश्रा ने बालिका की मर्जी के बिना दुष्कर्म किया तब से सचिन मिश्रा बालिका को फोन कर डराता धमकाता था कि तु नही आयी तो मैंने तेरे साथ दुष्कर्म किया है यह बात मोहल्ले वाले एवं तेरी सहेलियो को बता दूंगा। बालिका बदनामी के डर के कारण सचिन मिश्रा के घर दोपहर में जाती थी और सचिन मिश्रा उसकी मर्जी के बिना दुष्कर्म करता था। जुलाई 2019 को भी बालिका को उसने अपने घर बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म किया फिर दरगाह, मंदिर ले जाकर कसम खिलाता कि तु मेरे को छोडकर किसी ओर से प्यार करेगी तो अंधी हो जायेगी, पागल हो जायेगी । दिनांक 03-10-2019 को सचिन मिश्रा ने बालिका को उसके घर बुलाया डरा धमका कर उसके घर के अंदर छोटे से मंदिर के सामने बालिका से शादी की तथा उसकी मॉ किरण मिश्रा ने बालिका को जबरदस्ती शाडी पहनाई और बोली की तुझे मेरे लडके से शादी करना पडेगी, शादी का वीडियो सलीम नाम के व्येक्ति ने बनाया। अभियोक्त्रीा की सूचना पर थाना कोतवाली द्वारा अभियुक्तगण के विरूद्ध धारा 376, 376(2)(आई), 376(2)(एन), 376(3), 506, 508 भादवि तथा धारा 5/6, 17 पास्को एक्ट के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तु्त किया गया।
प्रकरण महिला एवं बच्चोंय के विरूद्ध होने वाले अपराधों से संबंधित होने के कारण गंभीर प्रकृति का है इस कारण से इस प्रकरण में शासन की ओर से सफलतापूर्वक पैरवी अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी श्री रामलाल रन्धांवे द्वारा की गई। मा. विशेष सत्र न्याअयाधीश श्री आर. के. पाटीदार ने आरोपी सचिन मिश्रा को धारा धारा 376, 376(2)(आई), 376(2)(एन), 376(3), 506, 508 भादवि तथा धारा 5/6, 17 पॉक्सो एक्ट के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं 11000/- रू के अर्थदण्ड से दंडित किया।
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