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चन्द्र ग्रहण 8 नवंबर, चंद्र ग्रहण का समय, किसके लिए होंगा घातक, किसे होंगा फ़ायदा



कार्तिक महीना भगवान विष्णु को काफी प्रिय माना जाता है। बहुत से मित्र कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान व दान करते हैं। इस बार कार्तिक पूर्णिमा आठ नवंबर को है। और इस दिन चंद्र ग्रहण भी लग रहा है। कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा, देव दीपावली भी कहते हैं।।

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पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ - नवम्बर 07, 2022 को शाम 04 बजे। 

पूर्णिमा तिथि समाप्त - नवम्बर 08, 2022 को शाम 04:34 बजे तक। 

 💥*चन्द्र ग्रहण का समय* 💥

*चंद्रग्रहण दोपहर 2:39 पर शुरू होगा और मध्यकाल 4: 29 पर रहेगा और शाम 6:19:03 बजे ग्रहण खत्म हो जाएगा। ग्रहण का सूतक काल भारतीय स्टैंडर्ड टाइम सुबह 05 30 बजे शुरू होगा, जो शाम 6 19 बजे समाप्त होगा। सूतक काल शुरू होने के बाद मंदिरों में दर्शन पर रोक रहेगी। सूतक शुरू होते ही मंदिरों के पट बंद कर दिए जाएंगे। सूतक काल की समाप्ति के बाद मंदिरों के पट खोले जाएंगे और देव स्नान और सफाई के बाद पूजा-अर्चना होगी।* (देश के अलग-अगल हिस्सों में ग्रहण का समय अलग अलग है )। 


*जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है, तो सूर्य की रोशनी चंद्रमा पर नहीं पड़ती इस घटना को चंद्र ग्रहण कहते हैं।। यह ग्रहण थाईलैंड, गोटे माला, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, फिलीपींस, जापान, मेक्सिको, चाइना, म्यांमार और भारत के अधिकतर भागों में पूर्ण रुप से दिखाई देगा।* 

 👉 💥 *चंद्र ग्रहण, भरणी नक्षत्र और मेष राशि में लगने जा रहा है। इसलिए भरणी नक्षत्र और मेष राशि के व्यक्तियों के लिए विशेष अशुभ रहेगा।* 💥 


💥 *विभिन्न राशियों के लिए ग्रहण का फल: - मेष राशि के लिए महान कष्ट, वृषभ हानि, मिथुन और कर्क लाभ, सिंह और कन्या अपमान और महा कष्ट, तुला के लिए परिवारिक नोकझोंक, वृश्चिक सुख, धनु चिंता, मकर कष्ट, कुंभ धन लाभ और मीन राशि वालों के लिए हानि।* 💥


पूजा -विधि- ✔️

*इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा से एक दिन पहले मनेगी देव दीपावली। सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें। पूर्णिमा के पावन दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना भी करें। भोग लगाएं। भोग में तुलसी को भी शामिल करें। डॉ नारायण ज्योतिषाचार्य के अनुसार तुलसी के बिना भगवान विष्णु भोग स्वीकार नहीं करते हैं। सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। उसके बाद आरती करें। और ध्यान करें। पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व होता है। चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा की पूजा अवश्य करें। चंद्रमा को अर्घ्य देने से दोषों से मुक्ति मिलती है। श्रद्धा अनुसार दान पुण्य करें।* 


❌चंद्र ग्रहण के समय न करें ये काम ❌

 *चंद्र ग्रहण के दौरान पूजा न करें। ध्यान और मंत्र जाप और मौन व्रत करें। ग्रहण के समय मंदिर के कपाट को बंद रखें। घर में रखे हुए खाने-पीने की चीजों में कुश या ढाब, तुलसी के पत्ते डाल दें। ऐसा करने से भोजन पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता है। ग्रहण के समय भोजन न करें। गर्भवती महिलाएं ग्रहण के दौरान बाहर न निकलें। ग्रहण के समय ना सोएं। ग्रहण समाप्ति के बाद पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें। पूरे घर में गंगा जल का छिड़कें। ग्रहण को ना देखें।* 


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प्रेम और शुभकामनाओं के साथ:  

*एस्ट्रोगुरु डाॅ नारायण* 

*अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिषी, ध्यानगुरु एवं वास्तु विशेषज्ञ, हरियाणा भारत* 

 ☎️ *+91 94163 05316*

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