कार्यक्रम-मुनिश्री के लोहामंडी में चातुर्मास मंगल कलश स्थापिक किया। जीवन को तीर्थ बनाकर जीना है तो पुण्य जरूर करें-मुनिश्री मुनिश्री विनय सागर महाराज लोहमडी पहुचकर पवन जैन पत्रकार के निवास पर मंगल कलश स्थापित किया।
ग्वालियर-: दुनिया में हर चीज का मूल्य है कुछ चीजों का सिर्फ मूल्य है तो कुछ चीजें बहुमूल्य हैं। एक समय ही है जो अमूल्य है समय को खरीदा या बेचा नहीं जा सकता। आदमी पैसा तो ज्यादा से ज्यादा कमा सकता है पर समय नहीं कमाया जा सकता। दुनिया का पूरा पैसा मिल कर भी एक सैकेंड नहीं खरीद सकता। समय के रहते संभल जाओ वरना तुम्हें पता ही होगा कि समय की मार बड़ी गहरी होती है। उक्त उद्गार श्रमण मुनिश्री विनय सागर महाराज ने आज बुधवार को लोहामंडी स्थित नयागंज पवन जैन पत्रकार के निवास पर चातुर्मास कलश स्थापना पर संबोधित करते हुए कही।
मुनिश्री ने कहा कि कपड़ा चूहा भी काटता है और दर्जी भी। चूहा काटता है तो बंटाधार हो जाता है और दर्जी काटता है तो उद्धार हो जाता है। जीवन ज्ञानी-अज्ञानी दोनों जीते हैं, अज्ञानी जीवन को तमाशा बनाकर जीता है और ज्ञानी जीवन को तीर्थ बनाकर। जीवन को तीर्थ बनाकर जीना है तो हर रोज कम से कम दो पुण्य जरूर करें। जिस रोज दो पुण्य न कर सको, शाम को दो रोटी कम खाना। रात में भूख लगेगी तो अपने आप अक्ल आ जाएगी। मुनिश्री ने कहा कि पुण्य सबसे बड़ा सुरक्षा कर्मी है। अत: सत्कर्म करते चलो और पुण्य से झोली भरते चलो। केवल पैसा मत कमाओ। पैसे के साथ प्रतिष्ठा और प्रसन्नता भी कमाओ। पैसा तो वेश्या भी कमा लेती है। प्रतिष्ठा और प्रसन्नता पुण्य की हमजोली है। पैसा इस लोक में काम आ सकता है, परलोक में नहीं। परलोक में तो तुम्हारा पुण्य ही काम आएगा। वह पुण्य प्रभु के दर पर सिर झुकाने और प्रभु के बताए पथ पर चलने से मिलता है। मुनिश्री के चरणों मे पवन जैन पत्रकार, मीनाक्षी जैन, विपुल जैन, दिलीप जैन, राजेश जैन लाला, कमल जैन, रजत जैन ने श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद लिया।
*मुनिश्री ने मंत्रो से निवास पर चतुर्मास मंगल कलश स्थापना कराई*
जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि श्रमण मुनिश्री विनय सागर महाराज ने बिशेष मंत्रो का उच्चारण कर चातुर्मास मंगल कलश स्थापना पवन जैन पत्रकार धर्मपत्नी मीनाक्षी जैन, दिलीप जैन, अनिल जैन रजत जैन परिवार ने पूजा अचर्ना कर स्थापना की। वही मुनिश्री विनय सागर महाराज की आहराचार्य पवन जैन, मीनाक्षी जैन रजत जैन कराई। आहराचार्य के उपरांत मुनिश्री के चरणों का पदा प्रक्षालन कर दीपो से आरती उतारकर आशीर्वाद लिया। दोपहर में मुनिश्री ने पद विहार उप ग्वालियर से फूलबाग, नई सड़क से होते हुए माधौगंज स्थित चातुर्मास स्थल आशियाना भवन पहुँचे।
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