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उतावली नदी के पुराने पुल का उपयोग करते हुए बने संरचना

 


बुरहानपुर। बुधवार प्रातः 8 बजे सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल एवं भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) अचानक खंडवा रोड पर उतावली नदी पर स्थित पुराने पुल का निरीक्षण किया। इस दौरान नगर पालिक निगम, जल संसाधन विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी विभाग सहित तकनीकी अमला उपस्थित रहा। 

सांसद श्री पाटिल ने एवं पूर्व मंत्री श्रीमती चिटनिस कार्यस्थल का अवलोकन करते हुए संबंधित अधिकारियों को जल संरचना निर्माण हेतु सुझाव दिए। पुराने पुल का उपयोग कर पानी रोकने हेतु जल संरचना का निर्माण किया जाए। उन्होंने डीपीआर बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि यहां पानी रोकने हेतु यथोचित प्रयास किया जाए। 

इस दौरान मुकेश शाह, चिंतामन महाजन, रूद्रेश्वर एंडोले, जनपद पंचायत सदस्य अनवर साहब, मुख्तिार साहब सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी व क्षेत्रवासी उपस्थित रहे। 

अवलोकन के पश्चात श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि जब से उतावली पर बड़े पुल का निर्माण हुआ था तभी से मन में था कि पुराने पुल का उपयोग जल रोकने हेतु किया जाना चाहिए। लंबे समय इसके लिए प्रयासरत हूं। उन्होंने कहा कि कम लागत से पानी रोकने का एक प्रभावी और बड़ा काम हो जाएगा। उतावली नदी में बरसात में पानी आता तो बहुत है, पर सारा का सारा पानी बहके निकल जाता है। इस कार्य मंे नगर निगम को जल संसाधन विभाग तकनीकी रूप से सहयोग करेंगा।

श्रीमती चिटनिस ने कहा कि उतावली नदी पर स्थित पुराने पुल को स्टाम-डेम में परिवर्तित कर जल संरचना का निर्माण किया जाएगा। इससे जल संचय होकर क्षेत्र के भूजलस्तर में वृद्धि हो सकेंगी तथा आसपास के ट्यूबवेल, कुप, बावडि़यों एवं कुओं का भी जलस्तर बढ़ सकेंगा। वहीं आसपास के खेतों में पर्याप्त सिंचाई हेतु जल उपलब्ध होेगा। श्रीमती चिटनिस ने कहा कि उतावली नदी का पानी बहता हुआ पानी है और साफ भी है, जंगलों-खेतों का का पानी है, यह प्रदूषित जल नहीं है। इस शुद्ध पानी को रोककर जलपुनर्भरण किया जाएगा। जल संरचना का निर्माण होने से हजारों एकड़ भूमि, खेतों, कुएं, बावडि़यों का जलस्तर भी बढ़ेगा और समीप स्थित नगर निगम के सम्पेल के रिचार्ज की स्थिति भी बन सकेंगी। सांसद श्री पाटिल ने भी शीघ्र-अतिशीघ्र इस कार्य के क्रियान्वयन के लिए निर्देशित किया।

पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि वर्षा के जल को सहजने का प्रयास जिले में अपने शिखर पर है। तालाबों, अमृृत सरोवर सहित अन्य जल संरचनाओं का निर्माण कार्य प्रगतिरत् है। वर्षा का जल संग्रहण सभी क्षेत्रों के लोगों के लिए जरूरी है। सतह से बारिश के पानी को इकट्ठा करना बहुत ही असरदार और पारंपरिक तकनीक है। इससे छोटे तालाबों, भूमिगत टैंकों, बांध आदि के इस्तेमाल से जल संरक्षण किया जा सकता है। भूमिगत पुनर्भरण तकनीक जल संग्रहण का एक नया तरीका है। 


दिनांक:- 18 मई 2022

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